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उत्तर प्रदेश देश की सर्वाधिक आबादी वाला राज्य होने के साथ सर्वाधिक अपराध वाला राज्य भी बनता जा रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ( एनसीआरबी ) के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2010 से 2014 के बीच देश भर में आर्म्स एक्ट के तहत रिपोर्ट होने वाले कुल अपराधिक मामलों में से करीब आधे मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए हैं।

इस अवधि के दौरान देश भर में करीब 300,000 अवैध हथियार रखने के मामले दर्ज की गई है एवं इनमें से 150,000 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई है। यह आंकड़े साफ तौर पर 200 मिलियन लोगों वाले राज्य, उत्तर प्रदेश में बंदूकों के अनुपातहीन उपलब्धता का संकेत देती है।

आर्म्स एक्ट का उल्लंघन करने के मामले में 18 फीसदी के साथ मध्य प्रदेश दूसरे एवं 8 फीसदी के साथ राजस्थान तीसरे स्थान पर है।

उत्तर प्रदेश में अपराध के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। आंकड़ों पर नज़र डालें को सर्वाधिक आबादी वाले इस राज्य में प्रति मिलियन आबादी पर 787 अपराधिक मामले दर्ज हुए हैं। इस संबंध में 747 के आंकड़ों के साथ मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर है।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रति मिलियन आबादी पर अपराधिक मामले दर्ज होने के औसत आंकड़े 250 पाए गए हैं।

आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज किए गए मामले

वर्ष 2010 से 2014 के बीच एक तरफ जहां देश भर में आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज हुए कुल अपराधिक मामलों में से करीब आधे मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई है वहीं दूसरी तरफ इसी अवधि के दौरान राज्य में बंदूक हिंसा में मारे जाने वाले लोगों की संख्या में 40 फीसदी की वृद्धी दर्ज की गई है।

वर्ष 2010 से 2014 के दौरान देश भर में बंदूक हिंसा से हुई कुल हत्याओं में से 40 फीसदी हत्याएं उत्तर प्रदेश में हुई है। इस अवधि के दौरान राज्य में 6,929 हत्या के मामले दर्ज की गई है। इनमें से 90 फीसदी घटनाओं को अंजाम अवैध हथियारों द्वारा दी गई है।

उत्तर प्रदेश में प्रति मिलियन आबादी पर बंदूक द्वारा हत्या के मामले भी सर्वाधिक दर्ज की गई है। उत्तर प्रदेश में यह आंकड़े 34.7 प्रति मिलियन आबादी दर्ज की गई है। इस संबंध में 34.4 प्रति मिलियन आबादी के आंकड़े के साथ बिहार दूसरे स्थान पर है।

वर्ष 2010 से 2014 के बीच देश भर में बंदूक द्वारा हत्या के कुल 17,490 मामले दर्ज की गई है। इनमें से 89 फीसदी घटनाओं को अवैध हथियार द्वारा अंजाम दी गई है।

देश भर में बंदूक द्वारा हुई हत्या, 2010-2014

2010 से 2014 के बीच आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज होने वाले मामलों की संख्या के संबंध में बिहार चौथे स्थान पर है। हालांकि, देश भर में कुल हुई हत्या की घटना का एक पांचवा भाग बिहार के हिस्से ही है। यह आंकड़ा देश भर में होने वाली हत्या की घटनाओं का दूसरा सर्वाधिक आंकड़ा है। वर्ष 2010 से 2014 के बीच बिहार में बंदूक द्वारा होने वाली हत्या की घटानाओं में 35 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।

वर्ष 2014 में उत्तर प्रदेश में कम से कम 24,583 बंदूकें ज़ब्त की गई हैं। यह आंकड़े देश भर के कुल ज़ब्त हुई बंदूकें की 44 फीसदी है। इनमें से 62 फीसदी हथियार अवैध ( देसी) हैं।

इनमें से केवल 1.6 फीसदी वैध या लाइसेंस वाली बंदूकें है जबकि ज़ब्त की गई बंदूकों में 36 फीसदी बंदूकों को “अन्य प्रकार के हथियार” के रुप में नामित किया गया है। वर्ष 2014 में गोला बारूद के रूप में रूप में कम से कम 31,554 टुकड़े भी ज़ब्त की गई है।

आर्म्स एक्ट के तहत ज़ब्त की गई हथियार, 2014

(सेठी इंडियास्पेंड के साथ नीति विश्लेषक हैं )

यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 12 अक्तूबर 2015 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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