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चेन्नई और तमिलनाडु में मतदान केंद्र के बाहर वोट करने के लिए इकट्ठा हुई महिलाएं। हाल ही में चार राज्यों में हुए चुनाव में से दो राज्यों में मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने वाली महिलाएं हैं लेकिन निर्वाचित महिला विधायकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है।

हाल ही में चार राज्यों में हुए चुनाव में महिला उम्मीदवारों – न कि विधायक - की संख्या में वृद्धि देखी गई है। 2011 के मुकाबले इस बार महिला उम्मीदवारों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है। चुनावी आंकड़ों पर इंडियास्पेंड द्वारा किए गए विश्लेषण में यह सामने आया है।

चार में से दो राज्यों में मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने वाली महिलाएं हैं - पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी और तमिलनाडु की जे जयललिता - और इन्होंने अपनी पार्टियों के लिए सिलसिलेवार जीत दर्ज की है।

महिला उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि, विधायकों में नहीं

हालांकि, दो महिला सत्ताधारी मुख्यमंत्रियों ने दोबारा चुनाव जीता है, लेकिन चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में निर्वाचित की जाने वाली महिला सदस्यों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है।

पश्चिम बंगाल में महिला उम्मीदवारों की संख्या सबसे अधिक

Source: Election Commission of India, Association for Democratic Reforms

पश्चिम बंगाल में महिला विधायकों की संख्या अधिक

Source: Election Commission of India, Association for Democratic Reforms

केरल,जो लिंग विकास का सबसे अच्छा संकेतक वाला राज्य रहा है, वहां 2011 के चुनाव के मुकाबले इस बार महिला उम्मीदवारों की संख्या में तीन गुना वृद्धि देखी गई है। हालांकि, 105 महिला उम्मीदवारों में से केवल आठ उम्मीदवारों (7.6 फीसदी) ने जीत हासिल की है।

केरल में एक-तिहाई महिला उम्मीदवारों (33) ने निर्दलीय चुनाव लड़ा है।

पश्चिम बंगाल में, 2011 के चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में छह अन्य महिला विधायक निर्वाचित किए गए हैं। असम में महिला विधायकों की संख्या 14 से आठ हुई है

केरल एवं तमिलनाडु दोनों में महिला विधायकों की संख्या में एक की वृद्धि हुई है।

क्या महिला नेता अधिक महिला उम्मीदवारों को देती हैं टिकट?

जेंडर इन पॉलिटिक्स,एक वेब आधारित परियोजना जो चुनाव आयोग से डेटा का उपयोग कर राजनीति में महिलाओं की स्थिति का ट्रैक रखती है, द्वारा जुटाए आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु में, 2011 के चुनाव को छोड़ कर जयललिता द्वारा महिला उम्मीदवारों को टिकट देने का अनुपात सबसे अधिक रहा है। 2011 में प्रतिद्वंद्वी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) द्वारा महिला उम्मीदवारों को सबसे अधिक टिकट दिया गया था।

2016 चुनाव: तमिलनाडु में एआईएडीएमके ने दिया सबसे अधिक महिला उम्मीदवारों को टिकट

Source: Gender In Politics, Election Commission of IndiaAIADMK: All India Anna Dravida Munnetra Kazhagam; DMK: Dravida Munnetra Kazhagam; BJP: Bharatiya Janata Party

2016 चुनाव: पश्चिम बंगाल में तृणमूल ने दिया सबसे अधिक महिला उम्मीदवारों को टिकट

Source: Gender In Politics, Election Commission of IndiaAITC: All India Trinamool Congress; CPI(M): Communist Party of India (Marxist); BJP: Bharatiya Janata PartyAll India Trinamool Congress was formed in 1998 after the faction broke from the Indian National Congress.

2016 में, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने 15 फीसदी टिकट महिला उम्मीदवारों को दिया है जबकि 2011 में यह आंकड़े 14 फीसदी थे।

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), पश्चिम बंगाल में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली पार्टी, राज्य में किसी भी अन्य पार्टी की तुलना में महिला उम्मीदवारों का चयन करने में आगे रही है।

इस वर्ष, पश्चिम बंगाल में तृणमूल का महिला उम्मीदवारों को टिकट देने का अनुपात (15 फीसदी) सबसे अधिक रहा है।

(तिवारी इंडियास्पेंड के साथ विश्लेषक हैं।)

यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 23 मई 2016 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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