क्या होगा जीएसटी का प्रभाव ? महाराष्ट्र और उप्र से सीखें
केरल के पलक्कड ज़िले में वाणिज्यिक कर विभाग चेक पोस्ट पर चौकी पार करने के लिए ट्रक पर लदे माल की मंजूरी प्राप्त करने की प्रतिक्षा में खड़ा एक ट्रक ड्राइवर। इस चौकी पर कर निरीक्षक माल मंजूरी करने में पूरा दिन या इससे भी अधिक लगाते हैं।
भारत का सर्वाधिक औद्योगिक राज्य, महाराष्ट्र, एवं सबसे अधिक आबादी वाले राज्य, उत्तर प्रदेश, को केंद्र द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी कर) सुधार के बाद प्रति वर्ष कम से कम 60,000 करोड़ और 65,000 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। जीएसटी भारत की अर्थव्यवस्था का सबसे बहुप्रतीक्षित अप्रत्यक्ष कर सुधार है।
भारतीय रिजर्व बैंक के राज्य वित्त के अध्ययन के आंकड़ों के आधार पर इंडियास्पेंड द्वारा की गई गणना के अनुसार, यह राशि लगभग वर्तमान में महाराष्ट्र एवं उत्तर-प्रदेश के करों के माध्यम से प्राप्त राजस्व के बराबर है जो कि जीएसटी लागू हो जाने के बाद बदल दिया जाएगा।
इसका मतलब हुआ कि, वित्तीय दृष्टि से जीएसटी अर्थपूर्ण है लेकिन यदि राजनीतिक नज़रिए से देखा जाए तो केंद्र सरकार को भारत की कर प्रशासन की एक बहुत बड़ी डोमेन मिलने के साथ यह एक विवादास्पद मुद्दा है।
लेकिन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश का विश्लेषण क्यो? महाराष्ट्र को 66 फीसदी के कुल राजस्व का हिस्सा के रूप में, स्वयं के करों से उच्चतम राजस्व प्राप्त होता है एवं उत्तर प्रदेश को भी उच्चतम कुल राजस्व प्राप्त होता है लेकिन अपने स्वयं के करों से 36 फीसदी से अधिक नहीं प्राप्त होते है।
इंडियास्पेंड से बात करते हुए भारतीय जनता पार्टी की महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुंगनतीवर ने कहा कि “या तो मुंबई के लिए एक समान रूप से शक्तिशाली राजस्व सृजन विकल्प ( चुंगी ) की तरह होना चाहिए या फिर केंद्र को उसकी क्षतिपूर्ति करनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि राजस्व के नुकसान होने की स्थिति में राज्य की मुआवज़े की मांग में केंद्र सहमत होगी, साथ ही इसके निर्माण के लिए 1 फीसदी अतिरिक्त करारोपण – राज्य का दर्जा।
Expected Revenue Through GST, Based On Tax Revenue, 2014-15 | ||||||
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Revenue Head | Maharashtra | Uttar Pradesh | ||||
Tax Revenue | Subsumed Under GST | Not subsumed Under GST | Tax Revenue | Subsumed Under GST | Not Subsumed Under GST | |
State's Own Tax Revenue | ||||||
Taxes on Income | 2,138 | 0 | 2,138 | 48 | 0 | 48 |
Taxes on Property and Capital Transactions | 21,293 | 0 | 21,293 | 13,592 | 0 | 13,592 |
Sales Tax | 69,090 | 51,526 | 17,5641 | 47,500 | 34,764 | 12,7361 |
