केरल को केंद्रीय मदद 1 राफेल फाइटर जेट खरीदने के बराबर
बेंगलुरु: 21 अगस्त, 2018 को केरल में बाढ़ प्रभावित लोगों तक राशन आपूर्ति के लिए भारतीय वायुसेना के एन-32 विमान में सामान लोड होते हुए।
मुंबई: हाल ही में केरल में बाढ़ से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए 2,000 करोड़ रुपये (286 मिलियन डॉलर) के अनुरोध के जवाब में केंद्र ने 600 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जो राज्य की उम्मीद की तुलना में 30 फीसदी है। यह राशि एक राफेल लड़ाकू जेट (670 करोड़ रुपये) की लागत से कम है। ऐसे 36 राफेल जेट भारत फ्रांस से खरीदना चाहता है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराय विजयन ने 21 अगस्त, 2018 को कहा कि राज्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना सहित विभिन्न केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के तहत 2,600 करोड़ रुपये (372 मिलियन डॉलर) का 'विशेष पैकेज' मांगेगा।
1 जून से 18 अगस्त, 2018 के बीच केरल को प्रभावित करने वाली बाढ़ ने मृत्यु और विनाश का व्यापक निशान छोड़ा है, लेकिन केंद्र द्वारा प्रदान की गई सहायता पर वाद-विवाद शुरु हो गया है।
केरल में बाढ़ की वजह से मृतकों की संख्या 373 पहुंच गई है, 1.2 मिलियन से अधिक लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं, और नुकसान 20,000 करोड़ रुपये (2.86 बिलियन डॉलर) पर आ गया है। यह आंकड़ा राज्य के 2018-19 व्यय का 16 फीसदी है, जैसा कि ‘न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ ने 18 अगस्त, 2018 की रिपोर्ट में बताया है।
जब अगस्त 2017 में बिहार को व्यापक बाढ़ का सामना करना पड़ा, तो केंद्र ने उस वर्ष बिहार को 1,853 करोड़ रुपये (289 मिलियन डॉलर) की वित्तीय सहायता दी थी। 24 जुलाई, 2018 के लोकसभा के जवाब के मुताबिक उन बाढ़ों में 649 लोग और 256 मवेशियों की जान गई थी और 810,000 हेक्टेयर कृषि भूमि और 357,197 घर नष्ट हो गए थे।
केंद्र सरकार ने हाल ही में 600 करोड़ रुपये की अंतरिम राशि जारी की है। इंडियास्पेंड द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि केंद्र सरकार द्वारा किए गए कुछ अन्य सार्वजनिक खर्चों की लागत से यह अंतरिम राहत कम है:
- एक एक्जिबिशन और कंवेंशन सेंटर (ईसीसी), द्वारका, नई दिल्ली के निर्माण के लिए आवंटित राशि- 700 करोड़ रुपये।
- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के लिए एयर इंडिया द्वारा संचालित विशेष उड़ानों के लिए दो नए वीवीआईपी विमानों की खरीद पर खर्च की गई राशि- 4,469.5 करोड़ रुपये ( 640 मिलियन डॉलर );
- क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना के तहत 50 हवाईअड्डे / हवाईअड्डे के पुनरुद्धार के लिए केंद्र द्वारा आवंटित आवंटन- 890 करोड़ रुपये।
तेलंगाना की ओर से सबसे ज्यादा मदद
केंद्र के अलावा, 24 राज्यों ने मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमडीआरएफ) को 206 करोड़ रुपये का वादा किया है।
वित्त मंत्री थॉमस इसहाक के ट्वीट के अनुसार, 160 करोड़ रुपये के अतिरिक्त सीएमडीआरएफ को अब तक 210 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली है।
Chief Ministers Distress Relief Fund has so far received ₹210cr.This is in addition to the pledge for financial assistance of ₹160 crores. We feel humbled by this overwhelming response and pledge to to strive to meet your expectations. (htpps://donation.cmdrf.kerala.gov.in/)
— Thomas Isaac (@drthomasisaac) August 22, 2018
25 करोड़ रुपये के साथ तेलंगाना अब तक का सबसे बड़ा राज्य दाता है, जो 24 राज्यों द्वारा दी गई सहायता का 12 फीसदी है। राज्य प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार बाढ़ से प्रभावित लोगों को पेयजल मुहैया कराने के लिए राज्य ने 2.5 करोड़ रुपये की ‘रिवर्स ऑस्मोसिस मशीन’ की पेशकश भी की है।
