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नई दिल्ली: नवीनतम उपलब्ध राष्ट्रीय स्वास्थ्य आंकड़ों पर हमारे विश्लेषण के मुताबिक, उत्तर और पश्चिम भारत में लड़कियों का जन्म कम हो रहा है और गरीब राज्यों की तुलना में समृद्ध राज्यों में भी लड़कियों का कम जन्म हो रहा है।

जन्म के समय लिंग अनुपात ( प्रति 1,000 जन्मों पर लड़कियों का जन्म ) के साथ नौ राज्यों में से सात का अनुपात भारतीय औसत से बद्तर है।

भारत में सबसे कम लड़कियों के जन्म साथ वाले राज्य हरियाणा, उत्तराखंड और गुजरात हैं और ये भारत के शीर्ष 10 समृद्ध राज्यों में से हैं।

नवीनतम उपलब्ध आंकड़े, नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) 2013-15 के अनुसार प्रति 1,000 लड़कों पर 900 लड़कियों का आंकड़ा है।

भारत का चौथा सबसे समृद्ध राज्य (2015-16), हरियाणा में भारत का सबसे बद्तर लिंग अनुपात है। हरियाणा के लिए यह आंकड़ा प्रति 1,000 लड़कों पर 831 लड़कियों का है। उत्तराखंड में प्रति 1,000 लड़कों के साथ 844 लड़कियों के जन्म का अनुपात है और गुजरात में प्रति 1,000 लड़कों पर 854 लड़कियों के जन्म का अनुपात है।

जन्म के समय लिंग अनुपात स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण सूचक है और भारत में लिंग-चयनात्मक गर्भपात द्वारा लड़कियों को जन्म लेने से रोकने के पैमाने को दर्शाता है, जैसा कि नीति आयोग की 2018 की एक रिपोर्ट से पता चलता है।

जन्म के समय एक सामान्य लिंग अनुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 943 से 980 लड़कियों के बीच है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, यह अनुपात प्रत्येक 1,000 लड़कों पर 1,000 लड़कियों का नहीं है, क्योंकि यह लड़कों के बड़े होने के साथ उनके लिए मौत का एक उच्च जोखिम संतुलन का प्रकृति का तरीका है।

प्रति 1000 लड़कों पर 943 से 980 लड़कियां की सामान्य श्रेणी से कम लिंग अनुपात लड़कियों के विरुद्ध भेदभाव, गर्भपात की स्थिति, गर्भ के बाद लड़कियों की हत्या, या भ्रूण का गर्भनिरोधक माध्यम से गर्भपात का संकेत देता है।

वे राज्य जहां जन्म के समय औसत से कम लिंग अनुपात है, उनमें राजस्थान (861), दिल्ली (869), महाराष्ट्र (878), उत्तर प्रदेश (879), पंजाब (889) और जम्मू और कश्मीर (899) शामिल हैं। राजस्थान, जम्मू और कश्मीर और उत्तर प्रदेश के अलावा, अन्य भारत के समृद्ध राज्य माने जाते हैं। समृद्ध और अधिक साक्षर राज्यों में लिंग अनुपात कम है। साक्षरता का बढ़ने का रिश्ता बढ़ती आय है, जो परिवारों को और अधिक आसानी से सेक्स-चयनात्मक प्रक्रियाओं तक पहुंचने की अनुमति देता है, जैसे कि ‘एम्निओसेंटिसिस’। इस संबंध में इंडियास्पेंड ने जून, 2015 की रिपोर्ट में विस्तार से बताया है।

राज्य में जन्म के समय लिंग अनुपात भारतीय औसत से कम

Sex Ratio At Birth In States Lower Than Indian Average
StateSex Ratio At Birth (Girls per 1,000 boys)Per Capita Income (In Rs)Per Capita Ranking
Haryana831162,0344
Uttarakhand844146,8268
Gujarat854141,50410
Rajasthan86182,32519
Delhi869273,6182
Maharashtra878147,3995
Uttar Pradesh87946,29927
Punjab889119,26114
Jammu & Kashmir89974,65320
India90094,13017

Source: Sample Registration System 2015, Economic Survey 2018

Note: Sex ratios at birth are for 2013-15, per capita income for 2015-16.

ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी इलाकों में जन्म के समय लिंग अनुपात में तेजी से गिरावट हो रही है। शहरी क्षेत्रों में 902 लड़कियां के जन्म का आंकड़ा है, जबकि ग्रामीण इलाकों में यह आंकड़ा 923 का है, जैसा कि इंडियास्पेंड ने अगस्त 2017 की रिपोर्ट में बताया है।

एक प्रतिकूल बाल लिंग अनुपात पूरी जनसंख्या के विकृत लिंग बदलाव में भी परिलक्षित होता है।

2031 में, भारत में प्रति 1,000 पुरुषों पर 936 महिलाओं का अनुपात होगा, जो कि 1951 के प्रति 1000 पुरुषों पर 946 महिलाओं के अनुपात से कम है, जैसा कि विश्व बैंक का अनुमान है।

जब परिवार में कम बच्चों की इच्छा होती है तो माताओं पर बेटों को जन्म देने का दवाब ज्यादा हो जाता है। समाचार पत्रिका, ‘इकोनोमिस्ट’ ने मार्च 2017 में लिखा है, "आधुनिकीकरण और बढ़ती आय लोगों को बच्चों के लिंग चयन करने की सुविधा देती है। और उसके ऊपर, एक बेटा पाने की इच्छ आमतौर पर समाज में देखी जाती है। "

गुजरात में 53 अंकों की सबसे तेज गिरावट के साथ, भारत में पिछले दो साल में 17 बड़े राज्यों में जन्म के समय लिंग अनुपात में कमी आई है। 2018 के नीति आयोग की रिपोर्ट में यह बताया गया है।

नीति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि, "राज्यों को पूर्व-गर्भधारण और प्री-नेटाल डायग्नॉस्टिक टेक्निक्स (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम, 1994 को प्रभावी रूप से लागू करने और लड़कियों के मूल्य को बढ़ावा देने के लिए उचित उपाय करने की आवश्यकता है।"

(यदवार प्रमुख संवाददाता हैं और इंडियास्पेंड के साथ जुड़ी हैं।)

यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 20 मार्च, 2018 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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