State Excise | 11,500 | 0 | 11,500 | 14,500 | 0 | 14,500 |
Taxes on Vehicles | 5,250 | 0 | 5,250 | 3,950 | 0 | 3,950 |
Taxes on Goods and Passengers | 1,098 | 0 | 1,098 | 0 | 0 | 0 |
Taxes and Duties on Electricity | 6,501 | 0 | 6,501 | 850 | 0 | 850 |
Entertainment Tax | 578 | 578 | 0 | 540 | 540 | 0 |
Other Taxes and Duties | 1,141 | 0 | 1,141 | 20 | 0 | 20 |
Share in Central Taxes | ||||||
Corporation Tax | 6,736 | 0 | 6,736 | 25,493 | 0 | 25,493 |
Income Tax | 4,798 | 0 | 4,798 | 18,160 | 0 | 18,160 |
Taxes on Wealth | 16 | 0 | 16 | 59 | 0 | 59 |
Customs | 3,116 | 2,336 | 7802 | 11,793 | 8,844 | 2,9502 |
Union Excise Duties | 2,012 | 2,012 | 0 | 7,615 | 7,615 | 0 |
Service Tax | 3,535 | 3,535 | 0 | 13,380 | 13,380 | 0 |
Other Taxes and Duties on Commodities and Services | 51 | 51 | 0 | 0 | 0 | 0 |
TOTAL TAX REVENUE | 1,38,854 | 60,039 | 78,815 | 1,57,502 | 65,144 | 92,358 |
Source: RBI, Study of State Finances; figures in Rs crore
[1] Sales tax on petroleum products, [2] Proportion of basic customs duty has been assumed as 25% of total customs duty, as per national revenue statistics
(Note: State Revenue Receipts through Alcohol, Tobacco and allied products have been considered subsumed under GST on account of Data unavailability.)
जीएसटी के संबंध में महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा का क्या कहना है, यह देखिए –
Simplest way I know of understanding the significance of the GS Tax: In a fragile world,India's Brahmastra is its huge domestic market (1/2)
— anand mahindra (@anandmahindra) December 8, 2015
Without GST we effectively divide our own country & prevent it being a common market. We render ineffective our own secret weapon.(2/2)
— anand mahindra (@anandmahindra) December 8, 2015
केंद्र सरकार के लिए प्रमुख चुनौती केंद्र और राज्य दोनों के लिए जीएसटी से लाभ सुनिश्चित करना है; यदि दूसरे शब्दों में कहा जाए तो वर्तमान की तुलना के बराबर या अधिक राशि मिले।
केंद्र करारोपण करेगी एवं केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर ( सीजीएसटी ) इकट्ठा करेगी,जबकि राज्य करारोपण करेगी एवं राज्य के भीतर सभी लेन-देन पर राज्यों वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) इकट्ठा करेगी।
वर्तमान जीएसटी प्रस्ताव, स्थापना के समय से तीन साल के लिए राज्यों के राजस्व की कमी चर्चा करता है। राज्यसभा की प्रवर समिति ने पांच साल की मांग की है, एक प्रावधान जिसे यह प्रस्तावित जीएसटी अधिनियम में शामिल करना चाहती है।
राज्यों के लिए क्यों है जीएसटी एक चुनौती?
