सामाजिक सेक्टर
मध्य प्रदेश का आदिवासी गाँव जो अपनी ज़मीन की लड़ाई और उसके रखरखाव की प्रेरणा देता है
फुलर गांव ने वन अधिकार अधिनियम के तहत लामबंद होकर, 200 हेक्टेयर भूमि अपने निवासियों को दिलाई है और फिर श्रमदान के जरिए उस भूमि को उपजाऊ भी बनाया।
समय पर भुगतान और काम के ज़्यादा दिन, यही है मनरेगा के मजदूरों की मांग
2020 में लॉकडाउन के बाद मनरेगा के तहत काम मांगने वालों की संख्या बढ़ गई। इसके बावजूद, 2021 के बजट में लिए सरकार ने मनरेगा के लिए कम धन आवंटित किया।...