वित्तीय सेवाओं में दक्षिण भारत न.1
क्रिसिल इनक्लूसिक्स, वित्तीय समावेशन पर भारत की प्रगति को मापने वाली एक सूचांकक के अनुसार भारत के कम से कम 50 में से 45 टॉप ज़िले, जो वहन करने योग्य एवं औपचारिक वित्तीय सेवाओं की पेशकश करती हैं वो दक्षिण भारत के चार राज्यों में स्थित हैं। इनमें से 30 जिले तमिलनाडु एवं केरल में हैं।
वित्तीय समावेश के मामले में भारत के पांच टॉप राज्य या संघ शासित प्रदेश पुडुचेरी , केरल, तमिलनाडु , गोवा और चंडीगढ़ हैं।
भारत के वित्तीय समावेशन सूचांकक के अनुसार इन राज्यों में काफी सुधार देखा गया है। साल 2013 के अंत तक इन राज्यों के आकंड़े 50.1 दर्ज किए गए जबकि साल 2012 के अंत तक यह आकंड़े 42.8 देखे गए थे।
यह सूचकांक प्रधानमंत्री द्वारा शुरु किए गए जन धन योजना का लेखा-जोखा नहीं रखता है। अगस्त 2014से अब तकलगभग 140 मिलियन नए बैंक अकाउंट खुलने के साथ साल 2015 में सूचांकक में और सुधार होने की उम्मीद है।
क्रिसिल , मुंबई की एक रेटिंग एजेंसी के अनुसार वित्तीय समावेशनका मतलब“समाज के सभी वर्गों तक औपचारिक वित्तीय सेवाओं जैसे कि ऋण ,पैसेजमा , बीमा और पेंशन सेवाओं का पहुंच होना है”।
क्रिसिल इनक्सुसिक्स एक सूचांकक है जो वित्तीय सेवाओं की तीन बुनियादी मानकों को जोड़ती है –शाखा पैठ, जमा धन पैठ एवं क्रेडिट पैठ। किसी राज्य के 100 स्कोर होना इन तीनों मानकों की आदर्श स्थिति दर्शाता है।
क्रिसिल के लिए पहली बार सूचकांक की गणना में माइक्रो-फाइनेंस संस्थानों (एमएफआई) से जिलावार डेटा शामिल किया है। इस सूचकांक के तहत 35 राज्यों के 652 ज़िले एवं संघ शासित प्रदेशों को शामिल किया गया है।
वित्तीय समावेशन में तेजी
बैंक सेवाओं का प्रसार
वित्तीय वर्ष 2013 में कम से कम 117 मिलियन बचत बैंक खाते खोले गए हैं। यह आकंड़े पिछले वर्ष की तुलना में 50 फीसदी अधिक हैं। साल 2012 में करीब 79 मिलियन बैंक खाते खोले गए थे। साल 2013 के अंत तक देश में कुल ऑपरेटिव बैंक खातों की संख्या 820 मिलियन थी। वहीं साल 2012 के अंत यह संख्या 703 मिलियान दर्ज की गई थी। यनि एक साल के भीतर इन आकंड़ों में 17 फीसदी की वृद्धी देखी गई है जोकि पिछले चार सालों में सबसे बेहतर रहा है।
हालांकि छोटे ऋण लेने की खातों में कमी के कारण क्रेडिट खातों में कुछ गिरावट दर्ज की गई है। साल 2012 के अंत तक क्रेडिट खातों क संख्या 109 मिलियन दर्ज क गई थी जबकि 2013 में यह संख्या गिरकर 102 मिलियन हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार “मुख्य रुप से गिरावट पांच मेट्रो ज़िले: दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, मुबंई उपनगरीय, शहरी बंगलुरु में देखा गया है।निष्क्रिय क्रेडिट कार्ड खातों के बंद करना इसका एक कारण माना जा सकता है।”
दक्षिण राज्य आगे: उत्तर-पूर्वी सबसे पीछे
40 फीसदी बैंक ऋण खातों में वृद्धि के साथ जम्मू एवं कश्मीर के उत्तरी इलाके की इनक्लूसिक्स स्कोर में 45.2 का सुधार दर्ज किया गया है। राज्य में 61.6 एवं 56.3का जमा एवं ब्रांच स्कोर भी दर्ज किया गया है।
एमएफआई को बड़ी संख्या में शामिल करने के साथ पश्चिम बंगाल के इनक्लूसिक्स स्कोर में 46.6 का सुधार दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि सूचांकक में बंगाल में बंधन फाइनेंशियल सर्विसेज जिसके जल्द ही एक बैंक बनने की संभावना है, को भी शामिल किया गया है।
एमएफआई की उपस्थिति की वजह से उत्तर-पूर्वी राज्यों के इनक्लूसिक्स स्कोर में 39.7 का सुधार दर्ज किया गया है।