जीएसटी से देश भर में अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को आसान बनाने की उम्मीद की जा रही है। जीएसटी से 14 करों को एक में संघनक किया जाएगा और ऐसा करने से एक आम भारतीय बाजार बनेगा और और आर्थिक विकास प्रोत्साहित होगा।
भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान ( आईसीएआई) द्वारा की गई एक विश्लेषण के अनुसार सेवाओं पर करों के अपने हिस्से में वृद्धि से, केंद्र की 'माल' पर राजस्व के नुकसान के लिए राज्यों की भरपाई करने की संभावना है।
इंडियास्पेंड ने पहले ही अपनी रिपोर्ट में बताया है कि देश के राज्य राजस्व में कमी बर्दाश्त नहीं कर सकती सकती है क्योंकि वह पहले से ही ऋण में है।
करों के करारोपण के बाद राज्यों को ऋण और ब्याज चुकाने के लिए नए तरीके खोजने होंगे, उद्हारण के लिए मूल्य वर्धित कर (वैट) , प्रवेश कर और मनोरंजन कर, संक्षेप मे , कई करों को जीएसटी से बदल दिया जाएगा ।
जीएसटी के अंदर आने वाले कर
उद्योग एवं वाणिज्यिक उद्यमों वर्तमान में , उत्पाद या सेवा के विभिन्न चरणों में विभिन्न करों का भुगतान करते हैं जैसे कि निर्माण, परिवहन , थोक, रसद और खुदरा के रूप में। इनमें से कुछ को छोड़ कर जैसे कि वाहनों , सड़कों, संपत्ति और बिजली करों को छोड़ कर अधिकांश कर जीएसटी में सम्मलित किए जाएंगे।
Taxes Subsumed Under GST | |
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Central Taxes | State Taxes |
Central Excise Duty | VAT/Sales Tax |
Additional Excise Duty | Central Sales Tax (levied by the Centre and collected by the States) |
Excise Duty levied under the Medicinal and Toiletries Preparation Act | Entertainment Tax, Luxury Tax |
Service Tax | Octroi and Entry Tax (all forms) |
Additional Customs Duty, commonly known as Countervailing Duty (CVD) | Purchase Tax |
Special Additional Duty of Customs-4% (SAD) | Taxes on lottery, betting and gambling |
Cesses and surcharges in so far as they relate to supply of goods and services. | State cesses and surcharges in so far as they relate to supply of goods and services. |
Taxes Not Subsumed Under GST | |
Petroleum, Tobacco, Alcohol, Vehicles, Road and Tolls, Stamp Duty and Registration, Land Revenue |
Source: Concept note on GST, Department of Revenue, Government of India
जैसा कि कई करों को एक में जोड़ा एवं पैकेज किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप जीएसटी के लिए राजस्व तटस्थ दर ( आरएनआर ), उद्यमों द्वारा अब तक भुगतान किए गए किसी भी अन्य घटक कर से अधिक होगा। आरएनआर एक समायोजित दर है जिस पर कर संग्रह एजेंसी को राजस्व का कोई नुकसान नहीं है।
भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर, डॉ उर्जित पटेल हाल ही में शोधकर्ताओं को बताया है कि यदि जीएसटी सम्मिलित केंद्रीय और राज्य करों की तुलना में कम कर लेती है तो इसके परिणामस्वरुप देश की आर्थिक स्थिति, मुद्रास्फीति नहीं होगी।
क्या हो सकता है राज्यों का नुकसान?
वित्तीय वर्ष 2014-15 में, राज्यों और केंद्र की सम्मलित राजस्व प्राप्तियां 22 लाख करोड़ रुपये ( 328 बिलियन डॉलर ) से अधिक था। (1 डॉलर = 67 रुपये )
इनमें से करीब 9.2 लाख करोड़ रुपए ( 137 बिलियन डॉलर ) करों से आता है जिसे जीएसटी द्वारा सम्मिलित किए जाने की संभावना है। कम से कम 13.5 लाख करोड़ रुपए ऐसे करों से आएंगे जो जीएसटी में सम्मिलित नहीं किए जाएंगे जैसे कि प्रत्यक्ष कर, राज्य उत्पाद शुल्क, स्टांप शुल्क।
Revenue Receipts Of Centre And States, 2014-15 (Rs. crore) | |||
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Revenue Head | Tax Revenue | Under GST | Not Under GST |
Direct Taxes | 7,48,643 | 7,48,643 | |
Customs | 2,01,819 | 1,47,413 | 58,1061 |
Union Excise Duties | 2,06,356 | 1,28,356 | 90,0002 |
Service Tax | 2,15,973 | 2,15,973 | |
State Excise Duty | 1,00,577 | 1,00,577 | |
Stamp Duty and Registration Fees | 98,175 | 98,175 | |
General Sales Tax (VAT) | 5,61,597 | 4,26,600 | 1,35,0003 |
Taxes on Vehicles | 43,469 | 43,469 | |
Entertainment Tax | 2,294 | 2,294 | |
Taxes on goods and Passengers | 21,276 | 21,276 | |
Electricity duty | 24,947 | 24,947 | |
Taxes on purchase of Sugarcane | 186 | 186 | |
Others | 12,373 | 12,373 | |
Total | 22,37,685 | 9,20,822 | 13,32,566 |
Source: Indian Public Finance Statistics 2014-15, Ministry of Finance, Petroleum and Natural Gas Statistics, 2014-15, Revenue Receipts, Budget 2014-15, Report No. 17 of 2013, CAG of India
[1] Basic Customs Duty, [2] Excise Revenue from Petroleum and cigarettes (2013 data for cigarettes), [3] VAT through petroleum products
(Other taxes have been considered under sources not subsumed, although some might have been included in the GST.)
