भारत में गोद लेने वाले बच्चों में 60 फीसदी लड़कियां
22 दिसंबर, 2017 को लोकसभा को दिए इस उत्तर के अनुसार पिछले चार वर्षों में लड़कों की तुलना में अधिक लड़कियों को गोद लिया गया है।
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले चार साल से 2017-18 तक गोद लिए गए कुल 12,273 बच्चों में से 60 फीसदी लड़कियां हैं।
देश भर में गोद लेने में 20 फीसदी की गिरावट हुई है। यह आंकड़े वर्ष 2014-15 में 3,988 से गिरकर वर्ष 2016-17 में 3,120 हुआ है। गोद लेने के आंकड़ों में गिरावट का कारण शायद कड़ी कानूनी प्रक्रिया है।
भारत में गोद लिए गए बच्चे, वर्ष 2014-15 से वर्ष 2017-18
Source: Lok Sabha *As of December 20, 2017
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भारत में करीब 50,000 ऐसे अनाथ बच्चे हैं, जिन्हें गोद लिया जा सकता है, लेकिन इनमें से केवल 1,600 ही गोद लेने के लिए उपलब्ध हैं, जैसा कि इंडियास्पेंड ने 5 मार्च, 2016 की रिपोर्ट में बताया है।
इसके पीछे का कारण यह है कि या तो इन बच्चों में से आधे बच्चों में किसी तरह की चिकित्सा समस्या है या फिर इन बच्चों की उम्र दो वर्ष से ज्यादा है। यह शायद भावी भारतीय माता-पिता के लिए अवांछनीय लक्षण हैं।
यह सिर्फ विदेशियों के विचार नहीं है। कारण यह है कि विशेष जरूरत के बच्चे 15 दिनों के न्यूनतम समय और पांच साल अधिक आयु के बच्चे 30 दिनों के समय के बाद अंतर-देशीय गोद केंद्रों में जाते हैं। महिला और बाल विकास मंत्रालय भी इस तथ्य से परिचित है।
भारतीय बच्चों को सबसे ज्यादा अमेरिका और इटली में अपनाया गया
पिछले चार वर्षों में दुनिया भर के पांच देशों के माता-पिता द्वारा 2,134 भारतीय बच्चों को अपनाया गया। इनमें से 69 फीसदी (1,481) लड़कियां थीं।
पिछले 4 वर्षों में गोद लेने वाले टॉप पांच देश
Source: Lok Sabha *As of December 20, 2017
सभी भारतीय बच्चों में से 36 फीसदी (776) अमेरिकियों ने अपनाया है। यह आंकड़े किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे ज्यादा है। इनमें से 73 फीसदी (566) लड़कियां थी। बच्चों को गोद लेने के संबंध में दूसरे स्थान पर इटली 22 फीसदी (463) और तीसरा स्थान स्पेन 12 फीसदी (247) का रहा है।
लड़कों की तुलना में भरात से अधिक लड़कियों को विदेशों में गोद लिया गया है, जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है। 549 बच्चों को गोद लेने के साथ महाराष्ट्र अंतर-देशीय में गोद लेने के लिए अग्रणी विकल्प था। 205 के आंकड़ों के साथ दिल्ली दूसरे स्थान पर रहा है।
देश में गोद लेने के मामले में, चार वर्षों में महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा बच्चे गोद लेने (23 फीसदी, 2,771) की सूचना दी है। इनमें से 1,543 लड़कियां और 1,228 लड़के थे। महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक (9 फीसदी, 1,140) और पश्चिम बंगाल (6 फीसदी, 786) का स्थान रहा है।
(मल्लापुर विश्लेषक हैं और इंडियास्पेंड के साथ जुड़े हैं।)
यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 16 जनवरी 2018 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
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