देश भर में किशोर गर्भधारण(15-19 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं में गर्भधारण) में गिरावट हुई है । भारत के कुछ सबसे गरीब राज्यों में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन उत्तर-पूर्व के तीन राज्यों में वृद्धि दर्ज की गई है। यह जानकारी हाल ही में जारी किए गए सरकारी आंकड़ों पर किए गए विश्लेषण में सामने आई है।

हालांकि, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश में 2005-06 और 2015-16 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) में किशोर गर्भावस्था में 10 प्रतिशत अंकों से ज्यादा की गिरावट देखी गई है लेकिन यह त्रिपुरा, मेघालय और मणिपुर में आधे से कम प्रतिशत तक बढ़ा है।

0.3 प्रतिशत अंक के साथ त्रिपुरा और मेघालय में 2005-06 और 2015-16 के बीच सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है। हालांकि, त्रिपुरा में किशोर गर्भावस्था की दर वर्ष 2005-06 में 18.5 फीसदी से बढ़कर 2015-15 में 18.8 फीसदी हुआ है, जबकि मेघालय में यह 8.3 फीसदी से बढ़कर 8.6 फीसदी हुआ है।

मणिपुर में, इन दरों में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आंकड़े वर्ष 2005-06 में 7.3 फीसदी थे, जो बढ़ कर वर्ष 2015-16 में 7.4 फीसदी हुए हैं।

कुल मिलाकर, भारत में किशोर गर्भावस्था के मामले में 8.1 प्रतिशत अंक की गिरावट हुई है। आंकड़े 2005-06 में 16 फीसदी थे, जो गिरकर वर्ष 2015-16 में 7.9 फीसदी हुए हैं।

एक दशक में किशोर गर्भधारण 8.1 प्रतिशत अंक नीचे

Source: National Family Health Surveys 2005-06, 2015-16

गरीब राज्यों में सबसे अधिक गिरावट दर्ज

किशोर गर्भावस्था में सबसे ज्यादा गिरावट झारखंड में दर्ज की गई है। यह आंकड़े वर्ष 2005-06 में 27.5 फीसदी से गिरकर 2015-16 में 11.9 फीसदी हुए हैं। वर्ष 2015-16 में किशोर गर्भधारण के उच्चतम दर वाले राज्य के रूप में झारखंड की जगह अब त्रिपुरा है।

पश्चिम बंगाल, जहां वर्ष 2005-06 में 25.3 फीसदी की दूसरी सबसे बड़ी दर थी, वर्ष 2015-16 में 18.3 फीसदी रही और किशोर गर्भावस्था में यह राज्य दूसरे स्थान पर रहा है । इस राज्य में किशोर गर्भावस्था के मामले में 7 प्रतिशत अंक की गिरावट हुई है।

बिहार (12.8 प्रतिशत अंक) और उत्तर प्रदेश (10.5 प्रतिशत अंक) ने दूसरी और तीसरी सबसे बड़ी गिरावट देखी है।

हिंदू, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति में ज्यादा गिरावट

वर्ष 2005-06 और वर्ष 2015-16 के बीच, हिंदुओं में किशोर गर्भावस्था में सबसे ज्यादा, 8.6 प्रतिशत अंकों की गिरावट हुई है। मुस्लिम (7 प्रतिशत अंक) और बौद्ध / नव-बौद्ध (6.9 प्रतिशत अंक) में दूसरी और तीसरी सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है।

समुदायों में अनुसूचित जाति और जनजाति ( विवादास्पद समुदायों के लिए सकारात्मक कार्रवाई की गई ) ने इस अवधि में सबसे ज्यादा गिरावट देखी है। हालांकि, अनुसूचित जाति के लिए किशोर गर्भावस्था में 11 प्रतिशत अंक की गिरावट दर्ज की गई है। ये आंकड़े वर्ष 2005-06 में 19.8 फीसदी से गिरकर वर्ष 2015-16 में 8.8 फीसदी हुए हैं। जबकि अनुसूचित जनजाति के लिए 10.6 प्रतिशत अंक की गिरावट हुई है। ये आंकड़े 10.5 फीसदी से गिरकर 21.1 फीसदी हुए हैं।

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच, किशोर गर्भावस्था दर में अंतर वर्ष 2005-06 में 10.4 प्रतिशत अंकों से गिर कर वर्ष 2015-16 में 4.2 प्रतिशत एंक हुआ है।

हालांकि, ग्रामीण इलाकों में 9.9 प्रतिशत की गिरावट आई है, यानी आंकड़े 11 वर्षों से 2015-16 तक 19.1 फीसदी से 9.2 फीसदी हुआ है। जबकि शहरी इलाकों में 3.7 प्रतिशत अंक की गिरावट आई और ये आंकड़े 8.7 फीसदी से गिरकर 5 फीसदी हुए हैं।

किशोर गर्भावस्था –महिलाओं (15-19 वर्ष) का प्रतिशत, जिन्होंने गर्भधारण किया है

Source: National Family Health Surveys 2005-06, 2015-16

(विवेक विश्लेषक हैं और इंडियास्पेंड के साथ जुड़े हैं।)

यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 19 जनवरी 2018 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

हम फीडबैक का स्वागत करते हैं। हमसे respond@indiaspend.org पर संपर्क किया जा सकता है। हम भाषा और व्याकरण के लिए प्रतिक्रियाओं को संपादित करने का अधिकार रखते हैं।

__________________________________________________________________

"क्या आपको यह लेख पसंद आया ?" Indiaspend.com एक गैर लाभकारी संस्था है, और हम अपने इस जनहित पत्रकारिता प्रयासों की सफलता के लिए आप जैसे पाठकों पर निर्भर करते हैं। कृपया अपना अनुदान दें :