ग्रामीण भारत में अभी भी दो प्रमुख रूपों में संपत्ति रखी जाती है -आवास और आभूषण । और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के लिए चेन्नई स्थित वित्तीय प्रबंधन और रिसर्च (IFMR) संस्थान द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, दोनों तरह की संपत्ति औसत ग्रामीण परिवारों के कुल निवल मूल्य का 93% बनाती है ।

ग्रामीण परिवार का निवेश सूची परिसंपत्ति-संविभाग

हम देख सकते हैं कि उपभोग परिसंपत्तियाँ (घर, इलेक्ट्रॉनिक्स) संविभाग का 54 % बनाती हैं जबकि आभूषण (44%) एक प्रमुख निवेश परिसंपत्ति है ।

एक अध्ययन के अंतर्गत कुल 143,632 घरों के परिसंपत्ति-संविभाग का विश्लेषण किया गया जिसमे तमिलनाडू से 69% परिवारों से नमूने लिए गए और ओडिशा में 19% ,उत्तराखंड से 12% परिवारों का नमूने लिए गए।

इस अध्ध्यन के अनुसार : "यह स्पष्ट है की ग्रामीण परिवारों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली के लाभ और वित्तीय साधनों तक विस्तृत पहुँच प्रदान करने के लिए एक तत्काल नीति का गठन अनिवार्य है।"

(Image Credit: Wikimedia)

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