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जम्मू कश्मीर नियंत्रण रेखा क्षेत्र पर बना बाड़

  • 4 अगस्त 2015 को जम्मू-कश्मीर पर्गवाल क्षेत्र में पाकिस्तान सैनिकों द्वारा युद्धविराम का उल्लंघन के कारण एक भारतीय नागरिक की मौत हुई थी।
  • 30 जुलाई 2015 को जम्मू-कश्मीर के पुंछ ज़िले में पकिस्तानी सेना द्वारा किए गए हमले में एक भारतीय सेना जवान की मौत हुई थी।
  • 5 जुलाई 2015 एवं 9 जुलाई 2015 को भी पाकिस्तानियों की गोली का निशाना भारत के सीमा सुरक्षा बल ( बीएसएफ ) के दो जवान बनें। गोली-बारी की दूसरी घटना भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं पाकिस्तान के नवाज़ शरीफ की उफा, रुस में द्विपक्षीय बैठक से ठीक पहले हुई थी।

राज्यसभा में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार साल 2011 के मुकाबले 2014 में पाकिस्तान द्वारा “युद्धविराम उल्लंघन” मामले में नौ गुना वृद्धि देखी गई है। युद्धविराम समझौते का आशय 12 वर्ष पूर्व हुए समझौते हस्ताक्षर से है।

पिछले चार सालों में कम से कम 1,106 उल्लंघन के मामले दर्ज किए गए हैं। 30 जून 2015 तक 199 मामले रिपोर्ट किए गए हैं।

Pakistani Ceasefire Violations Along India-Pakistan Border (According To India)
YearCeasefire ViolationsCeasefire Violations Along LoCCeasefire Violations Along International Border
2011625111
20121149321
2013347199148
2014583153430
2015*199NANA

Source: Rajya Sabha, 1, 2 and 3; *Up to June 30, 2015

पकिस्तानियों द्वारा किए गए हमले के जवाब में भारतीय सेना भी पलट कर, पाकिस्तानी सेना जवान, आतंकवादियों एवं सुरक्षा बलों को मार गिरा कर करारा जवाब देती है। जावब में पकिस्तान भी भारत पर युद्धविराम उल्लंघन करने का आरोप लगाती रही है। यहां तक कि पाकिस्तान ने भारत एवं पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह ( यूएनएमओजीआईपी ) के पास इसकी शिकायत भी दर्ज कराई है।

साल 2011 से 2013 तक पकिस्तान द्वारा किए गए सीमा पार हमले का पूरा ध्यान नियंत्रण रेखा ( एलओसी ) पर केंद्रित था। एलओसी पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर ( पीओके ) एवं भारत प्रशासित कश्मीर को अलग करती है।

साल 2014 में यह प्रवृति विपरीत पाई गई है। 74 फीसदी फायरिंग अंतरराष्ट्रीय सीमा वाले भारतीय राज्य, पंजाब, गुजरात एवं राजस्थान पर केंद्रित था।

2014 रहा है अस्थिर साल

लोक सभा में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार साल 2014 में पाकिस्तान द्वारा कुल 583 युद्धविराम उल्लंघन किए गए हैं। यानि औसतन 15 घंटे में चार सेनाकर्मी, एक बीएसएफ, एवं 13 नागरिकों की मौत होती है।

Border Firing: The Casualties In India
YearArmy Soldiers Killed Along The LoCCivilians KilledCivilians InjuredSecurity Personnel (Army + BSF) Injured
20131002632
201441310133
2015*22NANA

Source: Lok Sabha, Rajya Sabha; *Up to June 30, 2015

कम से कम 101 नागरिक, 33 सुरक्षाकर्मी ( सेना एवं बीएसएफ सहित ) घायल होने की रिपोर्ट कराई गई है। साथ ही 128 निजी संरचनाओं / संपत्तियों के नुकसान होने की भी खबर की गई है।

पाकिस्तान घुसपैठ की कोशिश में

भारत पाकिस्तान पर आतंकवाद को सहयोग देने का आरोप लगाता रहा है। भारत का आरोप है कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा युद्धविराम उल्लंघन करना, आंतकवादी घुसपैठ प्रयासों कों बढ़ावा देना ही है।

