ड्रोन दीदी बन अपने सपनों को उड़ान देने वालीं सुनीता बावा की कहानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुरस्कार पा चुकीं सुनीता बावा का सपना है कि वह अपने बच्चों को पायलट बनाएं। जो वह खुद नहीं कर सकीं, बच्चे करके दिखाएं।
लखीमपुर। हाईस्कूल पास सुनीता देश की उन तीन महिलाओं में शामिल हैं जिन्हें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च 2024 को नई दिल्ली में सम्मानित किया।
उत्तर प्रदेश के जिला लखीमपुर के गांव जमुनिया शाहबाज में की सुनीता बावा ड्रोन दीदी हैं। नमो ड्रोन दीदी स्कीम की शुरुआत 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इसके तहत स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं 15,000 महिलाओं को ड्रोन उडाने की ट्रेनिंग दी जायेगी। इस योजना को देशभर के कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के जरिये लागू किया जाएगा। योजना के तहत महिलाओं को ड्रोन उड़ाने, डेटा विश्लेषण और ड्रोन के रखरखाव के बारे में ट्रेनिंग दी जाती है। उन्हें ड्रोन का इस्तेमाल करके अलग-अलग कृषि कार्यों के लिए भी प्रशिक्षित किया जाता है। इनमें फसलों की निगरानी, कीटनाशकों और उर्वरकों का छिड़काव और बीज बुआई शामिल है। इस योजना के लिए कुल 1,261 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुरस्कार पा चुकीं सुनीता बावा का सपना है कि वह अपने बच्चों को पायलट बनाएं। जो वह खुद नहीं कर सकीं, बच्चे करके दिखाएं। सुनीता बताती हैं कि पहले वह गृहिणी थीं। घर के कामकाजों में व्यस्त रहती थीं। लेकिन अब वे अपने पैरों पर खड़ी हैं। सुनीता को भारत की सबसे बड़ी रासायनिक खाद की फैक्ट्री इफको की तरफ से 30 लाख का ड्रोन और बैटरी रिक्शा मिला है। ड्रोन खेती के कामों में मददगार साबित हो रहा है और पानी की भी बचत हो रही है। ड्रोन दीदी सुनीता अब तक 250 एकड़ फसल में युरिया का छिड़काव कर चुकी हैं जिससे अब तक वे अच्छी आय भी अर्जित कर चुकी हैं।
बतौर ड्रोन दीदी, सुनीता की अब तक की यात्रा कैसी रही, देखिए पूरा वीडियो।