कैसे दक्षिण है समावेश में आगे
652 ज़िलों में से केवल 255 ज़िलो का स्कोर सम्पूर्ण भारत के 5.0 स्कोर से अधिक दर्ज किया गया है।
दक्षिण भारत के 107 ज़िलों में से 104 ज़िलों का इनक्लूसिक्स स्कोर भारत की औसत स्कोर से अधिक है।
नौं ज़िलों का स्कोर 100 में से 100 दर्ज किया गया है। उच्च स्कोर वाले सभी ज़िले दक्षिण में स्थित हैं। छह ज़िले: पथानामथिट्टा , अलाप्पुझा, एर्नाकुलम, कोट्टयम, तिरुवनंतपुरम, और त्रिशूर केरल में स्थित हैं जबकि कराईकल और माहे दो ज़िले पुडुचेरी में हैं और एक ज़िला कोयंबटूर, तमिलनाडु में स्थित है।
सबसे न्यूनतम स्कोर वाले कम से कम 50 में से 27 ज़िले उत्तर पूर्वी राज्यों, विशेष कर मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के हैं।
इनक्लूसिक्सस्कोर के अनुसार शीर्ष पांच राज्य / संघ शासित क्षेत्र
सबसे कम इनक्लूसिक्स स्कोर वाले पांच राज्य / संघ शासित क्षेत्र
पवन अग्रवाल , मुख्य विश्लेषणात्मक अधिकारी , क्रिसिल रेटिंग के अनुसार“उत्तर प्रदेश, बिहार और मणिपुर जैसे राज्यों में एमएफआई की सीमित उपस्थिति के कारण छोटे उधारकर्ताओं के लिए ऋण की उपलब्धता का स्तर कम हो जाता है”।
50.1 इनक्लूसिक्स स्कोर दर्शाता है कि भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अब भी औपचारिक वित्तीय सेवाओं की पहुंच से बाहर है। गौरतलब है कि इनक्लूसिक्स स्कोर के तहत जन धन योजना को नहीं लिया गया है।
रमन ओबेराय , प्रेसिडेंट ( कॉरपोरेट अफेयर्स ), क्रिसिल ने कहा कि“हमउम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री द्वारा जन धन योजना जैसे कदम उठाए जाने सेवित्तीय समावेशन में सुधार होगा, जिसे इनक्लूसिक्स एवं विभेदित बैंकिंग लाइसेंस के इस संस्करण में शामिल नहीं किया गया है। जन धन योजना के तहत 140 मिलियन नए बचत खाते खोले गए हैं जिसके जोड़े जाने से 2015 के इनक्लूसिक्स स्कोर में सुधार होगा”।
Parameters & Measures Used By CRISIL To Measure Financial Inclusion | |||
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Parameter | Measure | Significance | |
Branch Penetration | No. of branches per lakh of population in a district | Measures the ease with which people in a particular territory can access financial services | |
Credit Penetration | No. of loan accounts per lakh of population in a district | Measures the extent of access to loan products offered in a particular territory | |
No. of small-borrower loan accounts as defined by RBI per lakh of population in a district (small borrowers are borrowers with a sanctioned credit limit of up to Rs 2 lakh) | Measures access to credit for small borrowers, who typically face financial non-inclusion | ||
No. of agricultural advances per lakh of population in a district | Measures farmers' access to credit | ||
Deposit Penetration | No. of savings accounts per lakh of population in a district | Measures the extent of access to savings products offered by banks in a particular territory |
Source: CRISIL
यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 16 जुलाई 15 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
Image Credit: Flickr/McKay Savage
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