मुर्गियों को स्वस्थ रखने की प्रक्रिया में भारतियों का स्वास्थ्य खतरे में
बंगलुरु की उत्तरीसीमा में स्थित एक व्यापारिक मुर्गीपालन फार्म में लोहे की चादरों पर चिल्लाते मुर्गे बैठे हैं|फार्म के किनारे कुछ पॉल्ट्री कर्मचारी जूटके बैग में पशुआहर भर रहे हैं |एक कर्मचारी जिसने अपना नाम कुमार बताया, ने कहा, कि यह पशुआहार हम घर में बनाते हैं तथा इसमें दवाओं का मिश्रण करते हैं|
ये दावाएं एंटीबायोटिक्स होती हैं जो कि भारत की निरंतर बढ़ती पशु जनित प्रोटीन–भूख को पूरा करने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण रोल अदा करती हैं |यह पशु प्रोटीन मुख्य रूप से चिकन से आती है,हालांकि बकरी, गाय, भैंस और मछ्ली भी इसके श्रोत हैं, लेकिन प्रमुख रूप से इसका श्रोत पौल्ट्री है. इन फार्म पर एंटी बैओतिक्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे विषाणु जनित महामारी न फैले और मुर्गी का वजन भी अधिक हो|
पशु मांस आधारित भोज्य पदार्थों में एंटीबायोटिक्स मिलाने वाले पांच प्रमुख देशों में भारत भी शामिल है, वैश्विक स्तर इस्तेमाल की मात्रा तीन प्रतिशत है. यह विवरण एक नए शोध प्रबंध में –प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल अकादमी ऑफ साइंसेस (PNAS) द्वारा प्रकाशित वैज्ञानिक पत्रिका से है |जिसे पिछले सप्ताह जारी किया गया है|
अगले पंद्रह सालों के लिए–PNAS शोध पत्र ने भविष्यवाणी की है कि भारत में एंटीबायोटिक्स की खपत दोगुनी हो जाएगी|पूरे एशिया में,जहा पर पहले से ही एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल 4%( सूअर मांस) और 143% मुर्गा गोस्त का उत्पादन हो रहा है |
मुर्गा पालन क्षेत्र में अतिवृद्धि की वजह भारत के चिकन प्रेमी लोगों का जबर्दस्त आकर्षण है |
चिकन के लिए पूर्व मिश्रित एंटीबायोटिक्स का तड़का लगा तैयार कच्चा चिकन इसके प्रेमी लोगों को प्रतिदिन अत्यंत सूक्ष्म मात्रा मे एन्टीबायोटीक्स खाने पर भी मजबूर करता है |उक्त बातें इंडियास्पेंड से एक ई-मेल साक्षातकार में प्रन्सटन यूनिवर्सिटीके सेंटर फॉर डिसीस डायनामिक्स, इकोनॉमिक्सएंड पालिसी के निदेशक डा. रामानन लक्ष्मीनारायण जो उक्त शोध पत्र के भी लेखक हैं, ने कहा |
डा. लक्ष्मीनारायण ने आगे बतायाकि चिकित्सा के क्षेत्र में एंटीबायोटिक्स का दूरगामी प्रभाव होता है–जिसके अंतरभूत परिणामों को हम पूरी तरह से नहीं समझ पाये हैं|
उक्त शोध पत्र में बताया गया है कि प्रतिदिन खाई जाने वाली पशुप्रोटीन का सेवन एशिया में पिछले 53 सालों (1960-2013) में तीन गुना बढ़ा है, जिसकी जनता के उच्चआय वर्ग में प्रति व्यक्ति खपत 7 ग्राम से बढ़ कर 25 ग्राम प्रतिदिन हो गयी है |
PNAS के अध्ययन के अनुशार भारत मे एंटीबायोटिक्स के निरंतर बढ़ते इस्तेमाल से सर्वाधिक दुप्रभाव दिखेगा |
उक्त शोध पत्र में भारत के लोगों के प्रति चिंता करते कहा कि लोगों की (नोंनवेज) रोग-प्रतिरोधक क्षमता मे गिरावट के गंभीर परिणाम हो सकते हैं,क्यूंकि भारत– अन्य देशों के अलावा में विषाणु जनित बीमारियों का आकर्षण विश्व में सर्वाधिक है |अतः उक्त एंटीबायोटिक्स एक जबर्दस्त रोग जनित माहौल और मृत्युदर में वृद्धि करते हैं |
पशु आहार मे एंटी बायोटिक्स के बढ़ते पदचिन्ह
उपरोक्त गैर कानूनी एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल भर में अत्यधिकता की और बढ़ने कासंकेत करता है कि बहुत से विषाणु जनित रोगों से अंतिम तौर पर–हम रोगप्रतिरोधक क्षमता को निरंतर खो रहे हैं |
इस कारण जैसा की इंडियास्पेंड ने पहले ही लिखा है–इस वजह से 20 लाख मृत्यु प्रत्येक वर्ष हो रही है |
इसी कारण से ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टेंडर्ड्स एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल को प्रोत्साहित नहीं करता/बिक्री योग्य किसी बनही जानवर के वजन/स्वास्थ को बढ़ाने की गर्ज से,लेकिन फिर भी पशुआहर कानिर्माण करने वाले पहले से ही उक्त पशुआहार मे दवाइयां मिलाकर पॉल्ट्री फर्म्स को बेचते हैं |ऐसा 2004 की फ़ैक्ट शीट–जिसको सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) – नई दिल्ली ने दिया|
