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अहमदाबाद दुरंतो एक्सप्रेस, मुंबई और अहमदाबाद के बीच सबसे तेज ट्रेन, दूरी तय करने में छह घंटे और पंद्रह मिनट लगते हैं।

एक नए अध्ययन से पता चला है कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन को रोजाना 88,000 से 1,18,000 यात्रियों को ले जाने की आवश्यकता होगी, तभी वो ब्याज सहित कर्ज का भुगतान करने में सक्षम होगी।

परिप्रेक्ष्य के लिए बता दें कि भारत के सबसे बड़े और दुनिया के दूसरे सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम ईडन गार्डन्स की क्षमता भी 66,000 दर्शकों की है।

योजना मुंबई और अहमदाबाद (434 किलोमीटर) के बीच 240 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बुलेट ट्रेन चलाकर वर्तमान में सफर के आठ घंटों को कम कर दो घंटे कर देने की है।

अहमदाबाद के भारतीय प्रबंधन संस्थान के कार्यप्रणाली दस्तावेजों के अनुसार, “कुछ उच्च गति रेल (एचएसआर) योजनाओं जैसे टोकियाडो (टोक्यो-ओसाका) और सान्यो शिकांनसेन (इनमें 2011 में संयुक्त रूप से 20.7 करोड़ यात्री थे), और टीजीवी सुद-स्त (पेरिस-लियोन) ने मुनाफा कमाया है।” “चीन हाल की चार नई योजनाओं का अध्ययन बताता है कि केवल जिनान-क्विंगदाओ रेलमार्ग ही वित्तीय लागत उठा पा रहा है। इन्हें पहले साल प्रति वर्ष 2 करोड़ यात्रियों से अधिक ने उपयोग किया है।”

अध्ययन में परिचालन अनुपात- राजस्व में परिचालन लागत का अनुपात- 20% और 40% आवश्यक ट्रेन क्षमता पर पहुँचने के लिए को शामिल किया गया।

छह घंटों ने बचाए = 2000 रुपये से अधिक

अध्ययन में पता चला कि प्रति यात्री यात्रा लागत लगभग पाँच रुपए प्रति किलोमीटर है। एक ही लाइन पर छोटी दूरी की यात्रा के लेखांकन के बाद, प्रति यात्री किराया 1500 रुपये (300 किलोमीटर के लिए) माना गया।

अध्ययन में कहा गया है कि इसका मतलब है कि बुलेट ट्रेन में प्रथम श्रेणी का किराया 2,670 रुपये होगा।

वर्तमान में मुंबई से अहमदाबाद के लिए प्रथम श्रेणी का रेलवे टिकट आमतौर पर 660 रुपये है, जबकि दूसरी श्रेणी का किराया 180 रुपये।

इसका मतलब हुआ कि यात्री बुलेट ट्रेन में यात्रा से छह घंटे तो बचाएगा, लेकिन ये यात्रा उसे 2,000 रुपये महंगी पड़ेगी।

दूसरी तरफ, मुंबई से अहमदाबाद पहुँचने में फ्लाइट लगभग 75-80 मिनट लेती है, और इकॉनमी क्लास में इसका किराया आमतौर पर 2,000 रुपये से 4,000 रुपये के बीच होता है, लेकिन उड़ानों का समय हमेशा यात्रियों के अनुकूल नहीं हो सकता।

88,000 यात्री = एक तरफ हर घंटे तीन बुलेट ट्रेन

इंडियन एक्सप्रेस की इस रिपोर्ट में आईआईएम अहमदाबाद के एक प्रोफेसर और अध्ययन के सह लेखक जी रघुराम के हवाले से कहा गया है, “आमतौर पर एक ट्रेन में 800 यात्री सफर करते हैं, इसलिए रोजाना 88,000 यात्रियों को ले जाने के लिए आपको कुल 100 फेरे लगाने होंगे या हर तरफ के 50 फेरे।”

आईआईएम अहमदाबाद के अध्ययन में टी रामकृष्णन के एक डॉक्टरेट शोध के हवाले से अनुमान लगाया गया है कि 2025 तक हर साल 4.8 करोड़ लोग इस लाइन का उपयोग करेंगे।

यह लेख मूलतः अंग्रेजी में 19 अप्रैल, 2016 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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