महाराष्ट्र का विभाजन: विदर्भ = सर्बिया; कोंकण = क्यूबा
विदर्भ ज़िले के वाशिम क्षेत्र में सूखे हुए दाल के खेत। विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र में लगातार सूखा पड़ने से अलग राज्य पर बहस छिड़ गई है।
* पांच ज़िले तो अमरावती क्षेत्र, पिछड़े विदर्भ का एक हिस्सा बनाते हैं, उनका सकल जिले घरेलू उत्पाद (जीडीडीपी) (51,947 करोड़ रुपए) महाराष्ट्र के वित्त वर्ष 2013-14 में सबसे कम था; हालाकि यह इसी वर्ष में जम्मू-कश्मिर से अधिक (45,847 करोड़ रुपए) रहा है।
* मराठवाड़ा का सकल घरेलू उत्पाद (83765 करोड़ रुपये), आठ सूखा प्रभावित ज़िले, 2013-14 में उत्तराखंड (70926 करोड़ रुपए) से अधिक था।
ऐसे शक्तिशाली क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं के साथ – यहां तक कि पिछले क्षेत्रों में भी - महाराष्ट्र भारत का सबसे समृद्ध राज्य है। यदि आंकड़ों पर नज़र डालें तो महाराष्ट्र का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 148.2 बिलियन डॉलर (2004-05 की निरंतर कीमतों पर) है जोकि लगभग पाकिस्तान (2005 की कीमतों पर 150 बिलियन डॉलर) के बराबर है।
फिर भी, महाराष्ट्र के समग्र आर्थिक शक्ति, विशाल असमानताओं को छुपाता है। यहां देश के कुछ सबसे गरीब लोग हैं, इसके 36 जिलों में से चार भारत के 106 सबसे पिछड़े ज़िलों में से हैं और कुछ जिले जैसे कि अमीर मुंबई के दरवाजे पर ग्रामीण ठाणे में कुछ इलाके हैं जहां अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा (2009 आंकड़े) की तुलना में 30 फीसदी बच्चे (2009 में, पिछला उपलब्ध आंकड़ा) कुपोषण से ग्रसित हैं।
इसलिए, महाराष्ट्र विभाजन पर एक पुरानी बहस - 112 मिलियन की आबादी के साथ भारत का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला राज्य - पिछले सप्ताह फिर से सक्रिय हुआ जब वरिष्ठ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता एमजी वैद्य ने कहा कि विभाजन से राज्य अधिक योग्य तरीके से शासित होगा।
Maharashtra should be divided, says senior #RSS leader https://t.co/TBKXYePjHq pic.twitter.com/KfEGw30yER
— scroll.in (@scroll_in) March 23, 2016
वैद्य महाराष्ट्र के पूर्व महाधिवक्ता श्रीहरि अने का समर्थन करते हैं जिनका सुझाव है कि मराठवाड़ा के लोगों को अपने अलग राज्य मिलना चाहिए। ऐसी टिप्पणियों के लिए, अने को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पद छोड़ने के लिए कहा था।
22 राज्यों में कोंकण की अर्थव्यवस्था चौथी, मराठवाड़ा की 22 होगी
भारत के शेष 28 राज्यों के साथ, यदि हम महाराष्ट्र के पांच क्षेत्रों - कोंकण, पुणे, नासिक, मराठवाड़ा और विदर्भ - को व्यवस्थित करें तो कोंकण चौथे स्थान पर आएगा।
Amaravati and Nagpur regions together form Vidarbha.
