1.2 करोड़ बाल विवाहितों में 84% हैं हिंदू
करीब 12 मिलियन यानि 1.2 करोड़ भारतीय बच्चों का विवाह दस वर्ष की आयु से पहले हुआ है जिनमें से 84 फीसदी हिंदू हैं और 11 फीसदी मुस्लिम हैं। यह आंकड़े हाल ही में जारी किए गए जनगणना के आंकड़ों पर इंडियास्पेंड द्वारा किए गए विश्लेषण में सामने आए हैं।
यदि आंकड़ों के संदर्भ में देखें तो यह संख्या जम्मू-कश्मीर की जनसंख्या के बराबर है।
इनमें से 7.84 मिलियन या 65 फीसदी छोटी लड़कियां हैं जो इस तथ्य को और मजबूत करता है कि समाज में लड़कियों की स्थिति ठीक नहीं है; विवाह किए गए 10 अशिक्षित बच्चों में से 8 लड़कियां हैं।
धर्म अनुसार दस वर्ष से कम आयु के बच्चे जिनकी शादी हुई
Source: Census India
आंकड़ों के विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि 74 फीसदी हिंदू लड़कियां जिनकी शादी 10 वर्ष की आयु के पहले हुई है वे ग्रामीण क्षेत्र से हैं जबकि मुस्लिम लड़कियों के लिए यही आंकड़े 58.5 फीसदी हैं।
जैन महिलाएं सबसे विलंब से विवाह करती हैं (20.8 वर्ष की औसत उम्र में) वहीं ईसाई महिलाओं की विवाह करने की औसत उम्र 20.6 एवं सिख महिलाओं की औसत उम्र 19.9 है। हिंदू और मुस्लिम महिलाओं की पहली शादी की औसत उम्र सबसे कम (16.7 वर्ष) है। इस संबंध में इंडियास्पेंड ने निरंतर, दिल्ली स्थित एक संस्था, की सात-राज्यों की रिपोर्ट के आधार पर पहले भी बताया है।
आमतौर पर शहरी क्षेत्रों की महिलाएं, ग्रामीण क्षेत्रों की अपनी समकक्षों की तुलना में दो वर्ष बाद विवाह करती हैं। इस संबंध में भी इंडियास्पेंड ने पहले बताया है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि शिक्षा के 12 या अधिक वर्षों के साथ वाली महिलाओं की तुलना में अशिक्षित महिलाओं में किशोर गर्भावस्था और मातृत्व का स्तर नौ गुना अधिक होता है।
शहरी भारत की तुलना में ग्रामीण भारत में अधिक होता है बाल विवाह
Source: Census India
दस वर्ष की आयु से कम में विवाह किए गए बच्चों में 80% लड़कियां हैं
कम के कम 5.4 मिलियन (44 फीसदी) बच्चे जिनकी शादी 10 वर्ष की आयु से कम में हुई है, वे अशिक्षित हैं – इनमें से 84 फीसदी लड़कियां हैं – जो जल्दी शादी और शिक्षा के निचले स्तर के बीच सहसंबंध का संकेत देता है।
प्रति 1,000 पुरुषों की तुलना में कम से कम 1,403 ऐस महिलाएं हैं जो किसी भी शिक्षण संस्थान नहीं गई हैं, जैसा कि इंडियास्पेंड ने पहले बताया है।
क्वेंटिन वोडन, विश्व बैंक के शिक्षा विभाग के साथ एक सलाहकार का कहना है कि विकासशील देशों में ऐसी लड़कियां जिनकी गुणवत्ता शिक्षा तक पहुंच कम है, उनकी शादी होने की संभावना अधिक होती है।
वोडन लिखते हैं कि,लड़कियों के लिए बेहतर और सुरक्षित रोजगार के अवसर भी बाल विवाह को कम करने में सहायक हो सकते हैं।
शिक्षा अनुसार बच्चे जिनकी शादी 10 वर्ष की कम आयु में हुई है
Source: Census India
30 फीसदी लड़कियां और 42 फीसदी लड़कों की शादी कानूनी उम्र से पहले
बाल विवाह निषेध अधिनियम के अनुसार भारत में महिला के विवाह करने की आयु 21 वर्ष और पुरुष की 18 वर्ष है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार एवं गुजरात उच्च न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय के विभिन्न निर्णयों में उल्लेख किया है कि मुस्लिम लड़की से शादी तब हो सकती जब वह यौवन को पा लेता है या उम्र के 15 साल पूरे कर लेती है।
2011 में कम से कम 102 मिलियन लड़कियों (महिला आबादी का 30 फीसदी) का विवाह 18 वर्ष की आयु से कम में हुआ था; 2001 में यही आंकड़े 119 मिलियन (महिला जनसंख्या का 44 फीसदी) थे, यानि कि एक दशक में 14 प्रतिशत अंक की कमी आई है।
वहीं यदि बात लड़कों की जाए तो 2011 में 21 वर्ष की आयु से पहले 125 मिलियन (पुरुष आबादी का 42 फीसदी) लड़कों की शादी हुई है। 2001 में यही आंकड़ 120 मिलियन थे, यानि कि एक दशक में 7 प्रतिशत अंक की गिरवाट हुई है।
कानूनी उम्र से पहले 30 फीसदी लड़कियों का विवाह
कानूनी उम्र से पहले 42 फीसदी लड़कों का विवाह
Source: Census India
(साहा नई दिल्ली स्थित स्वतंत्र पत्रकार हैं। )
यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 01 जून 2016 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
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