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक महाराष्ट्र मदद करने वालों की सूची में दूसरे स्थान पर है, जिसने 20 करोड़ रुपये का राहत निधि की घोषणा की है। इसके अलावा, राज्य द्वारा केरल में 11 टन सूखे भोजन, 30 टन राहत सामग्री और 50 डॉक्टरों को भेजा जा रहा है।
केरल को पहली वित्तीय सहायता पड़ोसी राज्य तमिलनाडु और कर्नाटक से मिली थी। दोनों ने सीएमडीआरएफ में 10 करोड़ रुपये का योगदान दिया। तमिलनाडु ने 500 टन चावल, 300 टन दूध पाउडर, 15,000 लीटर अल्ट्रा-उच्च तापमान संसाधित दूध और 10,000 कंबल और लुंगी का वादा किया है। कर्नाटक सरकार ने केरल के पुनर्वास शिविरों में डॉक्टरों और हेल्थकेयर कार्यकर्ताओं की एक टीम भेजने की भी पेशकश की है।
उत्तर प्रदेश, 15 करोड़ रुपये के साथ तीसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। आंध्र प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ सरकारों ने भी 10-10 करोड़ रुपये दिए हैं।
मुख्यमंत्री राहत निधि में योगदान के लिए अन्य राज्य भी आगे आए हैं। ओडिशा 5 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश ने 5 करोड़ रुपये, उत्तराखंड ने 5 करोड़ रुपये, झारखंड ने 5 करोड़ रुपये, असम ने 3 करोड़ रुपये, अरुणाचल प्रदेश ने 3 करोड़ रुपये , जम्मू-कश्मीर ने 2 करोड़ रुपये और मणिपुर ने 2 करोड़ रुपये के अनुदान की घोषणा की है।
विदेशों से भी मदद के लिए प्रस्ताव आ रहे हैं। संयुक्त अरब अमीरात ने पुनर्वास कार्यों के लिए 700 करोड़ रुपये का दान देने की घोषणा की। कतर ने सहायता में 35 करोड़ रुपये की घोषणा की। इसके अलावा, मालदीव ने 35 लाख रुपये की पेशकश की है। हालांकि, विदेशी सहायता की स्वीकृति पर विवाद हो सकता है- 2005 की राष्ट्रीय आपदा नीति घरेलू आपदाओं से निपटने के लिए राष्ट्रीय क्षमता के उपयोग की बात करता है।
Informally informed with regret that GOI is not accepting overseas donations for Kerala flood relief. Our hearts are with you the people of Bharat. https://t.co/b4iyc3aQez
— Ambassador Sam (@Chutintorn_Sam) August 21, 2018
राज्यों द्वारा घोषित केरल को सहायता
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}
Aid Announced By States To Kerala | ||
---|---|---|
State | Aid in Cash | Aid in Kind |
Tamil Nadu | Rs 10 crore | 500 tonnes of rice, 300 tonnes of milk powder, 15,000 litres of ultra high temperature processed milk, 10,000 blankets and lungis. |
Karnataka | Rs 10 crore | Doctors for medical assistance |
Telangana | Rs 25 crore | RO machines to ensure clean drinking water worth Rs 2.50 crore |
Andhra Pradesh | Rs 10 crore | |
Maharashtra | Rs 20 crore | A consignment carrying 30 tonne of relief materials, including dry food, medicines, toiletries, sanitary napkins, innerwear, blankets and candles. 50 doctors being sent |
Madhya Pradesh | Rs 10 crore | |
Gujarat | Rs 10 crore | |
Odisha | Rs 5 crore | 245 fire personnel with boats |
Rajasthan | Rs 10 crore | |
Punjab | Rs 5 crore | Rs 5 crore in the form of ready-to-eat food material and other supplies, to be flown out with the help of the defence ministry |
Haryana | Rs 10 crore | |
Himachal Pradesh | Rs 5 crore | |
Uttarakhand | Rs 5 crore | |
Uttar Pradesh | Rs 15 crore | |
Bihar | Rs 10 crore | |
Jharkhand | Rs 5 crore | |
Chhattisgarh | Rs 10 crore | State has offered to send across rice and food packets, doctors, health care workers for relief work |
West Bengal | Rs 10 crore | |
Jammu and Kashmir | Rs 2 crore | |
Delhi | Rs 10 crore | |
Assam | Rs 3 crore | |
Arunachal Pradesh | Rs 3 crore | |
Manipur | Rs 2 crore | |
Puducherry | Rs 1 crore |
Source: The Indian Express, NDTV, State press releases of Maharashtra, Telangana, Rajasthan, Chhattisgarh, Himachal Pradesh, Jammu and Kashmir, Punjab, Haryana, Tamil Nadu, Uttar Pradesh, Arunachal Pradesh
