हिमाचल प्रदेश को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए मैदान में ‘वॉरियर्स’
पहाड़ों को स्वच्छ और साफ सुथरा रखना कई वजहों से मुश्किल हो जाता है। खासकर कचर प्रबंधन। ऐसे में हिमाचल प्रदेश में ग्राम प्रधानों की कोशिशों से कचरा प्रबंधन और स्वच्छता प्रणाली काफी बेहतर हो गई है। लेकिन यह सब हो कैसे रहा, क्या है ये पहल, देखिये पूरी स्टोरी।
बीड़/धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश के प्रमुख पर्यटक केंद्रों बीड़ और ग्रामीण धर्मशाला में कचरा प्रबंधन प्रणाली के अभाव में पिछले दशक से कचरा उत्पादन में काफी बढ़ोतरी हुई है। लेकिन प्रधानों के हस्तक्षेप और समाधान के लिए स्थानीय लोगों से संपर्क के बाद स्थिति में सुधार हो रहा है। जहां पहले गांव की प्राकृतिक जलधाराएं जाम हो जाती थीं, कचरे से भरी रहती थीं, अब वे अधिक स्वच्छ होकर बह रही हैं।
भारतीय हिमालयी राज्यों में 400 मिलियन से अधिक पर्यटकों की आमद प्रभावी कचरा प्रबंधन की तत्काल आवश्यकता को उजागर करती है। हिमाचल प्रदेश में कचरा प्रबंधन को कई वजहों से कठिन माना जाता है। अप्रत्याशित जलवायु, कई क्षेत्रों का बहुत दूर होना और समाधान के लिए सीमित भूमि की उपलब्धता और अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा इस समस्या को और बढ़ा देते हैं।
बेहतर प्रणालिया न होने की वजह से कचरा डंपिंग और जलाने की पारंपरिक प्रथाएं जारी रहती हैं, जिससे जलवायु परिवर्तन और भी गंभीर हो जाता है। दुनिया के सबसे ऊंचे पैराग्लाइडिंग के लिए मशहूर बीड़ में महिला प्रधान स्थानीय एनजीओ, वेस्ट वॉरियर्स की मदद से प्लास्टिक आधारित सैनिटरी पैड के कम से कम इस्तेमाल को सुनिश्चित करने और कपड़े के पैड और मासिक धर्म कप के इस्तेमाल पर जोर देने के लिए मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन (एमएचएम) कार्यशालाओं का आयोजन कर रही हैं। वह स्थानीय लोगों और पर्यटकों को कम से कम या बिलकुल भी कार्बन फुटप्रिंट न छोड़ने के लिए जागरूक करने के लिए सफाई अभियान भी चला रही हैं।
पर्यावरण के प्रति संवेदनशील भारतीय हिमालयी क्षेत्र के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम) के क्षेत्र में प्रणालीगत बदलाव पर ध्यान केंद्रित करते हुए वेस्ट वॉरियर्स स्थायी परिणामों के लिए स्थानीय समुदाय की भागीदारी और स्थानीय रोजगार के माध्यम से काम करता है।
धर्मशाला के ग्रामीण क्षेत्र रक्कड़ में प्रधान ने नाममात्र शुल्क के साथ घर-घर जाकर कचरा इकट्ठा करने के लिए महिला मंडल और स्वच्छता समूह का गठन किया है जिसे वेस्ट वॉरियर्स द्वारा निगरानी किए गए पृथक्करण केंद्रों द्वारा अलग किया जाता है।
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