साल 2012 से 2014 के बीच पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ के कम से कम 945 मामले दर्ज किए गए हैं। साल 2013 मेंभारतीय सुरक्षा बल ने 38 नियंत्रण रेखा को पार करने वाले आतंकवादियों को मार गिराया जबकि साल 2014 ( 31 अक्टूबर 2014 तक ) में 36 दहशतगर्दों को मौत के घाट उतारा है। साल 2015 ( 30 जून 2015 तक ) पाकिस्तान से घुसपैठ के 42मामले दर्ज किए गए हैं जिसमें से आठ आतंकवादियों को मार गिराया गया है।

Incursions By Pakistani Terrorists Reported Along Indo-Pakistan Border (As Claimed by India)
Year2012201320142015*
Cases33234526842

Source: Lok Sabha, 1, 2; *Up to June 30, 2015

भारतीय सुरक्षा बल सीमा पार घुसपैठ को बंद नहीं कर सकते हैं। गृह मंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक हाल ही में गुरदासपुर एवं उधमपुर में हुए हमले का मुख्य कारण सीमा पार से आए आतंकवादी ही थे।

आए दिन होने वाले युद्धविराम उल्लंघन दोनों देशों के बी बिगड़ते रिश्तों की ओर इशारा करते हैं जोकि 2014 मोदी सरकार द्वारा पाकिस्तान के साथ विदेश सचिव स्तर की वार्ता को रद्द करने के बाद पहले से ही तनावपूर्ण स्तिथि में हैं। मोदी सरकार ने यह वार्ता पाकिस्तान के कश्मीरी अलागवादियों के साथ बैठक करने की प्रक्रिया में रद्द की थी।

वरिष्ठ पत्रकार और राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ नितिन गोखले के अनुसार“जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है तब से पाकिस्तान के भारत के संकल्प को जांच करने के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। भारत के विदेश सचिव स्तर वार्ता रद्द करने के बाद पाकिस्तान की और दवाब बनाना चाहता है।”

पाकिस्तान द्वारा युद्धविराम उल्लंघन का मुकाबला करने के लिए भारत सरकार ने सैनिक बलों को “फायरिंग ऐट विल” (इच्छा से गोलीबारी ) करने का आदेश दिया है।

यह रणनीति, मोदी सरकार द्वारा उठाए गए ठोस विदेश नीति का एक हिस्सा है। रणनीति का उदेश्य युद्धविराम उल्लंघन को रोकना है। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि इस रणनीति से स्थिति और तनावपूर्ण हो सकती है।

मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति से दोनों देशों के बीच युद्ध के खतरा भी बढ़ सकता है लेकिन जैसा कि इंडियास्पेंड ने पहले ही बताया है कि परमाणु हथियारों पर अधिकार के आपसी निवारण एवं मुखास्त्र की प्रभावी वितरण तंत्र, दोनों देशों के बीच यथा-स्थिति सुनिश्चित करता है।

गोखले के अनुसार “पाकिस्तान से मुकाबले करने के लिए भारत सरकार को दो विकल्प – गुप्त ऑपरेश्न एवं असंगत प्रतिक्रियाओं पर गौर करना चाहिए।”

राम्या. पी.एस, अंतर्राष्ट्रीय सामरिक और प्रतिभूति अध्ययन कार्यक्रम , बंगलौर में रिसर्च फेलो के अनुसार “मध्य मार्ग पर चल कर ही भारत पाकिस्तान द्वारा किए जाने वाले युद्धविराम उल्लंघन का मुकाबला कर सकता है”।

दोनों देशों के बीच गतिरोध को तोड़ने के लिए, दोनों पक्षों के नेताओं ने ऊफ़ा , रूस में अपनी बैठक के दौरान द्विपक्षीय वार्ता को पुनः आरंभ करने के लिए सहमती जताई है।

इसमें, इस महीने के अंत में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल एवं पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश मामलों के सलाहकार, सरताज अजीज के बीच होने वाली बैठक भी शामिल है।

हालांकि गोखले ने इस वार्ता से अधिक उम्मीद न रखने की चेतावनी भी दी है।

( अभीत सिंघ सेठी इंडियास्पेंड के साथ विश्लेषक हैं )

यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 12 अगस्त 2015 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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