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देश के बच्चों में लगभग 21 फीसदी वेस्टेड हैं, यानी कद के मुकाबले उनका कम वजन है। इसके साथ ही, वर्ष 2017 की ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) में भारत 119 देशों की सूचि में 100वें स्थान पर है। हम बता दें कि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष भारत तीन स्थान नीचे आया है। पिछले साल भारत 97वें स्थान पर था।

यहां यह जानना भी दिलचस्प है कि भारत के अलावा केवल तीन अन्य देशों जिबूती, श्रीलंका और दक्षिण सूडान में 20 फीसदी से ज्यादा बच्चे वेस्टेड हैं।

100वें रैंक के लिए भारत का संबंध जिबूती और रवांडा से है, और 100 में से 31.4 के स्कोर के साथ (0 सर्वश्रेष्ठ के साथ और 100 सबसे खराब), भारत की 2017 जीएचआई "गंभीर" श्रेणी में आ गया है। एक आयरिश सहायता एजेंसी ‘कंसर्न वर्ल्डवाइड’ और जर्मन निजी सहायता संगठन ‘वेल्टहंगरलाइफ’ के साथ ‘अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान’ द्वारा प्रकाशित, जीएचआई दुनिया भर में भूख पर नजर रखता है और उन देशों पर ध्यान केंद्रित करता है जहां भूख एक संकट है। पिछले 25 वर्षों में भारत में वेस्टेड बच्चों की दर में ज्यादा सुधार नहीं हुआ है, हालांकि इस अवधि में बाल स्टंटिंग दर में सुधार हुआ है।

भारत का वैश्विक भूख सूचकांक स्कोर, 1992-2017

Source: Global Hunger Index report 2017

वर्ष 2017 जीएचआई रिपोर्ट कहती है, “ क्योंकि दक्षिण एशिया की तीन-चौथाई आबादी भारत में रहती है, इसलिए भारत देश की स्थिति दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय स्कोर पर जोरदार प्रभाव डालती है।”भारत ने पोषण को संबोधित करने वाले दो राष्ट्रीय कार्यक्रमों को बढ़ाया है- एकीकृत बाल विकास सेवाएं और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन। लेकिन अभी तक पर्याप्त लोगों तक इसकी पहुंच नहीं है, जैसा कि रिपोर्ट में बताया गया है।

भारत में बाल पोषण के लिए तीन चिंताएं

जीएचआई रिपोर्ट वर्ष 2015-16 के नवीनतम राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के बाद आई है और एनएफएचएस से बच्चे के पोषण से संबंधित चिंता के तीन कारण मिलते हैं।सबसे पहला यह है कि छोटे बच्चों के लिए स्तनपान के साथ ठोस भोजन की उपलब्धता 52.7 फीसदी से घटकर 42.7 फीसदी हुई है।

दूसरा यह है कि पर्याप्त आहार प्राप्त करने वाले 6 से 23 महीने के बीच बच्चों का अनुपात मात्र 9.6 फीसदी है।

तीसरा यह कि 48.4 फीसदी से अधिक घरों में स्वच्छता सुविधाओं में सुधार नहीं हुआ है। पोषण सुधार में स्वच्छता एक महत्वपूर्ण कारक है।

जीएचआई स्कोर की गणना कुपोषण, बाल वेस्टिंग , बाल स्टंटिंग और बाल मृत्यु दर के आधार पर की जाती है। भारत का जीएचआई स्कोर 1992 में 46.2 से बढ़कर 2017 में 31.4 हुआ है।

फिर भी, पांच साल के भीतर भारतीय बच्चों में, तीन में से एक ( 35.7 फीसदी ) कम वजन का है, तीन में से एक (38.4 फीसदी) स्टंड है और पांच में से एक ( 21 फीसदी ) वेस्टेड है, जैसा कि 2015-16 एनएफएचएस के आंकड़ों में बताया गया है।

ब्रिक्स देशों में भारत अंतिम स्थान पर; नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश का प्रदर्शन बेहतर

भारत ब्रिक्स समूह (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) में नीचे स्थान पर है।

वैश्विक भूख सूचकांक: ब्रिक्स देश

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Source: Global Hunger Index report 2017

पड़ोसी देशों में नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश का प्रदर्शन भरत से बेहतर रहा है। जबकि पाकिस्तान और अफगानिस्तान का प्रदर्शन बद्तर रहा है।

वैश्विक भूख सूचकांक: भारत और पड़ोसी देश

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Source: Global Hunger Index report 2017

(यदवार प्रमुख संवाददाता हैं और इंडियास्पेंड के साथ जुड़ी हैं।)

यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 12 अक्टूबर 2017 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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