# बजट2018: खेती और बुनियादी ढांचे पर फोकस
2019 के चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा अंतिम पूर्ण बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने, ग्रामीण भारत पर ध्यान देते हुए कृषि क्षेत्र के लिए आवंटन में 13 फीसदी और बुनियादी सुविधाओं के 21 फीसदी की वृद्धि की घोषणा की है। ग्रामीण क्षेत्र में देश की 69 फीसदी आबादी या 834 मिलियन भारतीय रहते हैं।
2018-19 के लिए खेत और संबद्ध क्षेत्रों के में बजट लगभग 13 फीसदी की वृद्धि हुई है। बजट 2018-19 के अनुसार, यह आंकड़े 2017-18 में 56,589 करोड़ रुपए से 63,836 करोड़ रुपए हो गया है।
जेटली ने बजट 2018-19 में बुनियादी ढांचे के लिए 5.97 लाख करोड़ रुपए की राशि अलग रखी है। यह आंकड़ा 2017-18 के लिए 4.94 लाख करोड़ रुपए के संशोधित अनुमान के मुकाबले 21 फीसदी ज्यादा है।
किसानों के लिए समर्थन मूल्य उत्पादन लागत का 150 फीसदी बढ़ाया
सरकार ने खरीफ (मानसून) फसलों के लिए उत्पादन लागत से डेढ़ गुना तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) ( जिस मूल्य पर किसानों से सरकार पैदावार खरीदती है ) बढ़ाने का फैसला किया है।
यह ऐसे समय में किसानों को राहत पहुंचा सकती है जब ए खरीफ फसल, तूर की जरुरत से ज्यादा पूर्ति के कारण एमएसपी में गिरावट हुई है और ग्रामीण कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और गुजरात में अशांति और तनाव हो रहा है, जैसा कि इंडियास्पेंड ने 8 जून, 2017 की रिपोर्ट में बताया है।
एक नई योजना, ऑपरेशन ग्रीन, को कृषि वस्तु, जैसे टमाटर, आलू और प्याज की कीमत में अस्थिरता को संबोधित करने के लिए 500 करोड़ रुपए दिए गए हैं। यह योजना ऐसे समय में आई है, जब किसानों ने जनवरी 2018 में भारी मात्रा में उत्तर प्रदेश में आलू फेंका है। इस संबंध में इंडियास्पेंड ने 26 जनवरी 2018 को रिपोर्ट किया है।
2018-19 के लिए कृषि ऋण 10 फीसदी या 1 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 11 लाख करोड़ रुपए हुआ है।
2017-18 में 10 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड के लिए, एक वर्ष में कृषि के लिए ऋण में 11 फीसदी वृद्धि के बावजूद कृषि ऋण में पेशेवर सावकारियों में वृद्धि हुई है, जैसा कि इंडियास्पेंड ने 5 जनवरी, 2018 की रिपोर्ट में बताया है।
सिंचाई, फसल बीमा को भी अधिक राशि प्राप्त
वर्ष 2018-19 में, प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत 2,600 करोड़ रुपए की तय राशि के साथ सिंचाई परियोजनाएं 96 ‘वंचित-सिंचाई जिलों’ में शुरू हो जाएंगी, जहां 30 फीसदी से कम खेत सिंचाई की जाती है।
प्रत्येक खेत के लिए पानी पहुंचाने के लिए, सरकार ने पांच साल से 2019-20 तक 50,000 करोड़ रुपए निवेश की योजना बनाई है। इस संबंध में इंडियास्पेंड ने 26 जनवरी, 2018 की रिपोर्ट में बताया है। 2017-18 में 3,000 करोड़ रुपए के संशोधित अनुमान से 2018 के बजट में पीएमकेसी के लिए आवंटन में 33 फीसदी की वृद्धि कर के 4,000 करोड़ रुपए किए गए हैं।
वित्त वर्ष 2017-18 में, जब आठ राज्यों ने सूखा का ऐलान किया, प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना को 22 फीसदी बजट का बढ़ावा दिया गया है। यह आंकड़े 2017-18 में 10,698 करोड़ रुपए के संशोधित अनुमान से 13,000 करोड़ रुपए हुए हैं।
परिवहन क्षेत्र पर फोकस
जेटली ने अपने भाषण में कहा, "बुनियादी ढांचा अर्थव्यवस्था का विकास संचालक है। हमारे देश को बड़े पैमाने पर निवेश की आवश्यकता है। जीडीपी की वृद्धि को बढ़ाने के लिए, सड़कों, हवाई अड्डों, रेलवे, बंदरगाहों और अंतर्देशीय जलमार्गों के नेटवर्क के साथ राष्ट्र को एकजुट और एकीकृत करने और हमारे लोगों को अच्छी गुणवत्ता सेवाएं प्रदान करने के लिए बुनियादी ढांचे में 50 लाख करोड़ रुपए से अधिक निवेश का अनुमान है। "
परिवहन क्षेत्र को 1.35 लाख करोड़ रुपए का ‘उच्च आवंटन’ प्राप्त हुआ है।
5.35 लाख करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के साथ, भारतमाला परियोजना के तहत चरण -1 में करीब 35,000 किलोमीटर सड़क निर्माण मंजूर कर दिया गया है। 2017-18 में, सरकार 9,000 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्गों को पूरा करने की भी योजना बना रही है।
