जेटली ने शिक्षा और स्वास्थ्य खर्च में की कटौती
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च बढ़ाने के अपने जिन वादों से सत्ता में आई , वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उन्हीं दोनों अति महत्वपूर्ण क्षेत्रों में वित्त वर्ष 2015-16 के लिए प्रस्तावित खर्च कम कर दिया है।
सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश करते हुए जेटली ने शिक्षा पर 16% और स्वास्थ्य पर 15% खर्च कम कर दिया।
राज्यों के लिए योजना धन के आवंटन में पिछले बजट में वृद्धि की गई थी लेकिन कुल नियोजित योजना धन आवंटन में इस वर्ष 19% गिरावट आई है।
इसका अर्थ है कि इतनी अधिक धनराशि के हस्तांतरण के बावजूद राज्यों के हाथ में विकास के लिए कम धनराशि होगी ।
इंडिया स्पेंड में पहले भी शिक्षा और स्वास्थ्य पर हो रहे कम खर्च के बारे में चिंता व्यक्त की थी।
Actual 2013-14 | Budget 2014-15 | Revised 2014-15 | Budget 2015-16 | |||||||||
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Plan | Non-Plan | Total | Plan | Non- Plan | Total | Plan | Non- Plan | Total | Plan | Non- Plan | Total | |
Department of School Education and Literacy | 43684.41 | 3171.93 | 46856.34 | 51828 | 3287.1 | 55115.1 | 43517.9 | 3287.1 | 46805 | 39038.5 | 3181 | 42219.5 |
Department of Higher Education | 14182.83 | 10282.34 | 24465.17 | 16900 | 10756 | 27656 | 13000 | 10700 | 23700 | 15855.26 | 11000 | 26855.26 |
57867.24 | 13454.27 | 71321.51 | 68728 | 14043.1 | 82771.1 | 56517.9 | 13987.1 | 70505 | 54893.76 | 14181 | 69074.76 |
Source: Budget 2015, Figures in Rs crore
भारत में शिक्षा पर किया गया खर्च, विश्व औसत की तुलना में कम हुआ है। विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 2010 में भारत ने सकल घरेलू उत्पाद का केवल 3.3% ही शिक्षा पर खर्च किया , जबकि वैश्विक स्तर पर सकल घरेलू उत्पाद का 4.9% शिक्षा पर खर्च किया गया था।
ब्रिक्स राष्ट्रों की तुलना में, भारत की साक्षरता दर केवल 74% है जबकि उन अर्थव्यवस्थाओं की साक्षरता दर विकसित देशों के बराबर है।
जहाँ सरकार कौशल विकास पर जोर दे रही है, वहीं स्कूल शिक्षा और साक्षरता पर खर्च को 12,895.6 करोड़ रुपये से भी कम कर दिया गया है।
इसी तरह की कटौती स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के लिए भी की गई है जिसके परिव्यय में 5,897.5 करोड़ रुपये की कमी की गई है।
इसी तरह की कटौती स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में भी की गई है जिसके परिव्यय में 5,897.5 करोड़ रुपये की कमी की गई है।
Actual 2013-14 | Budget 2014-15 | Revised 2014-15 | Budget 2015-16 | |||||||||
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Plan | Non-Plan | Total | Plan | Non- Plan | Total | Plan | Non- Plan | Total | Plan | Non- Plan | Total | |
Department of Health and Family Welfare | 22476.59 | 4668.7 | 27145.29 | 30645 | 4518 | 35163 | 24400 | 4642 | 29042 | 24549 | 5104 | 29653 |
Department of Health Research | 569.62 | 304.46 | 874.08 | 726 | 291.67 | 1017.67 | 610 | 322 | 932 | 713.17 | 305 | 1018.17 |
Department of AIDS Control | 1473.15 | 1473.15 | 1785 | 1785 | 1300 | 1300 | 1397 | 1397 | ||||
Total | 24519.36 | 4973.16 | 29492.52 | 33156 | 4809.67 | 37965.67 | 26310 | 4964 | 31274 | 26659.17 | 5409 | 32068.17 |
Source: Budget 2015, Figures in Rs crore
हालाँकि चुनावी वादों में स्वास्थ्य क्षेत्र में खर्च को सकल घरेलू उत्पाद के 3% तक बढ़ाने का किया गया था, वहीं 2015-16 में आवंटन कमकर दिया गया है और जन स्वास्थ सेवा पर खर्च 8% से कम हुआ है जबकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए धन 20% से कम हो गया है। इसके अलावा,सुनियोजित अनुदान में वित्त कटौती के कारण समग्र खर्च में भी कटौती आई है।
एशियाई टाइगर अर्थव्यवस्थाओं ने श्रेष्ठ मानव पूंजी निर्माण के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य में कभी कोई समझौता नहीं किया है । इन अर्थव्यवस्थाओं ने मुक्त बाजार की मिश्रित नीतियों का पालन तो किया है लेकिन सामाजिक क्षेत्र के विकास पर सख्त सरकारी नियंत्रण रखा है ।
हालाँकि भारत एक स्थिर विकास पथ पर है लेकिन हम अभी भी मानव पूंजी और समग्र मानव विकास के संदर्भ में बहुत पीछे हैं जहाँ 186 देशों के बीच भारत 136 वें स्थान पर है ।
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