क्लाइमेट चेंज की वजह से 2019 में देश में कई मौसमी बदलाव देखने को मिले। 2019 की पहली छमाही में 20 लाख लोगों को अपना घर-बार छोड़कर दूसरी जगहों पर जाना पड़ा। इस साल जुलाई का महीना अब तक का सबसे गर्म जुलाई का महीना रहा। इस महीने में देश की 65% आबादी लू की चपेट में रही। भारी बारिश और बाढ़ की वजह से इस साल 1,685 लोगों की जान चली गई। इस मॉनसून में हर रोज़ औसतन 14 लोगों की मौत हुई। 2018 से 2019 (नवंबर तक) जंगलों में लगने वाली आग की घटनाओं में 113.47% की बढ़ोत्तरी देखने को मिली। क्लाइमेट चेंज से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाले देशों में भारत दुनिया में पांचवे नंबर पर है। 2019 में कैसा रहा देश के क्लाइमेट का हाल, देखिए इस रिपोर्ट में।