भारत के रोजगार वृद्धि दर में कमी
मुंबई: भारत में रोजगार वृद्धि दर में 2015-16 में 0.1 फीसदी और 2016-17 में 0.2 फीसदी की कमी आई है, हालांकि देश का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.4 फीसदी और 8.2 फीसदी की वृद्धि हुई है, जैसा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा समर्थित एक शोध परियोजना, इंडिया KLEMS डेटाबेस द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है।
2009 में शुरू किया गया, डेटाबेस उद्योग और सेक्टर-वार उत्पादकता की वृद्धि मापता है।
कई क्षेत्रों ( जिनमें खनन और उत्खनन, और वस्त्र और विनिर्माण शामिल हैं ) ने 2014-15 और 2015-16 के बीच रोजगार वृद्धि दर में गिरावट देखी है। 2005-06 से कृषि में नकारात्मक वृद्धि दर देखी गई है, और पिछले पांच वर्षों में, विकास दर 2011-12 में -1.9 फीसदी से घटकर 2015-16 में -3.6 फीसदी हो गई है।
निर्माण उद्योग में स्थिर रोजगार दर देखी गई है, 2011-12 में 9.8 फीसदी और 2015-16 में चार साल बाद 8.2 फीसदी, हालांकि इंडिया KLEMS डेटाबेस यह दर्शाता है कि क्षेत्र की कुल कारक उत्पादकता ( दक्षता का एक उपाय ) में हर साल गिरावट हो रही है।
पिछले पांच सालों के लिए निर्माण उद्योग की औसत रोजगार वृद्धि दर 9 फीसदी है - जो पारंपरिक रूप से बड़े नियोक्ता हैं, वे अक्सर पूर्व कृषि श्रमिकों को काम देते हैं।
उन्ही पांच वर्षों के दौरान (2011-12 से 2015-16) विनिर्माण की औसत रोजगार वृद्धि दर 3.2 फीसदी थी और खनन क्षेत्र का -0.76 फीसदी था।
2015-16 में, स्किल इंडिया मिशन ने वैकल्पिक रोजगार पाने के लिए लोगों को सही कौशल के साथ प्रशिक्षण देने पर 1,176 करोड़ रुपये खर्च किए। उसी वर्ष, रोजगार वृद्धि दर 0.2फीसदी से कम हो गई, जो अर्थव्यवस्था के लिए नौकरियों के नुकसान का उस समय संकेत देती है, जब सरकार इस योजना के तहत 400 मिलियन लोगों को नियोजित करने का प्रयास कर रही थी।
‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग द इंडियन इकोनोमी’ (सीएमआईई) का अनुमान है कि वर्तमान भारतीय बेरोजगारी दर 6.3 फीसदी होगी। हालांकि, नवंबर 2016 में नोटबंदी और जुलाई 2017 में माल और सेवा करों की शुरूआत के बाद, यह देखा जाना शेष है कि कई क्षेत्रों में रोजगार कितना प्रभावित हुआ है। रिपोर्टों (जैसे कि यहां और यहां) में बताया गया है कि असंगठित क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए हैं - जिसके लिए KLEMS डेटाबेस द्वारा शामिल नहीं किया गया है।
हमने KLEMS डेटाबेस से हाइलाइट्स को यहां प्रस्तुत किया है:
#Employment fell by 0.2% and 0.1% in 2014-15 and 2015-16 respectively, despite real gross GDP growing by 7.4% and 8.2%, according to findings from the KLEMS India database. Follow this thread for more: (1/6)
— IndiaSpend (@IndiaSpend) March 29, 2018
Govt. spent Rs 1,176 crore on #SkilllIndia mission in 2015-16, yet in the same year #employment rate fell 0.2%. Mission aims to skill and employ 500 million by 2020, yet data shows negative growth rates in many sectors (2/6)
— IndiaSpend (@IndiaSpend) March 29, 2018
#Jobs growth contracted across several sectors in financial years 2014-15 and 2015-16 including: agriculture, mining, manufacture of food products, textiles, transport equipment and trade. Current unemployment rate post demonetisation and GST introduction estimated at 6.3% (3/6)
— IndiaSpend (@IndiaSpend) March 29, 2018
The #agriculture sector’s #employment growth rate fell from -1.9% in the financial year 2011-12 to -3.6% in 2015-16, representing a trend of agricultural workers continuing to leave the industry in search of alternative employment, often in construction industry (4/6)
— IndiaSpend (@IndiaSpend) March 29, 2018
Agricultural workers swap one low productivity sector for another. Construction industry’s #employment growth is steady for 5 years (9.8% in 2011-12 and 8.2% 2015-16) but data shows productivity growth has been falling since 2006-07 (5/6)
— IndiaSpend (@IndiaSpend) March 29, 2018
From 2011-12 to 2015-16 the #employment growth rates for #manufacturing fell from 3.9% to 2.1%, for #mining and quarrying fell from -0.2% to -1.8% and for financial services fell from 5.4% to 3.5%. #Jobs are disappearing and not being replaced in other sectors (6/6)
— IndiaSpend (@IndiaSpend) March 29, 2018
You can access the database on the Reserve Bank of India's website here: https://t.co/yNh1IYTufP
— IndiaSpend (@IndiaSpend) March 29, 2018
(संघेरा इंटर्न हैं और इंडियास्पेंड के साथ जुड़ी हैं।)
यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 30 मार्च, 2018 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
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