वीड‍ियो: कम बार‍िश, बढ़ता तापमान, गन्‍ना किसान इतना परेशान क्‍यों हैं?

लखीमरपुर खीरी उत्तर प्रदेश के प्रमुख गन्‍ना उत्‍पादक ज‍िलों में से एक है। लेकिन ज‍िले के क‍िसान प‍िछले कुछ वर्षों से मौसम की मार से परेशान हैं। देख‍िये वीड‍ियो स्टोरी

Update: 2024-07-31 10:28 GMT

लखीमपुर खीरी। “इस बार के मौसम में जो बदलाव आया, उसका असर हमारी फसलों पर साफ देखा गया। गन्‍ने की पत्तियां सूख गईं। पीले पड़ गये। जून महीने में बार‍िश ही नहीं हुई। इस वजह से ज‍िस फसल को चार बार पानी देना पड़ता था, उसमें 8 बार पानी लगाना पड़ा। बदलता मौसम गन्‍ना किसानों के ल‍िए मुसीबत लेकर आया है।”

उत्तर प्रदेश के ज‍िला लखीमपुर खीरी में रहने वाले गन्‍ना किसान द‍िलजिंदर सिंह बदलते मौसम की मार से परेशान हैं। “समय पर बार‍िश न होने की वजह से लागत दो गुनी तक बढ़ गई है। जबकि हमें उस ह‍िसाब कीमत नहीं मिलती। फसलों में रोग बहुत लग रहे। दवाओं का असर भी कम हो रहा।” द‍िलजिंदर आगे बताते हैं।

देश का सबसे बड़ा राज्‍य उत्तर प्रदेश गन्‍ना उत्‍पादन के मामले में देश में पहले पायदान पर है। महाराष्‍ट्र और कर्नाटक इसके बाद क्रमश: दूसरे और तीसरे स्‍थान पर हैं। 853-72 क्‍विंटल प्र‍ति हेक्‍टेयर उत्‍पादन के साथ ज‍िला लखीमरपुर खीरी उत्तर प्रदेश के प्रमुख गन्‍ना उत्‍पादक ज‍िलों में से एक है। लेकिन ज‍िले के क‍िसान प‍िछले कुछ वर्षों से मौसम की मार से परेशान हैं। गन्‍ने की बुवाई फरवरी से मार्च तक हो जाती है। फसल 10-14 माह में तैयार होता है।

किसान प्रशांत पांडेय भी मानते हैं कि गन्‍ने की खेती पर अन‍िश्‍च‍ित मौसम का असर बढ़ता जा रहा। “गन्‍ना पानी की फसल है। बार‍िश ना होने की वजह से पानी जमीन के पानी का दोहन बढ़ा है। इसकी वजह से वाटर लेवल भी कम हुआ है। आने वाले समय में गन्‍ने के अच्‍छे उत्‍पादन के ल‍िए किसानों को और समस्‍या का सामना करना पड़ सकता है।”

भारत मौसम विज्ञान विभाग की र‍िपोर्ट के अनुसार लखीमपुर खीरी में जून के पहले सप्‍ताह में 5 जून तक सामान्‍य से 93 फीसदी कम बार‍िश हुई। दूसरे सप्‍ताह यानी 5 से 12 जून के बीच बार‍िश हुई ही हीं नहीं। मतलब 100 फीसदी कम बार‍िश हुई। तीसरे सप्‍ताह में भी यही हाल रहा। आख‍िरी सप्‍ताह से स्‍थ‍ि‍ति‍ में थोड़ा बदलाव आया और थोड़ी बहुत बार‍िश हुई। हालांकि जुलाई आते-आते ज‍िले में अच्‍छी बार‍िश हुई।

कृष‍ि व‍िज्ञान केंद्र मंझरा फार्म के वैज्ञान‍िक डॉ. व‍िवेक कुमार पांडेय कहते हैं क‍ि तापमान बढ़ने की वजह से गन्‍ने की फसल में रोगों का प्रकोप बढ़ा है। “इधर के वर्षों में गन्‍ने की फसल में तना बेधक (स्टेम बोरर) रोग की समस्‍या बढ़ी है। इस पर जब हमने काम क‍िया तो सामने आया कि बढ़ते तापमान की वजह से इसका प्रकोप बढ़ा है।” वे आगे बताते हैं।


Similar News