Gandhinagar: Reliance Industries Chairman and Managing Director Mukesh Ambani addresses at

मुंबई: सरकारी आंकड़ों पर इंडियास्पेंड के विश्लेषण के अनुसार, 10 सबसे अमीर भारतीयों की संपत्ति चार राज्यों और छह सरकारी मंत्रालयों के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के बराबर है।

नौ सबसे अमीर भारतीयों के पास अब देश के 50 फीसदी नीचे के लोगों के बराबर धन है। जबकि शीर्ष 1 फीसदी के पास 52 फीसदी राष्ट्रीय संपत्ति है, और नीचे के 60 फीसदी के पास केवल 5 फीसदी संपत्ति है, जैसा कि वैश्विक असमानता पर जनवरी-2019 में ऑक्सफैम की रिपोर्ट में बताया गया है।जबकि धन की यह एकाग्रता एक वैश्विक प्रवृत्ति है, अन्य देशों में धन को आम तौर पर जनसंख्या के 1 फीसदी द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जबकि भारत में यह नौ व्यक्तियों या 120 करोड़ की भारतीय आबादी के 0.000000075 फीसदी के हाथों में है। ऑक्सफेम रिपोर्ट के अनुसार, “मध्य-पूर्वी देशों और ब्राज़ील के विपरीत, जहा ऐतिहासिक रूप से असमानता का उच्च स्तर था, कुल आय में शीर्ष 10 फीसदी की हिस्सेदारी में गिरावट देखी गई है। भारत ने शीर्ष 10 फीसदी और आबादी के शीर्ष 1 फीसदी की आय के हिस्से में वृद्धि देखी है। " विश्व असमानता रिपोर्ट-2018 के अनुसार, भारत के शीर्ष 1 फीसदी की आय का हिस्सा 1982-1983 में लगभग 6 फीसदी से बढ़कर एक दशक बाद 10 फीसदी से अधिक, 2000 तक 15 फीसदी और 2014 तक लगभग 23 फीसदी हो गया है।भारत अब उन देशों की सूची में चौथे स्थान पर है, जहां शीर्ष 01 फीसदी उच्चतम राष्ट्रीय आय साझा करते हैं। पहले तीन स्थान पर ब्राजील, तुर्की और जाम्बिया हैं, जैसा कि विश्व असमानता डेटाबेस- 2017 से पता चलता है।

ऑक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में भारत में अरबपतियो की संपत्ति 35 फीसदी या 2,200 करोड़ रुपये बढ़ गई, जबकि सबसे गरीब 10 फीसदी बनाने वाले 13.6 करोड़ भारतीय लगातार कर्ज में डूबे रहे हैं।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 3.3 लाख करोड़ रुपये थी, जो हमारे विश्लेषण के अनुसार, 2017-18 के लिए ओडिशा के जीएसडीपी का 95 फीसदी है। हमारे विश्लेषण में फोर्ब्स अरबपति रैंकिंग, केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय और बजट 2017-18 के डेटा का उपयोग किया गया है।

राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद के साथ शुद्ध मूल्य की तुलना, 2017-18

Comparison Of Net Worth With States’ Gross Domestic Product, 2017-18
BillionaireNet Worth (in Rs crore)StateGSDP (in Rs crore)
Mukesh Ambani331525Odisha346294
Pallonji Mistry110041Himachal Pradesh109564
Shiv Nadar102331Jharkhand203358
Dilip Shanghvi88313Meghalaya24202

Source: Forbes, Ministry of Statistics

सरकारी मंत्रालयों के बजट के साथ, व्यक्तिगत शुद्ध मूल्य की तुलना, 2017-12018

Comparison Of Personal Net Worth with Budgets Of Government Ministries, 2017-18
BillionaireNet Worth (in Rs crore)MinistryBudget Estimate (in Rs crore)
Azim Premji1,47,189Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution1,54,231
Lakshmi Mittal1,28,264Ministry of Road Transport and Highways64,900
Hinduja Brothers1,26,162Ministry of Home Affairs97,187
Godrej family98126Ministry of Health and Family Welfare48,852
Kumar Mangalam Birla87612Ministry of Women and Child Development22,094
Gautam Adani83407Ministry of Drinking Water and Sanitation20,010

Source: Forbes, Finance Ministry

153 वर्षीय शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप के चेयरमैन पलोनजी मिस्त्री की संपत्ति अनुमानित रूप से 1.1 लाख करोड़ रुपये है, जो हिमाचल प्रदेश जीएसडीपी को 477 करोड़ रुपये से पार करती है।

एचसीएल के संस्थापक शिव नाडार को 2018 में देश के सबसे अमीर 100 की फोर्ब्स सूची में छठे स्थान पर रखा गया था, और उनकी कुल 1.02 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति झारखंड के जीएसडीपी से आधी है।

सन फार्मास्युटिकल्स के संस्थापक दिलीप शांघवी की 2017-18 में कुल शुद्ध मूल्य 88,313 करोड़ रुपये थी, जो मेघालय के जीएसडीपी से लगभग चार गुना है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 29 लाख की आबादी के साथ, मेघालय का जीएसडीपी 2017-18 के लिए 24,202 करोड़ रुपये था।

ऑक्सफैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा जैसी सार्वजनिक सेवाओं को कम फंड देकर असमानता को बढ़ा रही है। “निगमों और अमीरों पर कर लगाने के दौरान, वे कई मोर्चों पर असफल रहे हैं।”

विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी की कुल संपत्ति 1.4 लाख करोड़ रुपये थी, जो 2017-18 के लिए उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के लिए आवंटित 1.5 लाख करोड़ रुपये के करीब 95 फीसदी के बराबर थी।

दुनिया की सबसे बड़े स्टील उत्पादक आर्सेलर मित्तल की सीईओ लक्ष्मी मित्तल की कुल संपत्ति 1.2 लाख करोड़ रुपये थी, जो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए स्वीकृत बजट से दोगुनी थी।

2017-18 में गृह मंत्रालय के लिए स्वीकृत बजट 97,187 करोड़ रुपये था, जो हिंदुजा भाइयों की 1.2 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति से कम है।

गोदरेज परिवार, जो गोदरेज समूह का प्रबंधन करता है, की कुल संपत्ति 98,126 करोड़ रुपये है, जो स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए बजट का दोगुना था। आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला की कुल संपत्ति 87,612 करोड़ रुपये थी, जो महिला और बाल विकास मंत्रालय के बजट का चार गुना है।

अडानी समूह के संस्थापक गौतम अडानी की संपत्ति 83,407 करोड़ रुपये थी, जो कि 2017-18 में पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के लिए आवंटित धन का चार गुना है।

( जैस्मिन निलहानी पत्रकारिता और जनसंचार की छात्रा हैं और इंडियास्पेंड में इंटर्न हैं। )

यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 24 जनवरी, 2019 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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