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पाकिस्तान में हुए बस हमले के बाद अस्पताल से निकलते पीड़ित का परिवार

पाकिस्तान में आतंकी हमलों का ग्राफ लगातार बढ़ता नज़र आ रहा है। हाल ही में पाकिस्तान के कराची शहर में छह बंदूकधारियों ने एक बस को निशाना बनाया। इस हमले में 43 लोग मारे गए और कम से कम 20 घायल हुए थे। पाकिस्तान में ऐसी घटनाएं आम बात हो गई है।

साल 2005 से 2014 के बीच, पाकिस्तान में आतंकवाद से होने वाली मौत में 748.15 फीसदी वृद्दि हुई है। वहीं दूसरी ओर भारत में इन सालों में आतंकी हमलों से होने वाली मौत में 70 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है।

पाकिस्तान में आतंकवाद से हुई मौत, 2005-2015

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सोर्स : साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल, *2015 के आँकड़े 10 मई तक

2005 से अब तक पाकिस्तान में करीब 56,480 लोग आतंकवाद का शिकार हो चुके हैं। यानि औसतन 14 व्यक्ति एक दिन में आतंकी हमले का निशाना बनते हैं।

मारे गए लोगों में 54.43% ( 30,799) आतंकवादी थे, 34.95% (19,740) पाक की आम जनता और 10.52% (5,941) सेना के जवान थे।

पाकिस्तान में आए दिन शिया मुसलमान , तालिबान और सुन्नी अतिवाद का निशाना बन रहे हैं। पिछले महीने भी आतंकियों ने एक बस में सवार करीब 60 शिया मुस्लिमों को मौत के घाट उतार दिया था। हालांकि इस हमले की ज़िम्मेदारी अब तक किसी संगठन ने नहीं लिया है।

साउथ एशियन टेररिज़म पोर्टल के ताजा आंकड़ो के अनुसार हाल ही में हुए बस पर आतंकी हमले से पहले , साल 2015 में 1,520 लोग आतंकवादियों का निशाना बनें हैं।

पाकिस्तान की तरह ही भारत भी आतंकवाद की समस्या से जूझ रहा है। हालांकि पाक के मुकाबले भारत की स्थिति थोड़ी बेहतर है।

भारत में 2005 से अब तक आतंकवाद से मारे गए लोगों की संख्या 19,385 तक पहुंच चुका है। यानि औसतन एकदिन में 5 व्यक्ति आतंकियों का शिकार हो रहे हैं।

मारे गए लोगों में 45.97% (8,911) आतंकी थे, 37.72% (7,312) आम जनता और 16.31% (3,162) सुरक्षा जवान थे।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक साल 2015 में आतंकी हमलों में मारे गए लोगों की संख्या 251 दर्ज की गई है।

आतंकवाद से भारत में हुई मौत

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सोर्स : साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल, *2015 के आँकड़े 10 मई तक

यह लेख मूलतः मई 14, 2015, को indiaspend.com में प्रकाशित हुआ था

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