# मुंबईस्पेंड: देखिए, मुंबई ने कैसे किया है शहर के रख-रखाव पर खर्च
- चालू वित्त वर्ष में, मुंबई के दिए गए नागरिक फंड बजट में से 40 फीसदी के करीब या 978 करोड़ रुपए शहर के जल निकासी व्यवस्था के विकास और रखरखाव के लिए खर्च किए गए हैं। फिर भी, 29 अगस्त, 2017 को, 12 घंटे में 315.8 मिमी बारिश के साथ, मुंबई डूब गई।
- अप्रैल, 2014 से अगस्त, 2017 तक के साढ़े तीन साल के दौरान, छह कंपनियां- ‘आरपीएस इन्फ्राप्रोजेक्ट्स’, ‘केआर कंस्ट्रक्शन’, ‘रेलॉन’, ‘आरके माधनी’, ‘जे कुमार एंड को.’ और ‘प्रकाश इंजीनियर्स’- सड़क विभाग द्वारा निष्पादित होने वाली 55 फीसदी या 4,272 करोड़ रुपए की लागत वाली सड़क परियोजनाओं में शामिल थे। बीएमसी ने मार्च, 2017 में इनमें से पांच ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट कर दिया था।
- 1 अप्रैल, 2014 से 30 अगस्त 2017 के बीच, बीएमसी ने कचरा प्रबंधन पर खर्च किए 2,428 करोड़ रुपए का 10 फीसदी से अधिक, दो ठेकेदारों ( एंटनी लारा एनविरो सॉल्यूशंस और एम के एंटरप्राइजेज ) को शहर के कचरे को इकट्ठा करने, परिवहन और निपटाने के लिए दिया गया था। फिर भी, 29 अगस्त, 2017 को, शहर की निकास नली में कचरा ही कचरा था।
29 अगस्त, 2017 को, मूसलधार बारिश के कारण मुंबई के नागरिकों को कुछ ऐसा महसूस हुआ, जो पहले कभी नहीं हुआ था। वर्ष 2005 में आए बाढ़ के बाद से, 29 अगस्त, 2017 को 12 घंटे में दर्ज सबसे भारी वर्षा है, लेकिन ऐसी अफरा-तफरी, हर मानसून में आम हो रही है।
जल भराव, शॉर्ट सर्किट, पेड़ों का गिरना, कचरे से भरी नालियां, गड्ढों वाली सड़कें और ट्रैफिक जैम की शिकायतें आम हैं। और सवाल यही उठता है कि भारत की सबसे अमीर नगर पालिका कर से आए रुपए को कैसे खर्च करती है? कौन हैं इसके ठेकेदार और कौन है इस हालत के लिए जिम्मेदार?
हमारी नई परियोजना, मुबंईस्पेंड इन सवालों का जवाब देती है। ऐसा पहली बार हुआ है कि वास्तविक समय में मुंबई के नागरिक व्यय डेटा सार्वजनिक हुआ है । इससे नागरिकों और मीडिया को सीधे बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के खर्च को देखने, समझने और निगरानी करने का मौका मिला है।
भारत की वित्तीय राजधानी और इसकी सबसे समृद्ध नगरपालिका में, नागरिक इस बात से अनजान रहते हैं कि उनका शहर उनके पैसे कैसे खर्च करता है। खुली डेटा सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने का निश्चित तरीका है और नागरिक प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से, जैसा कि हम इसे कहते हैं, नागरिकों और सरकारों के बीच की दूरी कम हो सकती है।
हमारे डेटाबेस में क्या है?