सरकार ने प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 19,000 करोड़ रुपए में आवंटन जारी रखा है, जैसा कि पिछले साल भी था।
बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए पूंजी बजट
Capital Budget For The Infrastructure Sector | ||
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Ministry/Department | Revised Estimate 2017-18 (In Rs crore) | Budget Estimate 2018-19 (In Rs crore) |
Ministry of Coal | 14,478 | 15,799 |
Ministry of Development of North Eastern Region | 330 | 600 |
Ministry of New and Renewable Energy | 9,516 | 10,317 |
Ministry of Petroleum and Natural Gas | 88,850 | 92,885 |
Ministry of Power | 65,201 | 54,770 |
Ministry of Civil Aviation | 2,693 | 4,086 |
Department of Telecommunication | 13,541 | 21,486 |
Ministry of Defence | 4,908 | 5,485 |
Ministry of Railways | 1,20,000 | 1,46,500 |
Department of Atomic Energy | 9,220 | 7,321 |
Ministry of Housing And Urban Affairs | 39,046 | 61,361 |
Ministry of Road Transport and Highways | 1,10,137 | 1,21,425 |
Ministry of Shipping | 3,290 | 4,292 |
Ministry of Steel | 11,428 | 11,294 |
Department of Higher Education | 250 | 30,750 |
Ministry of Electronics & Information Technology | 1,426 | 8,773 |
Total | 4,94,313 | 5,97,143 |
Source: Budget 2018-19
सीमा क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए, जेटली ने तवांग और अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी कामेंग जिलों के बीच स्थित सेला पास के तहत सुरंग निर्माण करने का प्रस्ताव किया है।
जेटली ने कहा, "रोहतांग सुरंग लद्दाख क्षेत्र में सभी मौसमों की संपर्क स्थापित करने के लिए पूरा हो गया है, और 14 किलोमीटर के जोजीला पास का सुरंग निर्माण अच्छी तरह से प्रगति कर रहा है।"
मार्च 2017 में भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा सरकार द्वारा जारी किए गए इस रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने भारत-चीन सीमा पर 73 रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सड़कों की पहचान की है। इस संबंध में इंडियास्पेंड ने 31 जनवरी 2018 की रिपोर्ट में बताया है।
4,644 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान के साथ इन 73 सड़कों में से 61 का निर्माण 2012 की समय सीमा के साथ सीमा सड़क संगठन को सौंपा था।
कैग की रिपोर्ट में कहा गया था, "मार्च 2016 तक केवल 22 सड़कों का निर्माण हुआ, जिसकी लागत 4,536 करोड़ रुपए या अनुमानित लागत का 98 फीसदी था।"
ऑडिट के लिए चुने गए 24 सड़कों में से 164 करोड़ रुपए की लागत वाली केवल छह सड़कें मार्च 2016 तक पूरी हुई थी। कैग रिपोर्ट में कहा गया है, " कार्यों के निष्पादन के लिए सीमाओं के कारण, विशेष वाहन / उपकरण चलाने के लिए प्रयाप्त सुविधा नहीं थी। "
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के लिए सरकार ने आवंटन दोगुने से अधिक कर दिया है। डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर देते हुए यह आंकड़े 2017-18 में 1,426 करोड़ रुपए से संशोधित करते हुए 2018-19 में 3,073 करोड़ रुपए किए हैं।
सरकार ने 99 शहरों की पहचान की है जिसे बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत सामूहिक रूप से 2.04 लाख करोड़ रुपए मिलेगा। अटल मिशन फॉर रिज्युविनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमरुत) परियोजना के तहत ( पानी की आपूर्ति और सीवेज जैसे शहरी बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए ) 77,640 करोड़ रुपए के बजट के साथ, 500 शहरों के लिए अनुमोदित किया गया है, जैसा कि वित्त मंत्री ने कहा है।
(पलियथ और मल्लापुर विश्लेषक हैं और इंडियास्पेंड के साथ जुड़े हैं।)
यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 1 फरवरी 2018 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
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