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प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी फास्ट – ट्रेक डिप्लोमेंसी को अति उत्साह से करते हुए हाल की चीन की यात्रा को मिलाकर, उन्होने वर्ष के 365 दिनों में से 53 दिन विदेशी दौरों में 17 देशो की यात्रा करते हुए बिताए हैं |

मोदी और मनमोहन सिंह की अगर विदेशी दौरों की तुलना की जाए तो दोनों में बाहरी देशों में बिताए दिनों की संख्या में कोई बहुत फर्क नहीं है। जहां मनमोहन ने यूपीए-2 के प्रथम वर्ष के दौरान 365 में से 47 दिन विदेश में बिताए हैं । और यूपीए-1 के कार्यकाल के दौरान सिंह ने 30 दिनों की विदेश यात्राएं किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने 26 मई 2014 को जब शपथ लिया तो उन्होने भारतवासियों को यह विश्वास दिलाया कि वह एक स्थिर और तेज विदेशी नीति बनाएंगे, मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में8 देशों के बड़े नेता शामिल हुए थे।

अब हम देखते हैं कि मोदी और सिंह कि लगभग समान संख्या की विदेशी यात्राओं में गुणात्मक फर्क है वस्तुतः मोदी ने विदेशी देशों की यागा राज्य या देश के अतिथि बन कर स्वीकार किया है।

और इसकी तुलना में सिंह ने जो यात्राओं बाहर देशों की है। वो सब कुछ देशों की शिखर वार्ताओं में सदस्य –देश होने /सरकार प्रमुख होने के कारण किया है।

Modi and Singh: Foreign Tours During First Year
Singh 1st term-1st year visitsDatesDaysSingh 2nd term-1st year visitsDatesDaysModi 1st year visitsDatesDays
Thailand (BIMSTEC Summit)Jul 29-31, 20043Russia (Shanghai Coop. Org./BRIC summits)Jun 15-17, 20093BhutanJun 15-16, 20142
UKSep 19-20, 20042Italy (G-8)Jul 7-11, 20095Brazil (BRICS Summit)Jul 13-18, 20146
USA (UN Gen. Assembly)Sep 21-27, 20047FranceJul 13-14, 20092NepalAug 3-4, 20142
Netherlands (India-EU Summit)Nov 7-10, 20044Egypt (Non-Aligned Movt.)Jul 15-17, 20093JapanAug 31-Sep 3 20144
Laos (India-ASEAN Summit )Nov 28-30, 20043USA (G-20)Sep 23-27, 20095USA (UN Gen. Assembly/Bilateral visit)Sep 25-30, 20146
MauritiusMar 30-Apr 2, 20054Thailand (ASEAN-INDIA/East-Asia Summits)Oct 23-25, 20093Myanmar (East Asia/ASEAN-India Summit)Nov 11-13, 20143
Indonesia (Afro-Asian Summit)Apr 22-25, 20054USANov 21-26, 20096Australia (G20 Summit/Bilateral visit)Nov 14-18, 20145
Russian FederationMay 8-10, 20053Trinidad & Tobago (Commonwealth Heads of Govt.)Nov 27-28, 20092FijiNov 19-20, 20142
Denmark (Climate Summit)Dec 17-18, 20092Nepal (SAARC Summit)Nov 25-27, 20143
RussiaDec 6-8, 20093SeychellesMar 10-11, 20152
Saudi ArabiaFeb 27-Mar 1, 20103MauritiusMar 11-12, 20151
USA (Nuclear Security Summit)Apr 10-13, 20104Sri LankaMar 13-14, 20152
Brazil (IBSA/BRIC summits)Apr 14-16, 20103FranceApr 09-11, 20153
Bhutan (SAARC summit)Apr 28-30, 20103GermanyApr 12-14, 20153
CanadaApr 14-17, 20153
ChinaMay 14-16, 20153
MongoliaMay 17, 20151
South KoreaMay 18-19, 20152
TOTAL304753

Source: Ministry of External Affairs Annual reports: 2004-05, 2009-10, 2014-15

मोदी की विदेश यात्राओं और उनके द्वारा विदेश में बिताए दिनों की संख्या को लेकर काफी आलोचनाएँ होती रही हैं। लेकिन जहां तक विदेशी यात्रा-दिनों की संख्या का सवाल है- वहाँ सिंह ने भी लगभग उतने दिन ही बाहर बिताए है।

जैसा की इंडियास्पेंड नें अपनी पिछली रिपोर्ट् में बताया था की मोदी सार्वजनिक राजनीति में सोशल मीडिया की ताकत को बखूबी से इस्तेमाल करनें में माहिर हैं |

जहां तक विदेशी देशों के प्रमुखों द्वारा भारत में अतिथि यात्राओं की संख्या का प्रश्न है, वहाँ पर

मोदी के प्रथम वर्ष के कार्यकाल में 23 विदेशी –प्रमुख का स्वागत किया गया, वहीं मनमोहन सिंह के प्रथम वर्ष के कार्यकाल में और यूपीए-2 के कार्यकाल में – क्रमशः 30 और 29 विदेशी – देशों की यात्राएं किया |

