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वर्ष 2015 में, राज्य सभा की तुलना में लोकसभा का प्रदर्शन बेहतर रहा है। इसका कारण लोक सभा में सत्तारुढ़ पार्टी, भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) का बहुमत होना है।

विधायी अनुसंधान संगठन, पीआरएस के अनुसार, 1952 के बाद भारत में यह पहली निर्वाचित सरकार है जब राज्यसभा की तुलना में लोकसभा अधिक उत्पादक रही है।

लोकसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के 50 फीसदी से भी अधिक सदस्य ( 543 में से 282 ) एवं राज्यसभा में 250 में से 48 भजपा के सदस्य होने के साथ इसकी प्रवृति स्पष्ट है।

बजट सत्र सबसे अधिक उत्पादक एवं मानसून सत्र सबसे कम उत्पादक पाया गया है।

सत्र अनुसार संसद में पारित बिल, 2015

बजट सत्र के दौरान, लोकसभा एवं राज्यसभा में 24 बिल पारित किए गए हैं। भाजपा मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण, राज्यसभा के मानसून सत्र के दौरान केवल दो बिल पारित किए गए हैं।

खुली चर्चा के बगैर, संसद द्वारा कई बिल पारित किए गए हैं।

IndiaSpend इस साल पारित महत्वपूर्ण विधेयकों पर इंडियास्पेंड ने चर्चा की है।

पांच महत्वपूर्ण विधेयक जिन्हें दोनों सदनों से हरी झंडी दिखाई गई

Five important bills that sailed through both houses

पांच महत्वपूर्ण विधेयक जो इस वर्ष भी लटके

Five important bills that did not cross the mark

( वाघमारे इंडियास्पेंड के साथ नीति विश्लेषक हैं। )

यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 28 दिसम्बर 2015 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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