वे ही कंपनीस पशु आहारों को जड़ी बूटी भी मिलाकर बेचते हैं –ये एंटीबायोटिक्स के स्थानापन्न के रूप में नहीं मिलाई जाती- बल्कि एंटीबायोटिक्समिले आहार की ताकत बढ़ातीहै- CSE ने निम्न लिखित फैक्ट्स पाये |
पशु आहार मे पूर्व मिश्रित एंटिबायोटिक्स विकास (वजन) बढ़ाने हेतु सहायक दवाएं |
Examples Of Feed Premix With Antibiotic Growth Promoters | |||
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Company | Brand Name | Antibiotic present | Information on label |
Venky's | Bamylate | Bacitracin | For increased weight gain and improved feed efficiency |
Tylomix | Tylosin | A growth promoter. In broilers it provides uniformity in growth | |
V-FUR 200 | Furazolidone | V-Fur 200 is an ideal growth promoter for adult birds | |
Biomir Venture LLP | LINCO-MIR | Lincomycin, Colistin sulphate | Helps to increase the growth, body weight with economical feed conversion ratio (FCR) in broilers |
CO-MIR | Doxycycline, Colistin sulphate | Helps to increase growth and body weight in broiler, Improves feed consumption efficiency. Acts as best performance booster | |
CON - MIR | Lincomycin, Neomycin | Helps to increase the growth, body weight with economical FCR in broilers | |
Vetline India | Furavet | Furazolidone | An essential growth promoter. Ensures better growth, weight gain and feed conversion |
Progrovet | Doxycycline, Colistin sulphate | Better feed conversion hence increased weight gain in broilers | |
Ayugen Pharma Pvt. Ltd. | Lincomax | Lincomycin, Metranidazole, Colistin sulphate | Improves weight gain and F.C.R in broilers, Helps in improving growth and performance |
Source: Centre for Science and Environment
एक प्रमुख भारतीय नियमनों के अधिकारी ने उक्त इन्फॉर्मेशन का खंडन किया. द गवर्नमेंट्स सेंट्रल पॉल्ट्री डेवलपमेंट आर्गेनाईजेशन एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर डा. महेश पी एस ने इंडियास्पेंड से कहा कि भारतीय पॉल्ट्री इंडस्ट्री मे एंटिबायोटिक्स का इस्तेमाल रोगहरण दवाओं के रूप मे किया जाता है |जिससे की रोगों का उभार न हो– इसलिए एंटिबायोटिक्स दिया जाता है.
मुर्गी पालकों को दवा देने के उपरांत एक निश्चित वीथिडरावल पीरियड का अनुपालन करना पड़ता है– मतलब दवा देने के उपरांत एक निश्चित पीरियड तक चिकन आदि को बाजार में नहीं भेजा जाता है | अतः जरा भी एंटीबायोटिक्स का अवशिस्ट भाग मांस मे पाया जाता है तो वह MRL (maximum residue )के अंदर ही होता है –जिसको इंटरनेशनल बॉडी –कोडेक्स एलिमेन्त्रिउस ने तय किया है |
एंटीबायोटिक्स का अपशिस्ट भाग समस्या का ही एक भाग है– ऐसा अमित खुराना –लेखक सीएसई स्टडी ने चिकन सैंपल में एंटीबायोटिक्स के अपशिस्ट को जांच कर कहा |
पॉल्ट्री फार्म्स मे एंटीबायोटिक्स के लगातार इस्तेमाल से रोग प्रतिरोधक विषाणु में वृद्धि हो रही है, जो कि भोजन,पानी और मिट्टी या सीधे संपर्क में आने से महामारी का रूप ले सकती है |
खुराना ने कहा मुख्य चिंता का विषय है वेजिटेरियन लोंगो में भी एंटीबायोटिक्स प्रतिरोधी विषाणुओं का प्रभाव पड़ सकता है|
भारत मे पशुओं,चिकन और सुअरों –जो कि घरेलू खपत के लिए है–के लिए प्रयुक्त एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल के लिए कोई कानूनी प्रावधान नहीं है |
जून 2014 मे कृषि मंत्रालय द्वारा जारी परिपत्र में राज्यों से कहा कि शाकाहारी भी एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल संभल कर करें | बिना कुछ कारण बताए परिपत्र मे कहा गया कि पशु आहार के एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल बंद कर दें |