केरल को हुए नुकसान में वित्तीय नुकसान बहुत ज्यादा
राज्य में शुरुआती भूस्खलन के लिए केंद्र की पहली प्रतिक्रिया, 20 जुलाई, 2018 को राज्य आपदा राहत निधि (एसडीआरएफ) के लिए 80.25 करोड़ रुपये जारी करना है, जैसा कि 1 अगस्त, 2018 को गृह मामलों के मंत्री किरेन रिजजू ने राज्यसभा के एक जवाब में बताया है।
एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, इसके बाद 12 अगस्त, 2018 को 100 करोड़ रुपये और एनडीआरएफ से 18 अगस्त, 2018 को 500 करोड़ रुपये की घोषणा हुई है। कुल मिलाकर, राशि 600 करोड़ रुपये है।
लगातार बारिश के कारण होने वाली क्षति अन्वेषण का विषय है। मूल्यांकन घाटे, 20,000 करोड़ रुपये तक को भी फंड किया जा सकता है।
- प्रधान मंत्री आवास योजना (प्रधान मंत्री आवास परियोजना) के तहत 4 मिलियन से अधिक घरों का निर्माण;
- स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन का 87 फीसदी (2018-19 में 23,000 रुपये आवंटित किए गए हैं);
- प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 57,000 किलोमीटर की सड़कों का निर्माण;
2018-19 के बजट के अनुसार 20,000 करोड़ रुपये के साथ, केरल को वित्त पोषित किया जा सकता था।
- 20 साल की खाद्य सब्सिडी के लायक। (इस साल खाद्य सब्सिडी के तहत 954 करोड़ रुपये का बजट किया गया था।)
- 1.4 मिलियन लोगों को आवास प्रदान करने के लिए जीवन आवास योजनाएं। बाढ़ इस वर्ष 1.2 मिलियन से अधिक लोगों को विस्थापित कर दिया। (176,000 भूमिहीन लोगों को घर उपलब्ध कराने के लिए इस वर्ष 2,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।)
- लगभग 11 साल के सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लायक। (इस साल सरकार ने 1,685.70 करोड़ रुपये निर्धारित किए थे।)
आपदाओं से निपटने का पिछला अनुभव
राहत और पुनर्वास मुख्य रूप से राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है। इसे राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि द्वारा वित्त पोषित किया जाता है, जिसमें केंद्रीय और राज्य सरकारें सामान्य श्रेणी के राज्यों के लिए 75:25 के अनुपात और वंचित माने जाने वाली 11 विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए 90:10 अनुपात में योगदान देता है, जैसा कि 3 जनवरी, 2018 को लोकसभा में किरेन रिजजू के जवाब से पता चलता है।
"गंभीर" के रूप में पहचाने गए आपदाओं को केंद्रीय नियंत्रित राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया निधि से सहायता दी जाती है। 2017-18 में, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात, असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, उड़ीसा और झारखंड सहित कई राज्यों ने भारी बाढ़ का सामना किया है।
बाढ़ के लिए 2017-18 में राज्यों के दिया गया आवंटन
बिहार को, जैसा कि हमने कहा, बाढ़ के लिए 2017-18 में केंद्र से सबसे बड़ी सहायता (1,853 करोड़ रुपये) प्राप्त हुई, इसके बाद पश्चिम बंगाल (751.5 करोड़ रुपये) का स्थान रहा है।
पत्रिका, साइंस एडवांस में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, भारत 2040 तक गंभीर बाढ़ के खतरे के संपर्क में आने वाली आबादी में छह गुना वृद्धि देख सकता है, जैसा कि इंडियास्पेंड ने 10 फरवरी, 2018 की रिपोर्ट में बताया है। और 2018 विश्व बैंक के अध्ययन ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन 2050 तक भारत की आबादी के आधे हिस्से के जीवन स्तर के मानकों को कम कर सकता है।
(सालवे विश्लेषक हैं। क्षेत्री दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज फ्रॉम वुमन से ग्रैजुएट हैं और इंटर्न हैं। दोनो इंडियास्पेंड के साथ जुड़ी हैं। लेख के लिए इंडियास्पेंड डेटा विश्लेषक श्रेया रमन से इनपुट लिया गया है।)
यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 23 अगस्त, 2018 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
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