समृद्धि के अनुसार राज्य के पांच क्षेत्रों की हमारी रिपोर्ट –
कोंकण क्षेत्र
क्षेत्र: 30,746 वर्ग किलोमीटर; छह ज़िले (मुंबई, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग और पालघर)
जनसंख्या: 28.6 मिलियन (286 लाख)। यदि यह एक राज्य होता तो जनसंख्या अनुसार यह, पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर से अधिक लोगों के साथ, 15वें स्थान (28 राज्यों में) पर होता।
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी): 373,959 करोड़ रुपए (61.8 बिलियन डॉलर), महाराष्ट्र के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 41 फीसदी की हिस्सेदारी है।
एक राज्य के रूप में, कोंकण पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और राजस्थान की तुलना में समृद्ध होगा और क्यूबा जैसे देशों के साथ कतार में होगा और पड़ोसी देश श्रीलंका से अधिक जीडीपी होगा।
प्रोफाइल: कोंकण क्षेत्र, पश्चिमी तट के साथ, महाराष्ट्र के सर्वाधिक आबादी वाले और समृद्ध क्षेत्र है। इस क्षेत्र की राजधानी मुंबई - भारत की वित्तीय, बैंकिंग और मनोरंजन उद्योग का ठिकाना – राज्य का सबसे समृद्ध ज़िला है। पड़ोसी ठाणे जिला, भारत के सर्वोच्च प्रति व्यक्ति आय में से एक है। यह क्षेत्र अपनी अलफांसो आम और तटीय मत्स्य पालन के लिए जाना जाता है।
विदर्भ
क्षेत्र : 97,321 वर्ग किलोमीटर; दो क्षेत्रों में 11 जिले - अमरावती (बुलढाना, अकोला, वाशिम, अमरावती और यवतमाल जिले) और नागपुर (वर्धा, नागपुर, भंडारा, गोंदिया, चंद्रपुर और गढ़चिरौली)।
जनसंख्या: 23 मिलियन (230 लाख)। यदि यह एक राज्य होता तो इस आबादी के साथ, जम्मू -कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से अधिक लोगों के साथ इसका 18वां स्थान (28 राज्यों में) होता।
सकल घरेलू उत्पाद: 132,750 करोड़ रुपए (21.9 बिलियन डॉलर), महाराष्ट्र के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 14.8 फीसदी की हिस्सेदारी है।
एक राज्य के रूप में, विदर्भ ओडिशा और पंजाब से गरीब राज्य होगा और कैमरून, सर्बिया और तंजानिया के साथ कतार में होगा।
प्रोफाइल: महाराष्ट्र का पूर्वी क्षेत्र, ज्यादातर कपास किसानों द्वारा आत्महत्या के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बदनामी हासिल की है। इससे पहले बरार की रियासत, विदर्भ में बड़े पैमाने पर कपास, ज्वार, सोयाबीन और उसके मुख्य कृषि उत्पादन दालों के साथ बड़े पैमाने पर कृषि प्रधान है। यवतमाल, चंद्रपुर और गढ़चिरौली भारत के पिछड़े ज़िलों में से हैं और माओवादी उग्रवाद से विखंडित क्षेत्र हैं।
नासिक क्षेत्र
क्षेत्र : 57,806 वर्ग किलोमीटर; पांच जिले (नासिक, धुले, नंदुरबार, जलगांव और अहमदनगर)
जनसंख्या: 18.5 मिलियन (185 लाख)। यदि यह एक राज्य होता तो दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र हिमाचल प्रदेश और जम्मू एवं कश्मीर से अधिक लोगों के साथ यह 19वें स्थान (28 राज्यों में) पर होता।
सकल घरेलू उत्पाद: 104,594 करोड़ रुपए (15.7 बिलियन डॉलर), महाराष्ट्र के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 11.6 फीसदी की हिस्सेदारी है।
एक राज्य के रूप में, नासिक क्षेत्र, झारखंड के बराबर होगा लेकिन छत्तीसगढ़ से गरीब होगा एवं बोत्सवाना और बोलीविया के साथ-साथ कतार में होगा।
प्रोफाइल: नासिक क्षेत्र अपनी कृषि प्रसंस्करण उद्योगों, विशेष रूप से शराब के लिए जाना जाता है। भारत के 46 शराब बनाने के स्थान में से 43 महाराष्ट्र में हैं जिसमें से 22 नासिक के आस-पास हैं।
पुणे क्षेत्र
क्षेत्र: 57,054 वर्ग किलोमीटर; पांच जिले (पुणे, सतारा, सांगली, सोलापुर और कोल्हापुर)
