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पिछले तीन महीने में टमाटर की कीमतों में 48 फीसदी की वृद्धि हुई है, मई में प्रति किलो 29 रुपए से बढ़ कर जुलाई में प्रति किलो 43 रुपए हुआ है। यह जानकारी सरकार ने 9 अगस्त 2016 को संसद को दिया है।

सरकार ने पांच प्रमुख फलों और सब्जियों के अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतें जारी किया है। साथ ही यह आपत्ति सूचना भी दी गई है कि कीमतें जगह-जगह पर उत्पादन, गुणवत्ता और आपूर्ति के आधार पर अलग होती हैं।

अन्य फल और सब्जियां जिनकी कीमतों में वृद्धि प्रकट हुई है, वे हैं आलू (25 फीसदी), प्याज (13 फीसदी), सेब (7 फीसदी) और केले (6 फीसदी) ।

Source: Lok Sabha

इस वर्ष में जून में टमाटर की कीमत प्रति किलो 49 रुपए थी जो कि जुलाई में घट कर प्रति किलो 43 रुपए हुई है।

कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री, एसएस अहलूवालिया ने संसद को बताया कि, “आलू , प्याज और टमाटर का उत्पादन मांग की तुलना में अधिक है, और साल में वहां आपूर्ति में कोई अंतर नहीं है।”

“हालांकि, वर्ष के कुछ समय में, वहाँ मांग और आपूर्ति में असंतुलन की वजह से कीमतों में उतार-चढ़ाव रहे हैं।”

टमाटर की कीमतें आम तौर पर हर वर्ष जून से सितंबर के ऑफ सीजन में बढ़ती हैं, जैसा कि इंडियन एक्सप्रेस ने जून 2016 में बताया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस वर्ष टमाटर की कीमतों में वृद्धि हुई है क्योंकि दक्षिण राज्यों में पड़े सूखे से रबी फसलों क्षतिग्रस्त हुई हैं। यह भी कहा हया है कि सितंबर में ताज़ा फसल आने तक कीमतें उच्च रहने की संभावना है।

(मल्लापुर इंडियास्पेंड के साथ विश्लेषक हैं।)

यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 10 अगस्त 2016 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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