प्रयागराज। लगभग 18 साल के रमन कुंभ मेला में प‍िछले डेढ़ महीने से शुगर कैंडी बेच रहे हैं। मूलत: फरूखाबाद का रहने वाला ये युवा मेले में ही बने एक टेंट में रहता है। रोज सुबह उठना, द‍िनभर के ल‍िए शुगर कैंडी बनाना और फ‍िर मेले में न‍िकल जाना। रोज का काम यही है।

“कुंभ मेले में चार से पांच हजार रुपए की कमाई रोज हो जाती है।” रमन खुश होते हुए अपनी कमाई पर बात करते हैं। “मैं मेला ही घूमता रहता हूं। लेकिन ज‍ितनी कमाई कुंभ में हो रही, इतनी कहीं नहीं हुई।”

इन पैसों का क्‍या करोगे? “बहन की शादी करनी है। ज‍िसने पैदा किया, उस मां को खुश रखना है। कुंभ मेला खत्‍म होने के बाद फ‍िर क‍िसी दूसरे मेले में जाऊंगा। लेकिन ऐसी कमाई मुश्‍किल है। मैं तो चाहता हूं कि ये मेला कुछ द‍िन और चले।” रमन आगे कहते हैं।

महाकुंभ 2025 अब समाप्‍त‍ि की ओर है। सरकार के दावों के मुताब‍िक 14 जनवरी से शुरू हुए मेले में अब तक 50 करोड़ से ज्‍यादा लोग शामिल हो चुके हैं। मेले का समापन 26 फरवरी को होगा। मेला अस्‍थाई रोजगार भी लेकर आया है। इंड‍ियास्‍पेंड ह‍िंदी की टीम ने कुछ ऐसे लोगों से बात कि जो दूसरे राज्‍य, दूसरे ज‍िलों से आकर अलग-अलग तरह के काम करके कमाई कर रहे हैं।

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की र‍िपोर्ट के अनुसार भारत में बेरोजगारी दर मई 2024 में 7 प्रतिशत से बढ़कर जून 2024 में 9.2 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। शहरी भारत के साथ-साथ ग्रामीण भारत में भी बेरोजगारी दर में वृद्धि हुई है। ग्रामीण बेरोजगारी दर मई में 6.3 प्रतिशत से बढ़कर जून में 9.3 प्रतिशत हो गई। शहरी बेरोजगारी दर 8.6 प्रतिशत से बढ़कर 8.9 प्रतिशत हो गई।

सीएमआईई एक स्वतंत्र निजी इकाई है जो आर्थिक थिंक-टैंक के साथ-साथ एक व्यावसायिक सूचना कंपनी के रूप में भी काम करती है।

मेला शुरू होने से पहले एनएलबी सर्विसेज की रिपोर्ट के हवाले से दावा किया गया था कि 45 दिवसीय महाकुंभ 2025 में अनुमानित 1.2 मिलियन (12 लाख) गिग और अस्थायी नौकरियां पैदा होंगी, जिससे विभिन्न क्षेत्रों के आठ लाख से ज्यादा कामगारों को फायदा होगा।

एनएलबी सर्विसेज के सीईओ सचिन अलुग ने मेला शुरू होने से पहले दावा किया था कि 13 जनवरी से शुरू हुआ और 26 फरवरी को समाप्त होने वाला महाकुंभ, विभिन्न क्षेत्रों में 12 लाख गिग और अस्थायी नौकरियां पैदा करने की उम्मीद है। वैश्विक प्रौद्योगिकी और डिजिटल प्रतिभा समाधान प्रदाता एनएलबी सर्विसेज के अवलोकन आंतरिक डेटा विश्लेषण और उद्योग रिपोर्टों पर आधारित हैं।

अकेले पर्यटन और आतिथ्य उद्योग में, लगभग 4.5 लाख नौकरियों का अनुमान है, जिसमें होटल स्टाफ, टूर गाइड, पोर्टर, ट्रैवल कंसल्टेंट और इवेंट कोऑर्डिनेटर जैसी भूमिकाएं शामिल हैं, ताकि आगंतुकों की भारी आमद का प्रबंधन किया जा सके, अलग ने कहा।