हर 250 नकली नोट में से केवल 16 का पता, बाकी बेपता नकली नोट बैंक और बाजार में
नकली नोट रैकेट का भंडाफोड़ करने के बाद प्रेस कॉंफ्रेस करते पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र राणा। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार 2015 में 43.8 करोड़ रुपए के नकली नोट जब्त किए गए।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की 86 फीसदी मुद्राओं के अमान्य घोषित किया है। इस कदम के पीछे का एक मुख्य कारण नकली नोटों पर रोक लगाना है। लेकिन क्या नकली नोटों का पता लगाने के लिए भारत पर्याप्त कदम उठा रहा है?
सरकारी आंकड़ों पर इंडियास्पेंड द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि भारत में 2015-16 में हर 250 नकली नोट में से केवल 16 का पता लगाया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 500 और 1,000 रुपए के नोटों को बंद करने का मुख्य कारण नकली नोटों पर रोक लगाना है, जिससे आतंकवाद को भी बढ़ावा मिलता है। हम आपको बता दें कि मुद्रा संचलन में 500 और 1,000 रुपए के नोटों की 86 फीसदी की हिस्सेदारी है। 9 नवंबर, 2016 को दक्षिण भारत के फिल्म स्टार नागार्जुन ने नोटबंदी की प्रशंसा करे हुए ट्वीट किया था। जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने भी कुछ ऐसे ट्वीट किए थे-
Dear @iamnagarjuna, this step will check corruption, black money and fake currency rackets that slow our progress. https://t.co/qns6cyosAB
— Narendra Modi (@narendramodi) November 9, 2016
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 2015-16 में 90.26 बिलियन भारतीय मुद्राएं चलन में थी। इनमें से 0.63 मिलियन नोट (यानी 0.0007 फीसदी) से अधिक नकली नहीं पाए गए थे। 2015-16 में इन नकली नोटों के मूल्य 29.64 करोड़ रुपए थे, जो चलन में 16.41 लाख करोड़ रुपए की का 0.0018 फीसदी है।
Counterfeit Currency Detected, 2015-16 | |||||
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Denomination | Counterfeit Notes | Notes in Circulation | Counterfeit (%) | Counterfeit Value | Total Value |
2,5 | 2 | 11,626 million | 0 | Rs 7 | Rs 4,069.1 crore |
10 | 134 | 32,015 million | 0 | Rs 1,340 | Rs 32,015 crore |
20 | 96 | 4,924 million | 0 | Rs 1,920 | Rs 9,848 crore |
50 | 6453 | 3,890 million | 0.0000017 | Rs 322,650 | Rs 19,450 crore |
100 | 221447 | 15,778 million | 0.000014 | Rs 2.21 crore | Rs 1,57,780 crore |
500 | 261695 | 15,707 million | 0.0000167 | Rs 13.09 crore | Rs 7,85,350 crore |
1000 | 143099 | 6,326 million | 0.0000226 | Rs 14.31 crore | Rs 6,32,600 crore |
Source: Reserve Bank of IndiaNote: Assuming number of Rs 2 and Rs 5 notes to be equal
इन आंकड़ों में पुलिस और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा जब्त नोट शामिल नहीं हैं।18 नवंबर, 2016 को लोक सभा में राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2015 में 0.88 मिलियन नकली नोट जब्त किए गए, जिसका मूल्य 43.8 करोड़ रुपए है। आंकड़ों से आगे पता चलता है कि 30 सितंबर, 2016 तक 27.8 करोड़ रुपए के नकली नोट जब्त किए गए।
पता लगाए गए नकली मुद्राएं, 2013-16
हर दस लाख नोटों में 250 नोट नकली
भारतीय सांख्यिकी संस्थान और राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा वर्ष 2015 में किए गए संयुक्त अध्ययन के अनुसार किसी भी समय चलन में नकली मुद्राओं का मूल्य 400 करोड़ रुपए होता है। हर 10 लाख नोट में 250 नोट नकली होते हैं। इन अध्ययन का उदेश्य नकली मुद्राओं के रुझान का विश्लेषण करना, विशेष रुप से भारतीय सीमाओं के पार होने के प्रवृति का विश्लेषण करना है।
