59% बिहार विधायकों पर आपराधिक मामले
* नए बिहार विधानसभा के कुल विधायकों में से 143 ( 59 फीसदी ) विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं एवं 96 विधायकों पर हत्या, अपहरण सहित कई गंभीर मामले दर्ज हैं।
* जिन विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं उनमें से 12 विधायकों पर हत्या का आरोप है, 26 पर हत्या के प्रयास, नौ पर अपहरण एवं 13 विधायकों पर जबरन वसूली करने के आरोप हैं।
लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल ( आरजेडी ) में ( जो इस चुनाव में 80 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रुप में उभरी है ) ऐसे विधायकों ( 49 ) की संख्या सबसे अधिक है जिनके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं।
आरजेडी के बाद सबसे अधिक लंबित आपराधिक मामले जनता दल ( यू ) के विधायकों के खिलाफ दर्ज हैं जोकि महागठबंधन में आरजेडी का प्रमुख सहयोगी है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर), चुनावी और शासन सुधारों पर काम कर रहे एक गैर लाभकारी संस्था के प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 243 सीटों वाली विधानसभा के लिए 3450 उम्मीदवारों द्वारा दायर हलफनामे के विश्लेषण से पता चला है कि 1038 (30 फीसदी) उम्मीदवारों खिलाफ आपराधिक मामले घोषित हुए हैं।
कम से कम 769 ( 23 फीसदी ) उम्मीदवारों ने हत्या, हत्या के प्रयास, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार सहित कई अन्य आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
पार्टी अनुसार आपराधिक मामलों के साथ उम्मीदवारों का प्रदर्शन
Source: Association for Democratic Reforms, Election Commission of India
भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) के चुनावी मैदान में उतरे 157 उम्मीदवारों में से कम से कम 95 ( 61 फीसदी ) एवं जनता दल ( यू ) के 101 उम्मीदवारों में से 58 ( 57 फीसदी ) उम्मीवारों ने खद पर लगे आपराधिक मामलों की घोषणा की है।
आरजेडी के चुनावी मैदान में उतरे 101 उम्मीदवारों में से कम से कम 61 ( 60 फीसदी ) उम्मीदवारों, कांग्रेस के 41 में से 23 ( 56 फीसदी ), एवं स्वतंत्र रुप से उतरे 1,150 में से 259 ( 23 फीसदी ) उम्मीदवारों से दायर किए गए हलफनामें में खुद पर आपराधिक मामले की घोषणा की है।
पार्टी अनुसार गंभीर आपराधिक आरोप के साथ उम्मीदवारों का प्रदर्शन
Source: Association for Democratic Reforms, Election Commission of India
हत्या एवं हत्या के प्रयास जैसे गंभीर आपराधिक आरोप सबसे अधिक आरजेडी के विधायकों के खिलाफ दर्ज है। आरजेडी में ऐसे विधायकों की संख्या 31 है। इस संबंध में जनता दल ( यू ) भी अधिक पीछे नहीं है। जनता दल ( यू ) में 24 विधायकों पर गंभीर आपराधिक आरोप दर्ज हैं।
कम से कम 89 उम्मीदवारों पर हत्या से संबंधित आरोप ( भारतीय दंड संहिता की धारा -302 ), एवं 238 उम्मीदवारों पर हत्या के प्रयास (आईपीसी की धारा -307 ) से संबंधित अपराध घोषित हैं।
कुमहरार क्षेत्र से स्वतंत्र रुप से चुनाव लड़ने वाले अजय कुमार ने अपने हलफनामे में हत्या से संबंधित आठ मामले घोषित किया है। अजय कुमार इस क्षेत्र से चुनाव हार गए हैं।
शाहपुर क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार विशेश्वर ओझा ने हत्या के प्रयास से संबंधित (आईपीसी की धारा -307 ) 10 मामलों की घोषणा की है। हालांकि ओझा 54,000 मतों के साथ क्षेत्र में दूसरे स्थान पर रहे। इस क्षेत्र में आरजेडी के राहुत तिवारी ने 69,000 वोटों के साथ चुनाव जीता है।
करोड़पति विधायक
भाजपा के 157 उम्मीदवारों में से कम से कम 105 ( 67 फीसदी ), जनता दल ( यू ) के 101 उम्मीदवारों में से 76 ( 75 फीसदी ), आरजेडी के 101 उम्मीदवारों में से 66 ( 65 फीसदी ), कांग्रेस के 41 उम्मीदवारों में से 25 ( 61 फीसदी ) एवं स्वतंत्र रुप से चुनाव लड़ने वाले 1,150 उम्मीदवारों में से 229 ( 20 फीसदी ) उम्मीदवारों ने 1 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति की घोषणा की है।
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने वालों की प्रति उम्मीदवारों औसत संपत्ति 1.44 करोड़ रुपये है।
157 भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रति उम्मीदवार औसत संपत्ति 2.74 करोड़ रुपये था।
101 जनता दल (यू) के उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 2.7 करोड़ रुपए की है जबकि 41 कांग्रेस उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3.90 करोड़ रुपये है।
101 आरजेडी उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3.25 करोड़ रुपये है जबकि 1,150 निर्दलीय उम्मीदवारों की 1.83 करोड़ रुपए की औसत संपत्ति है।
Wealthiest MLAs of 2015 Bihar Assembly | ||
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Name | Constituency (Party) | Wealth* |
Poonam Devi Yadav | Khagaria (JDU) | 41.3 |
Ajeet Sharma | Bhagalpur (Congress) | 40.6 |
Jai Vardan Yadav | Paliganj (RJD) | 16.9 |
Poornima Yadav | Gobindpur (Congress) | 16.1 |
Vijay Kumar Sinha | Lakhisarai (BJP) | 15.6 |
Source: Association for Democratic Reforms, Election Commission of India; * Total assets in Rs crore
( सालवे एवं तिवारी इंडियास्पेंड के साथ नीति विश्लेषक हैं।)
यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 10 नवंबर 2015 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
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