‘मुंबईस्पेंड’ विक्रेताओं, खरीद ऑर्डर, वेंडर की कमाई और सार्वजनिक स्वास्थ्य, सड़कों, आपदा प्रबंधन, शिक्षा, तूफानी जल नालियों, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, परिवहन, चुनाव, पानी की आपूर्ति, अग्निशमन ब्रिगेड, पुल, लाइसेंस, दुकानों और प्रतिष्ठानों सहित बीएमसी के विभिन्न विभागों में खर्च करने के तरीके पर विशिष्ट अवधि के दौरान विस्तृत आंकड़ा प्रदान करता है।
विभाग के अवलोकन पृष्ठ पर, आप विश्लेषण कर सकते हैं कि विभाग एक समय अवधि के लिए जारी किए गए कार्य पर किस प्रकार राशि खर्च करता है।
विक्रेता आंकड़ों के माध्यम से कोई नागरिक विभाग अनुसार विक्रेताओं / ठेकेदारों की सूची तक पहुंच सकता है और, पंजीकृत कंपनियों के मामले में, निदेशकों के प्रबंधन और बोर्डों का विवरण तलाश सकते हैं। विभिन्न विक्रेताओं के लिए भुगतान और विभागों द्वारा खर्च mumbai.indiaspend.org पर उपलब्ध हैं। बीएमसी के खर्च के आधार पर, ‘मुंबईस्पेंड’ मंच पर डेटा साप्ताहिक अपडेट किया जाता है।
हमारा प्रारंभिक विश्लेषण
वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि बीएमसी सड़कों, तूफान जल निकासी और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर सबसे ज्यादा खर्च करता है।
इन विभागों की पूर्ति करने वाले विक्रेता नागरिक निकाय के सबसे अधिक कमाई करने वाले हैं। मुंबई की बाढ़ की रिपोर्ट पर 2005 की इस फैक्ट फाइंडिंग कमिटी रिपोर्ट के अनुसार ये विभाग बाढ़ से शहर को बचाने में महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। मंगलवार को हुए भारी वर्षा के दौरान उनका खराब प्रदर्शन देखा गया था, जैसा कि महानगर के कई हिस्से में गड्ढे वाली सड़क में पानी और कचरा भर गया था।
पांच महीनों से अगस्त 2017 तक, बीएमसी के सभी कामों के आदेशों में से 44 फीसदी या 1,208 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी तूफानी जल निकासी (एसडब्ल्यूडी) विभाग की रही है, जैसा कि चालू वित्त वर्ष (2017-18) के आंकड़ों से पता चलता है।
इन फंडों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सप्लायर कंपनी एपीआई सिविलॉन’ पर खर्च किया गया था, जिसने अप्रैल 2017 से 65 करोड़ रुपये कमाए थे। यह कंपनी, सभी विभागों में 92 करोड़ रुपए के ठेके हासिल करने के साथ, मौजूदा वित्तीय वर्ष में सभी बीएमसी में शीर्ष तीन उच्चतम कमाई वाले विक्रेताओं में से एक है, जैसा कि ‘मुंबईस्पेंड डेटाबेस’ से पता चलता है।
एसजब्लूडी विभाग द्वारा ‘एपीआई सिविलॉन’ को भुगतान किए गए 65 करोड़ रुपए में से 23.7 करोड़ रुपए मानसून की तैयारी में मुंबई के एफ / नॉर्थ वार्ड में वडाला में तीन मुख्य नालों (नहरों) को दुरूस्त करने के लिए आवंटित किया गया है।
29 अगस्त 2017 को 12 बजे, यह एफ / नार्थ वार्ड के वडाला क्षेत्र की ऐसी स्थिति थी:
On August 29, 2017, this was the situation in Wadala #MumbaiSpend (2/2) pic.twitter.com/A3wBKmmJTI
— IndiaSpend (@IndiaSpend) August 30, 2017
सड़कें:
अप्रैल, 2014 से अगस्त, 2017 के बीच, बीएमसी ने शहर में सड़क निर्माण पर 7,793 करोड़ रुपए खर्च किए, जिनमें से अकेले छह कंपनियां ( आरपीएस इंफ्राप्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, के आर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, रिलेकॉन इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड, आर के मधानी एंड को., जे कुमार एंड को. प्राइवेट लिमिटेड और प्रकाश इंजीनियर्स एंड इन्फ्राप्रोजेक्ट्स ) को 4,272 करोड़ रुपए (55 फीसदी) के ठेके प्रदान किए गए थे।