अभी तक यूरोपियन यूनियन और दक्षिण कोरिया ने पशु आहार में एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल बंद कर दिया है |
डॉ. महेश को नियमों के अभाव समस्या नहीं लगते |
सभी बड़े पॉल्ट्री फार्म्स गुणवत्ता के सभी मापदंड लागू करते हैं |उन्होंने आगे कहा कि भारत पॉल्ट्री निर्यात में विश्व के बड़े निर्यातकों में से एक है |भारत में अन्तराष्ट्रीयगुणवत्ता के नियम लागू किए जाते हैं, डॉ. महेश ने कहा |
द वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन एंड ग्लोबल एंटीबायोटिक्स रेजिस्टेंस पार्टनरशिपने एक राष्ट्रीय पर्यवेक्षण की वकालत की है– जिससे की एंटीबायोटिक्स की खपत – मानव और पशुओं– पर कानूनी नजर रखी जा सके |
PNAS शोध पत्र के अनुसार भारत मे एंटी बायोटिक्स की अबाधित खपत वर्ष 2030 तक दोगुनी हो जाएगी|
पशु आहार आधारित खाद्यपदार्थ मे एंटी बायोटिक्स का अवशिस्ट पूरे भारत में पाया गया है–ऐसा सार्वजनिक स्वास्थ के वैज्ञानिकों ने सन 2013 के प्रकाशित लेख में कहा है–जिसको पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया ने रिपोर्ट किया |
TPNAS के शोध पत्र के अनुसार भारत के दक्षिणी भाग और मुंबई तथा दिल्ली –एशिया के सर्वाधिक एंटी बायोटिक्स खपत के क्षेत्र है,पीएनए परिपत्र के अनुसार
Source: Proceedings of the National Academy of Sciences
बढ़ते रोग–पशुआहार मे एंटी बायोटिक्स के कारण
इस तरह फूड चेन काम करती है–पशुआहार में मिश्रित एंटीबायोटिक्स –जानवर खाता है, उसको मनुस्य खाता है जानवर पेट में एंटी बायोटिक्स डालता है–विषाणु एंटी बायोटिक्स से अपने को अनुकूल कर लेते हैं –विषाणु एंटीबायोटिक्स का प्रतिरोधन कर लेते है |
इस तरह एंटी बायोटिक्स का खाने योग्य जानवरों में इस्तेमाल–मनुष्यों में –एंटीबायोटिक्स प्रतीरोधन क्षमता उत्पन्न करता है |
पिछले सालों में बहुत से अध्ययनों ने बहु औषधि प्रतिरोधी विषाणु को पॉल्ट्री और सीफूड मे भारत में पाया है –जैसे कि भारत में सालमोनेला और ई कोली पॉल्ट्री और सी फ़ूड में .यह सुपर वेक्टीरिया खाने के जरिये मनुष्यों मे चले जाते हैं–विभिन्न तरीके दूषित पदार्थों को खाने से और कहने योग्य जानवरों के सीधे संपर्क में आने से भी |
एंटी बायोटिक्स का जानवरों के स्वास्थ पर भी गंभीर असर पड़ता है,कभी-कभी बहुत घातक भी होता है–वैसा ही घातक मनुष्यों में संक्रमण से होता है.एण्टीबायोटिक्स का जानवरों में इस्तेमाल करने से,जल प्रदूषण,मृदा प्रदूषण और मीट की स्वास्थकारी गुणवत्ता पर भी पड़ता है |
एंटीबायोटिक्स के मनमाने इस्तेमाल से मानवों के लिए प्रयुक्त चिकित्सा ने बहु औषधि प्रतिरोधी बक्टीरिया को जन्म दिया है–जिनको सुपर बग्स के नाम से जाना जाता है, जिनका इलाज लगभग असंभवहै |
भारत एंटिबायोटिक्स का विश्व में सबसे ज्यादा खपत करता है–जिसमे उसने चाइना और अमरीका को पीछे छोड़ दिया है |ऐसा लेनसेट अध्यन –एंटिबायोटिक्स इस्तेमाल– 71 देशों में–प्रकाशित 2014 |
भारत ने एंटिबायोटिक्स के प्रतिरोधी क्षमता होने के पीछे कारण –अनावश्यक खा लेना, नियमों का अनुपालन न करना और स्वयं चिकित्सा करना और बिना डॉक्टर परिचय से दवा दुकान से खरीदना |HIV/AIDS के घातक प्रसार का यही कारण है |
भारत टीबी महामारी के साए में जी रहा है- कारण बहु– ड्रग प्रतिरोध TB(MDR-TB) क्षेत्र में भारत विश्व का दूसरा सबसे बडा देश है |
हाल की रिसर्च बताती है कि 95% भारतीय वयस्क जनता अपने शरीर में बी-लैक्टम एंटिबायोटिक्स की प्रतिरोधी क्षमता रखते हैं | इसमे पेंसिलिन और कार्बपेनेंस, आती हैं जो कि अंतिम श्रेणी की एंटिबायोटिक्स है |
दीपा पदमानाभन एक बंगुलुरु स्थित सीनियर पत्रकार और स्वास्थ पर्यावरण, संस्कृति और विकास विश्लेषक हैं |
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