ParametersSingh, May-Dec 2004Singh, May-Dec 2009Modi, May-Dec 2015
Bilateral (Treaties/ Conventions/ Agreements Signed)223757
Multilateral (Treaties/ Conventions/ Agreements Signed)215
Instruments of full powers issued3135
Instruments of ratification/accession14510

Note: Definitions of the terms used can be found here. Source: Ministry of External Affairs Annual reports: 2004-05, 2009-10, 2014-15

लगभग 57 द्विपक्षीय संधियों /सेमिनार और समझौतों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रथम वर्ष के कार्यकाल 2014-15 के (26 मई 2014 से 31 दिसंबर 2014) 7 महीनो में हस्ताक्षर किये।वहीं सिंह 37 और 22 द्विपक्षीय समझोते – संधियों अपने कार्यकाल यूपीए-2 (22 मई 2009 से 31 दिसंबर 2009) और यूपीए-1 ( 22 मई 2004 से 31 दिसंबर 2004) में क्रमशः संपादित किये।

ParametersSingh 1st year-1st termSingh 2nd term-1st yearModi first year
2003-042004-05% growth2008-092009-10% growth2013-142014-15% growth
Foreign Aid ($ million)16120829%414370-11%84898216%
Foreign Direct Investment2347%3126-18%242919%
Foreign Exchange Reserves10713626%2422556%30434212%
Exports648431%185179-4%314311-2%
Imports7811243%304288-5%450448-0.5

Note: Figures for Foreign Aid in US $ million and rest of the figures are in US $ billion; Sources: In the following list, 1 stands for 2003-04, 2 for 2004-05, 3 for 2008-09, 4 for 2009-10, 5 for 2013-14 and 6 for 2014-15. Foreign Aid: 1,2,3,4,5,6; Foreign Direct Investment: 1 to 6, Figures for FDI 2014-15 are up to February 2015; Foreign Exchange Reserves: 1,2,3,4,5,6; Exports and Imports: 1 to 4, 5 & 6

मोदी के प्रथम वर्ष कार्यकाल में भारत ने दूसरे बाहर के देशों को जो मदद धनराशि दिया उसमें 15.84% की वृद्धि हुई। वहीं सिंह के अपने यूपीए-2 के प्रथम वर्ष कार्यकाल में इसमें 10.81% की कमी दिखी ,जबकि सिंह के पहले कार्यकाल के प्रथम वर्ष में यह 29.32% की वृद्धि पाई गई।

मोदी के प्रथम वर्ष के कार्यकाल में 2013-14 की तुलना में प्रत्यक्ष विदेशी विनिवेश (FDI) में 18.58% का विकास परिलक्षित हुआ। वहीं सिंह के प्रथम वर्ष कार्यकाल यूपीए-1 में FDI के विनिवेश में 47.12% की वृद्धि हुई ।लेकिन उनके यूपीए-2 में यह गिरकर 17.72% ही रह गया।

वर्ष 2014-15 में विदेशी मुद्रा के भंडार में 12.29% की वृद्धि दृष्टिगोचर हुई पिछले गतवर्ष 2013-14 की तुलना में सिंह के कार्यकाल में 5.4% और 26.17% की विदेशी मुद्रा जो कि क्रमशः यूपीए-1 और यूपीए-2 के प्रथम वर्षों में रजिस्टर हुई।

डालर कि तुलना में निर्यात और आयात में वर्ष 2014-15 क्रमशः1.23%और 0.5% कि कमी के आंकड़े पाये गए। वहीं मनमोन सिंह के यूपीए-2 के प्रथम वर्ष में निर्यात और आयात तेजी से क्रमशः 4% और 5% गिरे।

डाक्टर उत्तरा सहस्रा बूद्धे, प्रोफेसर अंतररास्ट्रीय राजनीति मुंबई के अनुसार –मोदी के नेतृत्व में

गठित राष्ट्रीय जनतांत्रिक एलायंस ने भारत की विदेश नीति में एक सकारात्मक दिशा और दशा में बदलाव लाने की भरपूर कोशिश किया है, जबकि सिंह के कार्यकालों में भारत की विदेश नीति में एक ठहराव सा आ गया था |

भूतपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रथम कार्यकाल की सबसे बड़ी विदेश नीति की सफलता इंडो अमेंरिकन न्यूक्लियर डील का समझौता था | लेकिन सिंह के यू.पी.ऐ-2 कार्यकाल में विदेश नीति की दशा नकारात्मक सी हो गई और उनके नेतृत्व को उनके ही राजनीतिक दल ने कम तरजीह देना शुरू कर दिया – साथ ही साथ उनके कार्यकाल में नौकरशाहों का ही प्रभुत्व हो गया था, दूसरी ओर मोदी एक सशक्त प्रभावशाली नेता है – जिन्होंने भारतीय विदेश नीति को एक सक्रिय और सकारात्मक दिशा प्रदान किया |

मल्लापुर एक नीति विश्लेषक कार्यरत इंडियास्पेंड |

Image Credit: Press Information Bureau

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