इनमें से, ‘आरपीएस इन्फ्राप्रोजेक्ट’ को इस तरह के कार्यों के लिए सबसे अधिक ठेके दिए गए हैं और अब बीएमसी का दूसरा सबसे ज्यादा कमाई वाला विक्रेता है। हालांकि, कंपनी को अप्रैल, 2014 से अगस्त, 2017 तक 51 करोड़ रुपये के ठेके दिए गए हैं, लेकिन यह 726 करोड़ रुपए के संयुक्त उद्यम में भी शामिल है, जैसे कि हमारे ‘मुंबईस्पेंड’ डेटाबेस से पता चलता है।
इसी अवधि में, ‘के आर कंस्ट्रक्शंस प्राइवेट लिमिटेड’ 933 करोड़ रुपये के मूल्य के संयुक्त उद्यमों में शामिल था। हमारे डेटाबेस से पता चलता है कि ऐसी सड़क परियोजनाओं के लिए दी गई यह सबसे अधिक राशि है।
इस वित्त वर्ष की शुरुआत से पहले, ‘प्रकाश इंजीनियरिंग’ को छोड़कर, निगम ने अन्य पांच कंपनियों (और महावीर रोड और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड) को खराब निर्माण के लिए ब्लैकलिस्ट किया था, जिससे शहर पर 350 करोड़ रुपए का भार आया, जैसा कि ‘मुंबई मिरर’ ने 29मार्च, 2017 की रिपोर्ट में बताया है।
वर्ष 2016 में, नागरिक निकाय ने सड़क निर्माण घोटाले के संबंध में आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में उन्हीं ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआऱ दर्ज कराया था, जैसा कि हिंदुस्तान टाइम्स ने 28 अप्रैल, 2016 की रिपोर्ट में बताया है।
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन:
1 अप्रैल 2014 और 30 अगस्त 2017 के बीच, बीएमसी ने मुंबई के लिए कचरा प्रबंधन पर 2,428 करोड़ रुपए खर्च किए, जिनमें से 10 फीसदी (या 261 करोड़ रुपए) दो ठेकेदारों ( ‘एंटनी लारा एनविरो सॉल्यूशंस’ और ‘एम के एंटरप्राइजेज’ ) को दिए हैं।
हालांकि, ‘एंटनी लारा एनविरो सॉल्यूशंस’ ने ‘कंजुरमार्ग डंपिंग ग्राउंड’ को विकसित और संचालित करने के लिए 148 करोड़ रुपए अर्जित किए, जबकि ‘एम के एंटरप्राइजेज’ को पश्चिम उपनगरों और झुग्गियों के हिस्सों से निपटान के लिए कचरा एकत्र और परिवहन करने, सड़कें साफ करने, कचरे के डब्बे प्रदान करने के लिए 133 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था।
‘एंटनी लारा एनविरो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड’ के दो निदेशक अन्य कंपनियों के मालिक भी हैं, जिसे बीएमसी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संबंधी अनुबंध और अन्य कार्यों को आवंटित करती है, जैसे कि मुंबईस्पेंड डाटाबेस के आगे किए गए विश्लेषण में पाया गया है।
शिजु एंथोनी काल्लारकल ‘एंटनी मोटर्स’ के मालिक है जो कचरा संग्रह और परिवहन से संबंधित कार्य करती है जबकि जोस जोस एंटनी ‘वेस्ट हैंडलिंग’ के मालिक हैं जिसे भी इस तरह के काम के लिए नियुक्त किया गया है।
अप्रैल 2012 से अगस्त 2017 के बीच, बीएमसी के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग ने मुंबई के कचरे और अन्य कार्यों के संग्रह, परिवहन और निपटान के लिए इन तीन संबंधित कंपनियों को रोजगार दिया, जिससे नागरिक अनुबंधों में उन्हें 176 करोड़ रुपए की कमाई हुई है। दिसंबर, 2014 के नागरिक बजट विश्लेषण के अनुसार, यह 2012-13 में पूरे एसडब्ल्यूएम विभाग के वास्तविक व्यय (34.26 करोड़ रुपए) का पांच गुना है।
नोट: रौनक सुतारिया ‘मुंबईस्पेंड ’ परियोजना के शिल्पकार हैं। नमिता मोहनदास और मुंबई की गैर लाभकारी संस्था, आशा फॉर एजुकेशन से इंटर्न की एक टीम ने इस प्रोजेक्ट पर काम किया है।
(सलदनहा सहायक संपादक हैं और मार्बियनग इंटर्न हैं। दोनों इंडियास्पेंड के साथ जुड़े हैं। स्वागता यादवार और ऐश्वर्या महाजन ने इसमें अतिरिक्त सहयोग दिया है।)
यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 30 अगस्त 2017 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
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