जनसंख्या: 2.34 मिलियन (23.4 लाख)। यदि यह एक राज्य होता तो जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से भी अधिक लोगों के साथ यह 18 वें (28 राज्य में) स्थान पर होता।
जीडीडीपी : 201,700 करोड़ रुपए (33.3 बिलियन डॉलर), महाराष्ट्र के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 22.4 फीसदी की हिस्सेदारी है।
एक राज्य के रूप में, पुणे क्षेत्र, नए राज्य तेलंगाना और केरल की तुलना में गरीब होगा, और लेबनान और बुल्गारिया के साथ कतार में होगा।
प्रोफाइल: क्षेत्र महाराष्ट्र के चीनी बेल्ट के रूप में जाना जाता है; यह भारत में गन्ने का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी के प्रसंस्करण क्षमता परिचालन करता है।
मराठवाड़ा
क्षेत्र: 64,590 वर्ग किलोमीटर; आठ जिलs (औरंगाबाद, जालना, परभणी, हिंगोली, बीड, नांदेड़, उस्मानाबाद और लातूर)।
जनसंख्या: 18.7 मिलियन (187 लाख)। यदि यह एक राज्य होता तो जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से भी अधिक लोगों के साथ यह 18 वें स्थान (28 राज्यों में) पर होता।
जीडीडीपी : 83,765 करोड़ रुपए (13.8 बिलियन डॉलर), महाराष्ट्र के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 9.3 फीसदी की हिस्सेदारी।
एक राज्य के रूप में, मराठवाड़ा छत्तीसगढ़ और असम से गरीब होगा, और बोस्निया, अफगानिस्तान और पराग्वे के साथ कतार में होगा।
प्रोफाइल: क्षेत्र अपनी सूखे के लिए जाना जाता है। यह विदर्भ के बाद राज्य में सबसे अविकसित क्षेत्र है। किसानों द्वारा आत्महत्या करने के मामले में वदर्भ के बाद सबसे अधिक संख्या मराठवाड़ा में दर्ज की गई है।
(In $ billion) | |||||||
Konkan region | 373,959 | 61.8 | West Bengal | 371,795 | 61.5 | Cuba | 60.2 |
Nashik region | 104,594 | 17.3 | Chhattisgarh | 95,262 | 15.7 | Yemen | 18.1 |
Pune region | 201,700 | 33.3 | Telangana | 206,427 | 34.1 | Lebanon | 32.3 |
Marathwada | 83,765 | 13.8 | Manipur | 86,862 | 14.4 | Paraguay | 13.1 |
Vidarbha | 132,750 | 21.9 | Odisha | 137,468 | 22.7 | Cameroon | 22 |
Maharashtra | 896,767 | 148.2 | Pakistan | 143.7 |
क्यों छोटे राज्य कर रहे हैं बेहतर प्रदर्शन
बड़े राज्यों की तुलना में बड़े राज्य बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, राज्यों की प्रगति का विश्लेषण करते हुए इंडियास्पेंड ने पहले भी बताया है।
बैन एंड कंपनी, एक परामर्श के निखिल ओझा ने हाल ही में मिंट में लिखा है कि बड़े राज्यों में से छोटे राज्यों को निकाल कर बेहतर शासन किया जा सकता है क्योंकि इससे प्रशासकों को, समस्याएं छुपाने की बजाय क्षेत्र की सही तस्वीर मिलती है।
रघुराम राजन, अब भारत के गवर्नर रिजर्व बैंक द्वारा 2013 की एक रिपोर्ट के अनुसार उदाहरण के लिए, उत्तराखंड भारत के टॉप छह अपेक्षाकृत विकसित राज्यों में था; इसका मूल राज्य, उत्तर प्रदेश, देश के सबसे कम विकसित राज्यों में था।
ओडिशा सबसे कम विकसित राज्य के रूप में सबसे ऊपर है, इसके बाद बिहार एवं मध्य प्रदेश का स्थान है।
गोवा अपेक्षाकृत सबसे विकसित राज्य है, इसके बाद केरल एवं तमिलनाडु का स्थान है।
नोट: सभी जनसंख्या के आंकड़े 2011 की जनगणना से हैं। सकल घरेलू उत्पाद आंकड़े 2013-14 के है, सभी आर्थिक तुलना के लिए आधार वर्ष हैं।
यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 2 अप्रैल 2016 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
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