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गुजरात और दिल्ली भारत के सर्वाधिक निवेश संभाव्य राज्य हैं। इस संबंध में बिहार और झारखंड सबसे बद्तर हैं। व्यापार करने के लिए आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु सबसे भ्रष्ट राज्य हैं। पश्चिम बंगाल में भूमि अधिग्रहण , पर्यावरण मंजूरी और अनुमोदन सबसे मुश्किल है।

यह नेश्नल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) द्वारा हाल ही में जारी किए गए रिपोर्ट, “एनसीएईआर राज्य निवेश क्षमता सूचकांक” के निष्कर्ष हैं, जो पांच मुख्य मुद्दों पर राज्यों के लिए एक सूचकांक विकसित करता है: श्रम , बुनियादी सुविधाओं, आर्थिक जलवायु, राजनीतिक स्थिरता और प्रशासन, और एक अच्छे व्यापार जलवायु की धारणा।

रिपोर्ट में दो प्रकार की रैंकिंग है: पहला, एन SIPI 21, एक सूची है जिसमें उद्योग सर्वेक्षण के माध्यम सहित उपरोक्त मुद्दों पर 21 राज्यों में शुमार है; दूसरा, एन SIPI 30 जिसमें सभी राज्य शामिल हैं - नौ उद्योग सर्वेक्षण के दायरे में शामिल नहीं किए गए सहित – और धारणा को छोड़कर चार मुद्दों पर आधारित है।

आंकड़े बताते हैं कि एन SIPI 21 सूचकांक में गुजरात का नाम सबसे ऊपर है एवं दूसरे और तीसरे स्थान पर दिल्ली और तमिलनाडु हैं जबकि एन SIPI 30 सूचकांक दिल्ली , गुजरात और तमिलनाडु का नाम सबसे ऊपर है।

दोनों रैंकिंग में बिहार और झारखंड का नाम नीचे से पांच राज्यों में है।

मई 2016 में, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग ने सूचिबद्ध किया कि किस प्रकार दिल्ली पर शासन करने वाली आम आदमी पार्टी व्यापार करना आसान बना रही है, साथ ही यह भी कहा गया है कि वैश्विक रुप से आसानी से व्यापार करने की रैंकिंग में टॉप 50 में भारत की रैंक प्रेरित करने के लिए केंद्र सरकार दिल्ली और महाराष्ट्र के साथ काम कर रहा था।

21 राज्यों के सर्वेक्षण में गुजरात में है सर्वाधिक निवेश क्षमता

Source: State Investment Potential Index, National Council for Applied Economic Research

सभी राज्यों में दिल्ली सर्वाधिक निवेश संभाव्य

Source: State Investment Potential Index, National Council for Applied Economic Research

व्यवसाय करने में सबसे बड़ा रोड़ा भ्रष्टाचार, दूसरा मुद्दा मंजूरी मिलना

कम से कम 79 फीसदी उद्योग उत्तरदाताओं ने कहा कि भ्रष्टाचार मुख्य मुद्दा है, व्यापार शुरू करने से पहले मंजूरी मिलना दूसरा मुद्दा रहा (72.1 फीसदी) और और पर्यावरण मंजूरी (66.7 फीसदी) तीसरा बड़ा मुद्दा रहा है।

इस साल के शुरु में, ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा करपशन परसेप्शन इंडेक्स 2015 में 168 देशों की सूची में भारत को 76 वां स्थान दिया गया था।

हालांकि सहचर पूंजीवाद पर हाल ही में एक संपादकीय में द इकोनोमिस्ट कहता हैं: “उत्साहवर्धक ढंग से, भारत अपने कार्य को साफ करता प्रतीत होता है। 2008 में रूस के साथ एक सममूल्य पर डालते हुए सहचर धन , सकल घरेलू उत्पाद का 18 फीसदी तक पहुँच गया था। आज यह ऑस्ट्रेलिया के समान 3 फीसदी के स्तर पर खड़ा है। भारतीय पूंजीवाद की तस्वीर अब अपने व्यापार राजवंशों के युवा वंशज तक नहीं है बल्कि फ्लिपकार्ट, एक ई वाणिज्य फर्म की, के संथापक की तृष्णा तक है।”

व्यापार की प्रमुख बाधाएं भ्रष्टाचार और मंजूरी प्राप्त करना

भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण मंजूरी और मंजूरी प्राप्त करने में बंगाल बद्तर

82 फीसदी उत्तरदाताओं ने बताया कि पश्चिम बंगाल (पश्चिम बंगाल) में जमीन अधिग्रहण में समस्या हुई है, जबकि केवल 5 फीसदी ने उत्तराखंड में किसी भी प्रकार की समस्या होने की बात कही है।

पश्चिम बंगाल में 82 फीसदी उत्तरदाताओं ने भूमि मिलने में समस्या की बात कही है

Source: State Investment Potential Index, National Council for Applied Economic Research

आधे से अधिक उत्तरदाताओं ने (54.3 फीसदी) ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पर्यावरण मंजूरी गंभीर समस्या है; 11.4 फीसदी ने इसे समस्या नहीं माना है।

हिमाचल प्रदेश में इस तरह की मंजूरी प्राप्त करना सबसे आसान था, केवल 2.5 फीसदी उत्तपदाताओं ने इसे गंभीर समस्या माना है जबकि 87.5 फीसदी ने कहा कि यह कोई समस्या नहीं है।

पर्यावरण मंजूरी मिलने से संबंधित समस्याओं का सबसे कम सामना किया हिमाचल प्रदेश के उत्तरदाताओं ने

Source: State Investment Potential Index, National Council for Applied Economic Research

व्यापार के लिए मंजूरी मिलने के संदर्भ में, पश्चिम बंगाल फिर सबसे बद्तर रहा है। 68.6 फीसदी उत्तरदाताओं ने इसे गंभीर समस्या बताया है; 5.7 फीसदी उत्तरदाताओं ने इसे कोई समस्या नहीं बताया है। इस संबंध में हिमाचल प्रदेश का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है। हिमाचत प्रदेश में एक भी (0 फीसदी)उत्तरदाता ने मंजूरी मिलने को समस्या नहीं माना है।

व्यवसाय शुरू करने से पहले मंजूरी मिलने से संबंधित समस्या सबसे अधिक पश्चिम बंगाल में

Source: State Investment Potential Index, National Council for Applied Economic Research

आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में सबसे अधिक भ्रष्टाचार के मामले

आंध्र प्रदेश में, 74.3 फीसदी उत्तरदाताओं ने भ्रष्टाचार को गंभीर समस्या माना है; हिमाचल प्रदेश में एक भी उत्तरदाता (0 फीसदी) ने भ्रष्टाचार को गंभीर समस्या नहीं माना है।

आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु में भ्रष्टाचार के सबसे अधिक मामले

Source: State Investment Potential Index, National Council for Applied Economic Research

(साहा नई दिल्ली स्थित स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 30 जून 2016 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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