620 Petrol

सरकारी आंकड़ों पर किए गए हमारे आकलन के मुताबिक, पिछले दशक के दौरान सभी राज्यों एवं केंद्र शासित राज्यों में से बिहार लगातार ईंधन सब्सिडी हस्तांतरण का सबसे कम प्रति व्यक्ति प्राप्तकर्ता रहा है।

भारत के गरीब एवं सर्वाधिक आबादी वाले राज्यों में से एक बिहार में इन दिनों चुनावी गहमा-गहमी बनी हुई है। बिहार को केंद्र सरकार द्वारा विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के मुद्दा सबसे अहम है। लंबे समय से राज्यनेताओं की मांग आंशिक रूप से केंद्रीय - सरकारी धन आवंटन के भीतर राज्य के खिलाफ ऐतिहासिक भेदभाव की भावना पर आधारित है।

इन सब चर्चाओं के बीच एक मुख्य मुद्दा आमतौर पर अनछुए ही रह जाते हैं और वह है केंद्र सरकार और गरीब राज्यों के बीच वित्तिय रिश्ते पर (केंद्रीय वित्त पोषण ) ईंधन सब्सिडी के वितरण में राज्यों के बीच असमानता ।

पिछले दशक में, ईंधन सब्सिडी ने सामूहिक एकल सबसे बड़ा सामाजिक हस्तांतरण का प्रतिनिधित्व किया है एवं केंद्रीय सरकार द्वारा प्रशासित एवं निधिबद्ध है।

राष्ट्रीय स्तर पर, ईंधन सब्सिडी का अत्यधिक प्रतिगामी सामाजिक वितरण ( विशेष रुप से डीजल और तरलीकृत पेट्रोलियम गैस ,एलपीजी, सब्सिडी ) अच्छी तरह से लिखित है। भारत के सबसे गरीब राज्यों में उपभोक्ताओं और व्यवसायों के साथ कुल सब्सिडी हस्तांतरण की एक अनुपातहीन कम हिस्सा प्राप्त करने के साथ राज्यों निहित, मौजूदा एवं पिछले ईंधन सब्सिडी नीतियों के बीच संरचनात्मक भेदभाव को कम व्यापक रुप से समझा जाता है।

वित्त वर्ष 14 में बिहारियों की तुलना में हरियाणवियों को चार गुना अधिक सब्सिडी मिला है

वित्तिय वर्ष 2013-14 (सबसे हाल ही का साल जिसके लिए राज्य स्तर की खपत डेटा वर्तमान में उपलब्ध है ) में 20 सबसे बड़े राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के लिए कुल प्रति व्यक्ति सब्सिडी व्यय, सब्सिडी हस्तांतरण की प्राप्ति में राज्यों के बीच असमानता के पैमाने पर प्रकाश डालती हैं, जैसा कि नीचे दिए गए टेबल में दिखाया गया है।

वर्ष 2013-14 में, बिहार में प्रति व्यक्ति 602 रुपये की औसतन प्रति व्यक्ति हस्तांतरण प्राप्त किया है। वहीं यदि दूसरे राज्यों से तुलना की जाए तो हरियाणा प्रति व्यक्ति 2,556 रुपये प्राप्त की गई है, दिल्ली 1967 रुपए, पंजाब 1912 रुपए एवं और कुछ छोटे राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों ने और अधिक प्राप्त किया है (उदाहरण के लिए गोवा में प्रति व्यक्ति 2903 रुपए प्राप्त किया गया है। )

कुल सब्सिडी खर्च (रुपए ) प्रति व्यक्ति ( उत्पाद द्वारा ) ( 20 सबसे बड़े राज्य) ( 2013-14)

बिहार में डीज़ल सब्सिडी पर प्राप्त प्रत्येक एक रुपए की तुलना में हरियाणा को मिले 10 रुपए

वर्ष 2013-14 के दौरान, बिहार में 10 फीसदी से कम प्राप्ति ( प्रति व्यक्ति 175 रुपए ) के साथ डीजल के लिए सब्सिडी हस्तांतरण की सबसे कम प्रति व्यक्ति प्राप्तकर्ता थी। वहीं हरियाणा के लिए यह आंकड़े ( प्रति व्यक्ति 1,770 रुपए ) बड़े राज्यों में सबसे अधिक रहे हैं ( नीचे दिए गए चार्ट को देखें )

प्रति व्यक्ति डीजल सब्सिडी खर्च (रुपए ) ( 20 सबसे बड़े राज्य) ( 2013-14)

रसोई गैस सब्सिडी के लिए बिहार में प्राप्त हरेक रुपए की तुलना में दिल्ली को 8 रुपए प्राप्त

170 रुपए प्रति व्यक्ति औसत के साथ वित्त वर्ष 2013-14 में रसोई गैस के लिए सब्सिडी हस्तांतरण में बिहार दूसरा सबसे कम प्राप्तकर्ता था ( झारखंड से मामूली अधिक,और इससे पहले वित्त वर्ष 2012-13 में सबसे कम प्रति व्यक्ति प्राप्तकर्ता रहा है )। नीचे दिए चार्ट से बातें और स्पष्ट होती हैं। यदि इन आंकड़ों की तुलना दिल्ली से की जाए तो यह दिल्ली में हस्तांतरण का एक आठवां भाग दर्शाता है। दिल्ली के लिए यह आंकड़े प्रति व्यक्ति 1,340 रुपए हैं।

प्रति व्यक्ति एलपीजी सब्सिडी खर्च (रुपए ) ( 20 सबसे बड़े राज्य) ( 2013-14)

बिहार की तुलना में गुजरात को प्रति व्यक्ति 114 रुपए अधिक मिलती है केरोसिन सब्सिडी