वित्त मंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार के अधीन एक समिति द्वारा प्रस्तुत की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार 15-16 फीसदी की दर जीएसटी के लिए राजस्व तटस्थ दर के रुप में पूर्ति कर सकते हैं।
जीएसटी की मानक दर (माल और सेवाओं पर वास्तव में लगाया जाने वाला कर ) 17 से 19 फीसदी के बीच हो सकता है, जो जीएसटी परिषद द्वारा फैसला किया जाना बाकि है।
कैसे करेगी जीएसटी काम?
केंद्र और राज्य भर में जीएसटी परिषद नई कर व्यवस्था को नियंत्रित करेगा ; यह कर की दरों , छूटों और अन्य मुद्दों को तय करेगा। परिषद में केंद्र के प्रतिनिधियों के मतदान में एक तिहाई नियंत्रण होता है।
लोकसभा में पारित 122 संविधान संशोधन विधेयक के अनुसार, दो केंद्रीय प्रतिनिधि (वित्त मंत्री और मंत्री वित्त राज्य , मतदान के 33.3 फीसदी के लिए ज़िम्मेदार होते हैं जबकि 29 वित्त मंत्रियों शेष 66.7 फीसदी वोट के लिए ज़िम्मेदार होते है।
कर प्रस्तावों , अपवाद और छूट जीएसटी परिषद में तब ही पारित किया जा सकता है जब तीन-चौथाई सदस्य उपस्थित हों और मतदान की जाए।
क्यो राजनीतिक दृष्टि से जीएसटी विवादास्पद है ?
जीएसटी से केंद्र को राज्य के कर प्रशासन पर अधिक नियंत्रण का अधिकार प्राप्त होगा जिससे उनका उनकी आर्थिक सौदेबाजी शक्ति और प्रशासनिक लचीलापन कम होगा।
इंडियन एक्सप्रेस में छपे इस कॉलम के अनुसार, यह 'नए संघवाद' की ओर संकेत है।
यदि जीएसटी व्यवस्था के तहत विनिर्मित वस्तुओं और सेवाओं पर एक उच्च प्रतिशत लगाया जाता है, तो अल्पावधि में उत्पादों के मूल्यों में वृद्धि हो सकती है ; जीएसटी के सकारात्मक प्रभाव बाद में ही दिखाई दे सकते हैं ।
रिजर्व बैंक के अनुमान की पृष्ठभूमि के विरुद्ध 2016 में 6 फीसदी एवं 2017 में 5 फीसदी, उच्च मुद्रास्फीति की एक विस्तारित अवधि, लोकसभा के लिए 2019 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की चुनावी संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है ।
मुंबई में एक सम्मेलन में अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक सुधारों पर बात करते हुए, भारत रिजर्व बैंक के गवर्नर, रघुराम राजन ने लक्ज़मबर्ग ज्यां क्लाड कचरा के पूर्व प्रधानमंत्री के कथन को दोहराते हुए कहा कि, “हम सभी को पता है कि क्या करना है ( संरचनात्मक सुधार ), हम सिर्फ यह नहीं जानते कि हमारे करने का पश्चात फिर से निर्वाचित कैसे किया जाए।”
( वाघमारे इंडियास्पेंड के साथ विश्लेषक है।)
यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 16 दिसंबर 2015 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
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