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शादियाँ भले ही स्वर्ग में तय की जाती हों लेकिन आदर्श एनआरआई (अप्रवासी भारतीय) जीवन साथी की तलाश कर रहे बहुत से भारतियों के लिए ऐसी शादियां धोखे में बदल जाती हैं। ऐसा कितनी बार पढ़ने के लिए मिलता है कि अप्रवासी भारतीयों ने शादी के बाद लोगों को या तो धोखा दिया या विदेश जा कर छोड़ दिया।

केंद्रीय सरकार द्वारा जारी हाल के आंकड़ों से विदेशों में भारतीय दूतावासों में धोखे से विवाह संबंधी शिकायतों / मामलों की संख्या का पता चलता है :

फर्जी एनआरआई विवाह के बारे में प्राप्त शिकायतें / मामले

Source: PIB

वर्ष 2011-12 के बाद से, भारतीय राजनयिक मिशनों में फ़र्ज़ी विवाह के कुल 188 मामले / शिकायतें की गई है। इन मामलों में से अधिकांश:

अमेरिका में दर्ज की गई है, कुल 139 । 2013-14 में इस संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 49 से 39 तक की गिरावट आई है। अमेरिका में ऐसे फ़र्ज़ी मामले 2011-12 में 26 से बढ़कर वर्ष 2012-13 में 49 तक हो गए । अप्रवासी शादियों के लिए अगला सबसे अविश्वसनीय गंतव्य, कनाडा (22) उस के बाद यूनाइटेड किंगडम (13) है।

लोकसभा में एक उत्तर के दौरान, (सेवानिवृत्त) जनरल वीके सिंह (प्रवासी भारतीय मामलों और विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री) ने कहा कि भारतीय मिशनों द्वारा कानूनी प्रक्रियाओं और परामर्श के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है ।

प्रवासी भारतीय मामला मंत्रालय विदेशों में अपने भारतीय या विदेशी पतियों द्वारा परित्यक्त भारतीय महिलाओं को कानूनी और वित्तीय सहायता प्रदान करता है। दी जाने वाली सहायता राशि विकसित देशों के लिए 3000 डॉलर और विकासशील देशों में 2,000 डॉलर से अधिक होती है । इस तरह की वित्तीय मदद अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, मलेशिया, सिंगापुर और खाड़ी देशों में मौजूद मिशन या पोस्ट के माध्यम से प्रदान की जाती है।

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