देश के गरीब राज्यों की सूची एवं बिजली, एलपीजी तक कम पहुंच होने के बावजूद बिहार में छूट प्राप्त केरोसिन का आंवटन प्रति व्यक्ति 257 रुपये पर, देश के औसत आंकड़े के बराबर था। इस संबंध में गुजरात के लिए यह आंकड़े प्रति व्यक्ति 371 रहे हैं। ( नीचे चार्ट देखें )

प्रति व्यक्ति केरोसीन सब्सिडी खर्च (रुपए ) ( 20 सबसे बड़े राज्य) ( 2013-14)

बिहार को लगातार सबसे कम प्रति व्यक्ति ईंधन सब्सिडी हस्तांतरण प्राप्त हुआ है।

सब्सिडी खर्च में इन त्रुटियों का संचयी प्रभाव (ईंधन सब्सिडी के डिजाइन और कार्यान्वयन के संबंध में केंद्र सरकार के फैसले के एक सीधा परिणाम ) बड़े पैमाने पर है, जिसका परिणाम बहु-वर्षीय संसाधन स्थानान्तरण में भारी असमानता के रुप में हो रहा है।

उदाहरण के लिए, हाल ही के तीन वर्षों में जिनके लिए वर्तमान में राज्य के लिए खपत आंकड़े मौजूद हैं, (वित्तीय वर्ष 2011-12 से 2013-14 तक ) केंद्र सरकार और संबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों ने डीजल , रसोई गैस और मिट्टी के तेल की सब्सिडी पर 447,771 करोड़ रुपए ( 73.6 बिलियन डॉलर ) खर्च किया है जोकि प्रमुख राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार सृजन योजना (एनआरईजीएस) सार्वजनिक रोजगार कार्यक्रम के लिए केंद्रीय बजट आवंटन के मुकाबले चार गुना अधिक है।

BiharGujaratDelhiHaryana
2011-12537141117342983
2012-13623163120613267
2013-14602141819672556

इस अवधि के दौरान, सभी राज्यों में बिहार लगातार सबसे कम प्रति व्यक्ति हस्तांतरण प्राप्त करने वाला राज्य रहा है ( प्रति व्यक्ति 525 रुपए से 625 रुपए के बीच )। नीचे दिए गए डेटा , वित्त वर्ष 2011-12 से 2013-14 के चयनित राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के सापेक्ष में बिहार में प्राप्त कुल प्रति व्यक्ति सब्सिडी दर्शाता है।

कुल सब्सिडी व्यय ( रुपए ), प्रति व्यक्ति ( चयनित राज्य ) (वित्तीय वर्ष 2011-12 से 2013-14 तक

2011-122012-132013-14
State / UTPer capita difference in transfer (Rs)Transfer required to equal (Rs crore)Per capita difference in transfer (Rs)Transfer required to equal (Rs crore)Per capita difference in transfer (Rs)Transfer required to equal (Rs crore)
Gujarat8749075.5100810604.88168691.1
Delhi119712426.9143815122.7136514537.8
Haryana244625394.5264427804.3195420809.2

नीचे दिए गए टेबल तीन साल से मार्च 2014 तक चयनित राज्यों एवं बिहार में प्राप्त प्रति व्यक्ति सब्सिडी के अंतर एवं बिहार को चयनित राज्यों के बराबर प्रति व्यक्ति हस्तांतरण के लिए आवश्यक कुल स्थानांतरण को दर्शाता है

State / UTTotal transfer required to equal FY12-FY14 (Rs crore)Per capita transfer required to equal FY12-FY14 (Rs)
Gujarat28371.42629
Delhi42087.43900
Haryana740086859

नीचे दिया गया टेबल पिछले तीन सालों से मार्च 2014 तक चयनित राज्यों द्वारा प्राप्त हस्तांतरण एवं बिहार में प्राप्त हस्तांतरण बराबर करने के लिए कुल हस्तांतरण की आवश्यकता को दर्शाता है।

आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि तीन सालों से मार्च 2014 तक के लिए हरियाणा के बराबर बिहार को सब्सिडी हस्तांतरण करने के लिए अतिरिक्त ( प्रतिपूरक ) के हस्तांतरण की आवश्यकता होगी। करीब 74,008 करोड़ या बिहार के हरेक व्यक्ति के लिए 6,859 रुपए। दिल्ली से आंकड़े बराबर करने के लिए 42,087 करोड़ रुपए या प्रति व्यक्ति 3,900 रुपए हस्तांतरण की आवश्यकता होगी वहीं गुजरात से आंकड़े बराबर करने के लिए 28,371 करोड़ या व्यक्ति रुपये प्रति 2629 के हस्तांतरण की आवश्यकता होगी।

(क्लार्क इंटरनेश्नल इंस्ट्यूट फॉर सस्टेनबल डेवलपमेंट (IISD ) जिनेवा, स्विट्जरलैंड में कार्यरत हैं। क्लार्क, भारत और वियतनाम सहित IISD के कार्यक्रमों की देखरेख करते हैं। IISD का मिशन नवीन अनुसंधान , संचार और भागीदारी के माध्यम से मानव विकास और पर्यावरण स्थिरता को बढ़ावा देना है। )

References:

Figures 1-4 are calculated from the following sources:

Figure 5 and Tables 1-3 are calculated from the following sources:

यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 30 अक्टूबर 2015 को indiaspend.com पर प्रकिशित हुआ है।


"क्या आपको यह लेख पसंद आया ?" Indiaspend.com एक गैर लाभकारी संस्था है, और हम अपने इस जनहित पत्रकारिता प्रयासों की सफलता के लिए आप जैसे पाठकों पर निर्भर करते हैं। कृपया अपना अनुदान दें :