वर्ष 2017 में अब तक प्रत्येक सप्ताह गाय से संबंधित एक हमला
वर्ष 2017 के 33 वें सप्ताह में, भारत में गाय संबंधित हिंसा की 30वीं घटना दर्ज की गई है। यह घटना बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में हुई, जहां गाय निगरानी समिति के सदस्यों ने कथित तौर पर गाय का मांस खाने के आरोप में सात मुसलमानों पर हमला किया। हम बता दें कि वर्ष 2017 में, गाय संबंधित हिंसा की घटना पिछले आठ वर्षों में सबसे ज्यादा रही है, जैसा कि इससे संबंधित इंडियास्पेंड के डेटाबेस से पता चलता है। अब तक हमने वर्ष 2010 के बाद से भारत में गाय संबंधित हिंसा की 75 घटनाएं दर्ज की हैं।
गुरुवार, 17 अगस्त, 2017 को, दुमरा गांव में मोहम्मद शहाबुद्दीन के घर के बाहर 50 से अधिक लोग इकट्ठे हुए। भीड़ ‘भारत माता की जय’ का नारा लगा रही थी, जैसा कि न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने 18 अगस्त 2017 की रिपोर्ट में बताया है।
घर के बाहर इकट्ठा हुए निगरानी समिति के सदस्यों में विश्व हिंदू परिषद के स्थानीय सदस्य शामिल थे। भीड़ ने कथित तौर पर गाय को मारने और गौ मांस खाने का आरोप शहाबुद्दीन और उसके पड़ोसियों पर लगाया था। कथित तौर पर भीड़ ने मुसलमानों को शाहबुद्दीन के घर के एक कमरे में बंद कर दिया और लकड़ी के डंडे से उनकी पिटाई की। अखबार के रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना में चार लोग बुरी तरह से जख्मी हुए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
हमलावरों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। जबकि स्थानीय पुलिस ने स्थानीय बहुल समुदाय के धार्मिक भावनाओं को जानबूझ कर चोट पहुंचाने के लिए सात मुस्लिमों को गिरफ्तार किया है। हमलावरों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, यह बताते हुए पुलिस ने कहा: "अब तक के हमले के बारे में ऐसी कोई शिकायत नहीं हुई है", न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है।
एक पखवाड़े के भीतर बिहार में होने वाला यह दूसरा हमला है, जबकि राज्य में इस साल इस तरह तीसरी घटना है। बिहार में वर्ष 2010 से सात सालों में यानी 2017 तक इस तरह की एक भी हमले की सूचना नहीं मिली है। हम बता दें कि इंडियास्पेंड ने वर्ष 2010 से इस तरह के मामलों को डेटाबेस में शामिल करना शुरु किया है।
अंग्रेजी मीडिया में रिपोर्टों के संग्रह और डेटा के माध्यम से किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि इस तरह के 97 फीसदी मामले ( 75 में से 73 ) मई 2014 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के सत्ता में आने के बाद हुए हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि करीब आठ वर्षों से ( 2010 से 2017 ) 56 फीसदी पशुवत मामलों में मुसलमान निशाने पर रहे हैं और 75 घटनाओं में 86 फीसदी (28 में से 24) मुसलमान मारे गए हैं।
कम से कम 53 फीसदी गाय संबंधित हिंसा के मामले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा नियंत्रित राज्यों से सूचित किए गए हैं, जैसा कि 18 अगस्त 2017 तक दर्ज हिंसा के मामलों पर हमारे विश्लेषण से पता चला है।
बिहार में हाल ही में गाय-संबंधित हिंसा के दो मामले जनता दल (संयुक्त) या जेडी(यू) सरकार के तहत दर्ज किए गए हैं। 27 जुलाई, 2017 को, जेडी(यू) ने भाजपा के साथ गठबंधन किया है।
भारत में गाय संबंधित हिंसा का विस्तार, वर्ष 2010 से 2017
Note: No data for Arunachal Pradesh, Chhattisgarh, Manipur, Meghalaya, Mizoram, Nagaland, Tripura, Telangana, Sikkim, Uttarakhand
(सलदनहा सहायक संपादक हैं और इंडियास्पेंड के साथ जुड़ी हैं।)
यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 19 अगस्त 2017 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
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