श्रीनगर। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दो महीने बाद, कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र में थोड़ा सुधार तो द‍िख रहा। लेक‍िन अभी भी हालात पहले जैसे नहीं हैं। पर्यटकों की संख्या पहले की तुलना में कम है। लेकिन स्थानीय व्यवसायी उम्‍मीद कर रहे हैं क‍ि आने वाले समय में स्‍थ‍ित‍ि सुधरेगी।

मेराजुद्दीन प‍िछले दो दशकों से अधिक समय से श्रीनगर में अपनी कार चलाते हैं। वे बताते हैं क‍ि पहले तो मई, जून के महीनों में वे द‍िनभर गाड़ी चलाते थे। लेक‍िन इस बार हालात दूसरे हैं।

"पहलगाम हमले के बाद से पर्यटक बहुत कम हो गये हैं। शायद उनमें डर बैठ गया है। कम 10 से 12% ही रह गया है। बच्‍चों की फीस, लोन की ईएमआई भरने में द‍िक्‍कत हो रही है। लेक‍िन हमें उम्‍मीद है क‍ि आने वाले समय में ये तस्‍वीर भी बदलेगी।" वे आगे कहते हैं।

पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुआ हमला ऐसे समय में हुआ जब घाटी में पर्यटन कारोबार में तेजी आ रही थी। हमले के कारण पर्यटकों ने बड़े पैमाने पर अपनी यात्राएँ रद्द कर दीं, जिससे अग्रिम बुकिंग प्रभावित हुई। जम्मू और कश्मीर के पर्यटन विभाग के अनुसार, 2024 में जम्मू और कश्मीर में पर्यटकों की संख्या लगभग 35 लाख थी, जो 2023 में 27 लाख और 2022 में 26 लाख से अधिक थी। 2025 के पहले तीन महीनों में लगभग 5 लाख पर्यटक इस क्षेत्र में आए।

हमले के दो महीने बाद, कश्मीर में पर्यटन फिर से अपने पैर जमा रहा है, हालांकि इसकी रफ्तार बहुत धीमी है। धीरे-धीरे।

र‍ियाज भाई गुलमर्ग में लगभग 20 वर्षों से ढाबा चला रहे हैं। वे बताते हैं, "2019 से पर्यटकों की संख्‍या बढ़ रही थी। प‍िछले एक-दो वर्षों में स्‍थ‍ित‍ि बहुत अच्‍छी हो गई थी। लेक‍िन पहलगाम हमले के बाद से हालत खराब है। घाटी में पर्यटक न के बाराबर है। अब हालात सुधरने में बहुत वक्‍त लगेगा।"

"हम तो चाहते हैं क‍ि पर्यटक आएं। हम उनका स्‍वागत करना चाहते हैं।" वे आगे कहते हैं।

घाटी में पर्यटन की मौजूदा स्‍थ‍ित‍ि को लेकर देख‍िये ये ग्राउंड र‍िपोर्ट