क‍िसान आंदोलन: शंभू बॉर्डर पर डटे, द‍िल्‍ली जाने पर अड़े… क‍िसानों की नाराजगी की असल वजह क्‍या है?

Update: 2024-02-27 05:21 GMT

नई द‍िल्‍ली। बीते 13 फरवरी से किसानों का एक बड़ा समूह दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें हर‍ियाणा और पंजाब के क‍िसानों की संख्‍या सबसे ज्‍यादा है। उधर, सरकार और किसान चार बार वार्ता भी कर चुके हैं, लेकिन हल नहीं निकल सका है। जब भी क‍िसान दिल्‍ली पहुंचने की कोश‍िश करते हैं, पुलिस उन्‍हें रोक देती है। कई बार तो क‍िसानों को रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले बरसाने पड़े और रबड़ की गोलियां भी चलानी पड़ी। क‍िसानों का यह विरोध न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी को लेकर है। किसान एमएसपी के साथ ही स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, लखीमपुर खीरी हादसे पर सख्त कार्रवाई करने जैसी कई अन्य मांगों पर भी अड़े हैं। आइये जानते हैं क‍ि इन क‍िसानों की मांगें क्‍या हैं?


- सभी 23 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी।

- सभी फसलों का भाव स्वामीनाथन आयोग के अनुसार लागत से 50 प्रतिशत अधिक दिया जाए।

- किसानों पर चढ़े कर्ज को माफ किया जाए।

- किसानों के लिए 10 हजार रुपये प्रति महीने पेंशन देने की व्यवस्था लागू की जाए।

- बिजली संशोधन बिल-2022 को रद किया जाए।

- लखीमपुर खीरी में घायल हुए किसानों को उचित मुआवजा मिले।

- परिवार में किसी एक को नौकरी दी जाए।

- लखीमपुर खीरी कांड के आरोपितों को सजा मिले।

- कृषि कानून विरोधी प्रदर्शन में जिन किसानों पर केस दर्ज हुए हैं, उन्हें रद किया जाए।

- प्रदर्शन में मृत किसानों के स्वजन को उचित मुआवजा मिले।


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