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प्रवासी भारतीयों द्वारा अपने घरों/मुल्क में वर्ष 2014 में 70 बिल्यन डालर यानी कि लगभग 4.34 लाख करोड़ रुपया भेजा | इस प्रकार प्रवासी जनों द्वारा अपने घरों/मुल्क को धन भेजने वाले देशो की सूची में प्रवासी भारतियों ने लगातार सातवीं बार सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया हैं , उक्त आंकड़ें वर्ल्ड बैंक ने प्रकाशित किया |

प्रवासी भारतीयों द्वारा भेजी जाने वाली उक्त सामूहिक धन राशि भारत द्वारा प्रस्तावित – चार भारी भरकम बजट वाले बुलेट ट्रेन कारीडोरों प्रोजेक्ट्स को निर्माण करने में सक्षम – यह धन भारत द्वारा 67 कोयला आवंटन से प्राप्त होने वाली राशि से ज्यादा हैं | यह समस्त भारतीय कम्पनीज द्वारा सामूहिक रूप से मार्केट से उठाई धन राशि से भी अधिक हैं |

लेकिन विदेशी मुद्रा की वृद्धि दर , जो कि सन 2013 में1.7% थी – घट कर 0.6% हो गयी सन 2014 में| वर्ल्ड बैंक के अनुसार इसका कारण तत्कालीन समय में भारतीय रुपया की साख में बढ़त हो सकती हैं, अन्य प्रचलित मुद्राओं की तुलना में|

प्रवासी भारतीयों द्वारा घरों/मुल्क को भेजी गयी धन राशि

Source: World Bank; Figures in $ billion

गत पिछले दशक में प्रवासी भारतियों द्वारा घर भेजे गए धन में तीन गुना वृद्धि दर्ज की गयी – यह 22 बिल्यन डालर से बढ़कर 70 बिल्यन डालर सन 2012 के अंत तक हो गयी |

उक्त भेजे गए धन राशि में से सबसे बड़े हिस्सों में से एक यूनाइटेड अरब इमाइरटेस के (U.A.E.) से 12.63 बिलियन डालर , दूसरे नंबर पर यूनाइटेड स्टेट्स , 11.18 बिलियन डालर और सऊदी अरब से 10.84 बिलियन डालर आया |

किन-किन बाहरी देशों से प्रवासी भारतीय धन भेजते हैं

Source; World Bank; Figures in $ billion

प्रवासी भारतीय धन के कुल जोड़ 70 बिलियन डालर का 18% हिस्सा यूनाइटेड अरब इमाइरटेस से , 15.88% हिस्सा यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका से और 15.40% हिस्सा सऊदी अरब से आता हैं |

पूरी दुनिया में फैले भारतियों की संख्या लगभग 274 मिलियन हैं - जोकि पिछली अनुमानित संख्या 232 मिलियन से ज्यादा हैं | यह संख्या 2015 में बढ़कर 250 मिलियन हो जाने की संभावना हैं |

दुनिया में विकासशील देशों से प्रवासीजनों द्वारा अपने घरों/मुल्क को भेजे जाने वाले धन की राशि में – भारत और चीन को मिलाकर – भेजे जाने वाले धन की राशि 436 बिलियन (सन 2014) हो गयी – सन 2013 से जोकि इस प्रकार 4% की वृद्धि को प्राप्त हुई | सन 2015 में यह बढ़कर 440 बिलियन डालर हो जाने की उम्मीद हैं – जो की पिछले साल की तुलना में 0.9% वृद्धि को प्राप्त होगा |

वर्ल्ड बैंक ने अपनी रपट मेंकहा की अंतर्राष्ट्रीय तेल की कीमतों में कमी के कारण प्रावासी भारतियों,जो कि गल्फ कोओपरेसन काउंसिल (G.C.C.) देशों के सदस्य देशों मेंबसे हैं -द्वारा घरों/मुल्क को भेजी गयी धन राशि में कोई कमी नहीं आयी |

वर्ल्ड बैंक कि रिपोर्ट में आगे कहा कि उक्त प्रवासियों द्वारा घरों/मुल्कों को प्रेषित धन के परिदृश्य बदलाहट के दौर में हो सकतें हैं , लेकिन गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल देशों के अधिकांश वित्तीय संसाधनो के इंडस्ट्रियल इस्तेमाल और दीर्घकालीन इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास कार्यकर्मों के लिए प्रवासीजनों की आवश्यकता तो पड़ेगी ही | लेकिन प्रावासीजनों द्वारा घरों/मुल्क को भेजे गए धन में थोड़ी कमी उस स्थित में आ सकती हैं – जबकि अंतर्राष्ट्रीय तेल की कीमत अगले कुछ साल के लिए वर्तमान कीमतों पर स्थिर रहे |

वर्तमान में प्रवासी भारतीयों की संख्या विश्व भर में फैले 200 देशों में– लगभग 21 मिलियन हैं - यह बहुत छोटे देशों – जैसे PRINCAPALITY OF LICHTENTIN AND THE PEOPLE REPUBLIC OF LAO, को मिलाकर 2012 आंकड़े हैं , ऐसा भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की नवीनतम बुलेटिन में बताया गया हैं |

सबसे बड़े दस विदेशी देश , जहां प्रवासी भारतीय बसे हैं |

Source: Ministry of External Affairs

2 मिलियन से ज्यादा भारतीय प्रवासीजन u.s.a और मलेशिया में बसे हैं , यूनाइटेड अरब इमाईरटेस में 1.75 मिलियन और सऊदी अरब में लगभग 1.78 मिलियन भारतीय हैं |

अन्य देशों में भी प्रवासी भारतीय जनों की संख्या 111,000 (YEMEN), 4000 (ईरान), 9000 (ईराक), 20,500 (ज़ाम्बिया) और 10,500 (ज़िम्बाब्वे) में भारतीय हैं |

इमेज क्रेडिट : विकिमिडिया/इमरे सोल्ट

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