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पिछले महीने जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत उन टॉप 10 देशों में से है जहां 2005-07 और 2013-15 के दौरान खुशहाली में गिरावट हुई है।

वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समाधान नेटवर्क (यूएनएसडीएसएन) द्वारा छह कारकों के विश्लेषण के आधार पर 156 देशों को क्रमवर स्थान दिया गया है।

अन्य देश जहां खुशहाली में कमी हुई है उनमें मिस्र, सऊदी अरब, यूक्रेन और यमन शामिल हैं। इटली और स्पेन भी सूची में हैं।

इसी अवधि के दौरान,निकारागुआ में खुशी के स्तर में सबसे अधिक वृद्धि हुई है। इसके बाद खुशहाली में सबसे अधिक वृद्धि सियरा लियोन, इक्वाडोर, मोल्दोवा और लातविया में हुई है। इजरायल और फिलीस्तीनी में भी खुशी के स्तर में वृद्धि पाई गई है।

हालांकि, रिपोर्ट यह स्वीकार करता है कि, भारत में खुशहाली में गिरावट का मामला, मॉडल के आधार पर अस्पष्टीकृत है।

रिपोर्ट कहती है कि, “सबसे बड़ा क्षेत्रीय ड्रॉप (-0.6 अंक) दक्षिण एशिया में हुआ है, जिसमें भारत में सबसे बड़ी जनसंख्या की हिस्सेदारी है और मॉडल के आधार पर अस्पष्टीकृत है, जिसमें छह में से पांच चर में सुधार के आधार पर अपेक्षित वृद्धि देखी गई है।”

रिपोर्ट में, छह कारकों पर, शून्य से 10 स्केल के आधार पर देशों को स्थान दिया गया है - 0 के रुप में सबसे बद्तर जीवन एवं 10 के रुप में सबसे बेहतर जीवन की संभावना: प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), जीवन प्रत्याशा के स्वस्थ साल, सामाजिक सहायता (मुसीबत के समय में किसी पर भरोसा करने के करने के रुप में मापा गया), विश्वास (सरकार और व्यापार में भ्रष्टाचार की अनुपस्थिति के रुप में मापा गया), जीवन का निर्णय लेने की स्वतंत्रता और उदारता (हाल ही में दिए गए दान द्वारा मापा गया)।

व्यक्तिपरक कारकों के लिए रेटिंग, गैलप वर्ल्ड पोल (जीडब्लूपी) में प्रश्नों पर आधारित था जो प्रत्येक देश में 1,000 से अधिक लोगों से पूछा गया था।

भारत का 4.404 का स्कोर था, जोकि 5.382 के वैश्विक औसत से काफी नीचे है। इस संबंध में भारत 118वें स्थान पर है, जोकि पिछले वर्ष की तुलना में और नीचे है। 7.526 के स्कोर के साथ डेनमार्क को सबसे खुशहाल देश माना गया है, जबकि 2.905 के स्कोर के साथ बुरुंडी को सबसे कम खुशहाल देश माना गया है। आधे देशों का स्कोर 5.314 से अधिक रहा है।

सउदी अरब, सोमालिया, पाकिस्तान भारत से अधिक खुशहाल

पड़ोसियों के बीच, भारत म्यांमार से बेहतर रहा है (4.395 के साथ 119); 5.132 के साथ पाकिस्तान 92 वें स्थान पर रहा है जबकि 4.793 के साथ नेपाल 107 वें, 4.643 के साथ बंग्लादेश 110 वें और 4.415 के स्कोर के साथ श्रीलंका 117 वें स्थान पर रहा है।

पिछले महीने प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि, “सामाजिक प्रगति और सार्वजनिक नीति के लक्ष्य को खुशहाली का समुचित माप माना गया है।”

भारत सऊदी अरब (34 वें), उजबेकिस्तान (49 वें), कजाखस्तान (54 वें), सोमालिया (76 वें), ईरान (105) और फिलिस्तीनी क्षेत्रों (108) से पीछे है।

ब्रिक्स देशों में भारत सबसे पीछे है - 6.952 के साथ ब्राजील 17 वें, 5.856 के साथ रुस 56 वें, 6.952 के साथ चीन 83 वें और 4.459 के साथ दक्षिण अफ्रीका 116 वें स्थान पर है।

भारत और दक्षिण अफ्रीका ही केवल ब्रिक्स देश हैं जहां 2005-07 से 2013-15 के दौरान खुशहाली के स्तर में गिरावट हुई है।

इराक, यमन, मिस्र में भारत से बेहतर सामाजिक समर्थन

प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद में भारत 111 वें स्थान पर था, ब्राजील (69 वें), रूस (47 वें), चीन (79 वें) और दक्षिण अफ्रीका (80 वें) से काफी नीचे है।

स्वस्थ जीवन प्रत्याशा के संदर्भ में - पूर्ण स्वास्थ्य वर्षों के औसत बराबर संख्या जब एक नवजात शिशु के जीने की संभावना होती है, उस रुप में परिभाषित – ब्रिक्स देशों के बीच भारत (59.07 वर्ष) केवल दक्षिण अफ्रीका (50.14 वर्ष) से बेहतर रहा है।

चीन (68.59 वर्ष), ब्राजील (64.59 वर्ष) और रूस (64.08 वर्ष) काफी आगे रहा है।

सामाजिक समर्थन के मामले में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और सीरिया सहित केवल 10 देशों से बेहतर रहा है। इराक, यमन और मिस्र में भारत की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।

जीवन का निर्णय लेने के संदर्भ में भारत 75 वें और उदारता के मामले में 64 वें स्थान पर रहा है।

विश्वास के मामले में, जो भ्रष्टाचार की अनुपपस्थिति के आधार पर मापा गया था, भारत 90 वें स्थान पर है। इस संबंध में भारत, लीबिया, इराक, सोमालिया, सीरिया, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों से पीछे है।

कनाडा 6 वें, रूस 56 वें स्थान पर: बड़े देशों ने कैसा किया प्रदर्शन

जी -8 देशों में कनाडा सबसे उपर (6) वें जबकि रूस निम्नतम (56 वें) स्थान पर रहा है।

अमेरिका की तुलना में इसराइल (11) का स्थान उपर रहा है। संयुक्त अरब अमीरात (29) का प्रदर्शन जी -8 के चार देशों से बेहतर रहा है। 34वें स्थान पर सउदी अरब का प्रदर्शन इटली, जापान और रूस की तुलना में बेहतर रहा है।

(माधवपेद्दि इंडियास्पेंड में डेस्क संपादक है।)

यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 15 अप्रैल 2016 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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