अध्ययन में अनुमान लगाया गया कि करीब 70 करोड़ रुपए मूल्य के नकली नोट हर साल चलन में आते हैं। इसमें से केवल एक तिहाई की पहचान ही एजेंसियों द्वारा हो पाती है। मई 2016 में टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट में कुछ ऐसी ही बात कही गई है। नकली नोटों का पता मुख्य रुप से वाणिज्यिक बैंकों द्वारा लगाया जाता है। लेकिन इस तरह की रिपोर्टिंग अनियमित है। एक्सिस, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई, केवल इन तीन बैंकों ने करीब 80 फीसदी नकली मुद्राओं की रिपोर्ट की है।
काली अर्थव्यवस्था में नकद का हिस्सा 3 से 7 फीसदी के बीच
वर्ष 2012 में, तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने भारत के काले धन पर एक श्वेत पत्र लिखा था। पत्र से पता चलता है कि अज्ञात आय का नकद घटक 3.7 फीसदी से 7.4 फीसदी के बीच है। यह आंकड़े केंद्र के प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा दिए गए रिपोर्ट पर आधारित थे।
श्वेत पत्र के अनुसार, उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2011-12 में, 9289 करोड़ रुपए की स्वीकृत अघोषित आय में से 499 करोड़ रुपए (5.4 फीसदी) से अधिक नकद में नहीं पाया गया था।
काले धन का नकद घटक, 2006-12
17 नवंबर 2016 में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया
Black economy is only 6% Cash, rest wired. Counterfeit currency 0.025% of total currency. So what is the #Demonetisation move targeting? — Sitaram Yechury (@SitaramYechury) November 15, 2016
येचुरी का दावा, वित्तीय वर्ष 2012-13 के बाद टैक्स छापे के आंकड़ों पर हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा किए गए विश्लेषण के आधार पर किया गया है। अखबार के मुताबिक, टैक्स चोरी करने वालों से अघोषित आय जब्त करने की तुलना में बरामद नकदी 6 फीसदी से कम थी।.
1 अप्रैल से 31 अक्टूबर, 2016 के बीच आयकर जांच से पता चलता है कि काले धन धारकों ने 7,700 करोड़ रुपए के मूल्य की बेहिसाब संपत्ति होने की बात स्वीकार की है। इसमें से 408 करोड़ रुपए या 5 फीसदी नकदी थी। आंकड़ों से पता चलता है कि बाकी पैसे व्यापार, स्टॉक, अचल संपत्ति और बेनामी बैंक खातों में निवेश किया गया । वर्ष 2015-16 में जब सबसे ज्यादा काला धन पता चलने की रिपोर्ट हुई है, तब उसमें नकदी की हिस्सेदारी 6 फीसदी थी।
विजय केलकर और अजय शाह मिंट में लिखते हैं, “हालांकि, लोगों की नजरों में, नकदी के ढेर भ्रष्टाचार का पर्याय रहे हैं लेकिन हमें काले अर्थव्यवस्था के तीन घटकों के बीच के भेद के संबंध में सावधान रहना चाहिए। पहला भ्रष्टाचार के अंतर्निहित स्रोत। इसका एक उदाहरण अचल संपत्ति के लेन-देन पर भारी मात्रा में स्टाम्प ड्यूटी है, जिसका भुगतान नकद में होता है। दूसरा बेहिसाब धन संचय के लिए अपनाया गया तरीका है। इसका एक उदाहरण सोने के रुप में संपत्ति रखना है। तीसरा घटक वे तरीके हैं, जिसके माध्यम से लेन-देन प्रभावित हो रहे है। इनमें नकद शामिल हो सकते हैं। लेकिन काली अर्थव्यवस्था में ये तीन घटक शामिल है।”
(साहा एक स्वतंत्र पत्रकार हैं। वह ससेक्स विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज़ संकाय से वर्ष2016-17 के लिए जेंडर एवं डिवलपमेंट के लिए एमए के अभ्यर्थी हैं।)
यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 24 नवम्बर 2016 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
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