2050 में दक्षिण एशिया में भारत का बद्तर लिंग अनुपात रहेगा जारी
जन्म के समय भारत के लिंग अनुपात को देखें तो यह पुरुषों के पक्ष में है। संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग के अनुमान के मुताबिक 2050 में दक्षिण एशिया में भारत का लिंग अनुपात बद्तर ही रहेगा।
2015 और 2020 के बीच, जन्म के समय भारत का लिंग अनुपात प्रति 100 महिलाओ पर 111 पुरुषों को होगा, जिसमें 2045-2050 के बीच थोड़ा सुधार होने की संभावना है। ये आंकड़े प्रति 100 महिलाओं पर 108 पुरुषों के होने का अनुमान है लेकिन फिर भी यह दक्षिण एशिया में बद्तर रहेगा और विश्व में प्रति 100 महिलाओं पर 105 पुरुषों के अनुपात के औसत से उच्च रहेगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, "जन्म के समय प्राकृतिक" लिंग अनुपात 105" के आसपास माना जाता है, क्योंकि मृत्यु दर में लिंग विभेद और बाहरी कारणों से उच्च जोखिम के कारण, बढ़ती उम्र के साथ पुरुषों की मृत्यु का जोखिम बढ़ता जाता है।
2050 में भारत का लिंग अनुपात पाकिस्तान के समान होगा, लेकिन अफगानिस्तान (प्रति 100 महिलाओं पर 106 पुरुष), बांग्लादेश (105), भूटान (104), नेपाल (106) और श्रीलंका (104) से अधिक होगा।
जन्म के समय अनुमानित लिंग अनुपात
(शाह रिपोर्टर/लेखक हैं और इंडियास्पेंड से साथ जुड़ी हैं।)
यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 6 सितंबर 2017 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
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