लखनऊ। “मुझे तो गांव में क‍िसी ने बताया था क‍ि यहां सारी जांचें फ्री में होती हैं। कई द‍िन से बुखार आ रहा है। डॉक्‍टर ने मलेर‍िया का टेस्‍ट कराने के ल‍िए कहा तो यहां आ गया। लेक‍िन यहां तो बस ब्‍लड प्रेशर की जांच हो रही है।” इतना कहते-कहते ल‍लित गौड़ अपनी बाइक की क‍िक‍ मारते हैं और मलेरिया रैपिड एंटीजन टेस्ट जांच कराने के लिए लखनऊ शहर की ओर चल देते हैं।

ग्‍वारी गांव में रहने वाले ललित (38) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर व‍िस्‍तार में लगे हेल्‍थ एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) से जांच कराने आए थे जो यहां के सामुदाय‍िक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र में लगाया गया है। लेकिन वे जब पहुंचे तो उन्‍हें पता चला क‍ि यहां अभी ब्‍लड प्रेशर जैसी सामान्‍य जांच ही हो रही हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ ने 14 स‍ितंबर 2022 को गोरखपुर में कहा था क‍ि अगले तीन महीने में प्रदेश के 4,600 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो में हेल्‍थ एटीएम लगाने का प्रयास है। 12 द‍िसंबर को सीएम ऑफ‍िस के ट्वीटर हैंडल से एक ट्वीट कर बताया गया क‍ि हेल्‍थ एटीएम से 63 प्रकार की जांचें हो सकेंगी, वह भी चंद म‍िनटों में। इस ट्वीट में एक राष्ट्रीय हिंदी अखबार की कट‍िंग भी संलग्न की गई थी।

सीएम योगी के कहे अनुसार अगर तीन महीने का समय माना जाये तो 15 द‍िसंबर 2022 तक प्रदेश के 4,600 सामुदायि‍क स्‍वास्‍थ्य केंद्रों में हेल्‍थ एटीएम लग जाने चाह‍िए थे। इंड‍ियास्‍पेंड हिंदी ने राजधानी लखनऊ सहित कई दूसरे जिलों में लग चुके कुछ हेल्थ एटीएम की मौजूदा स्‍थ‍ित‍ि को जानने, समझने की कोशिश की।

लखनऊ के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) और हेल्‍थ एटीएम योजना के नोडल अध‍िकारी डॉक्‍टर अनूप श्रीवास्‍तव बताते हैं क‍ि बैंक में ऑटोमेटेड टेलर मशीन (एटीएम) की तरह हेल्थ एटीएम एक टच-स्क्रीन कियोस्क हार्डवेयर है जिसे स्वास्थ्य संबंधी जांचों के लिए डिजाइन किया गया है। सरल शब्दों में समझें तो यह एक ऐसी मशीन है जो एक व्यक्ति से जुड़ी कई स्‍वास्‍थ संबंधी जांच कर उनकी डॉक्टरों के साथ बातचीत करने में मदद कर सकती है। एक हेल्थ एटीएम 15 मिनट में 23 बीमारियों की जांच कर सकता है।

लखनऊ के गोमती नगर में लगा हेल्‍थ एटीएम।

वे आगे कहते हैं कि चूंकि यह मशीन मरीजों को डॉक्टरों से भी जोड़ेगी, ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए यह काफी कारगर साबित हो सकती है।

कहीं बिजली नदारद तो कहीं नेटवर्क:

लखनऊ, गोमनीगर के व‍िनय खंड 3 के सामुदाय‍िक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र के सामने पार्क में द‍िसंबर 2022 में एक हेल्‍थ एटीएम लगाया गया। लेकिन यहां खराब नेटवर्क होने की वजह से जांच नहीं हो पाती।

सेंटर पर जांच में लोगों की मदद के ल‍िए तैनात सहायक सर्वेश त्र‍िपाठी ने बताया, “यहां सबसे ज्‍यादा परेशानी नेटवर्क को लेकर है। आए द‍िन नेटवर्क (इंटरनेट) खराब रहता है ज‍िससे जांच नहीं हो पाती। हालांक‍ि अभी सभी जांचें शुरू नहीं हो पाई हैं।” सर्वेश ने यह नहीं बताया क‍ि निर्धारित जांचें क्‍यों नहीं हो रही हैं।

सर्वेश ने बताया क‍ि यहां उनकी तैनाती संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआईएमएस) की ओर से कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर की गई है। उनका काम स्वास्थ्य केंद्र पर आ रहे लोगों को हेल्थ एटीएम से खुद की जांच करने में मदद करना है।

गोमती नगर व‍िस्‍तार के सामुदाय‍िक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र में लगा हेल्‍थ एटीएम ब‍िजली की समस्‍या से भी जूझ रहा है। 28 मार्च को दोपहर बाद लगभग 3 बजे जब हम वहां पहुंचे तो सामुदाय‍िक स्वास्थ्य केंद्र पर भी ब‍िजली (पावर) नहीं थी। वहां मौजूद स्‍टाफ नर्स ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया, “हमारे सेंटर पर लाइट की द‍िक्‍कत है और एटीएम सेंटर को ब‍िजली यहीं से दी गई है। आए दिन लाइट काट दी जाती है। शायद ब‍िजली ब‍िल बकाया है।”

हेल्‍थ एटीएम- सरकार का दावा हे क‍ि हेल्‍थ एटीएम के जर‍िये 63 प्रकार की स्‍वास्‍थ्य संबंधी जांचें हो सकती हैं।

राजधानी लखनऊ में लखनऊ नगर न‍िगम की योजना लखनऊ स्‍मार्ट स‍िटी को ज‍िले में हेल्‍थ एटीएम लगाने की ज‍िम्‍मेदारी सौंपी गई है। स्‍मार्ट स‍िटी लखनऊ की वेबसाइट के अनुसार राजधानी लखनऊ में 33 करोड़ की लागत से हेल्‍थ एटीएम लग चुके हैं। इस लागत में अगले तीन साल तक मशीनों का रखरखाव भी होगा। लखनऊ स्‍मार्ट स‍िटी से मिली जानकारी के अनुसार कुल 100 हेल्‍थ एटीएम मशीन लगनी थी।

दावा किया जा रहा क‍ि इस मशीन से बेसिक जांच (हेल्थ स्कोर), ऊंचाई, वजन, बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स), बीएमआर (बेसल मेटाबॉलिक रेट), हाईड्रेशन, क्वालिटी स्कोर, शरीर में वसा का अनुपात, बोन मास, मेटाबॉलिक एज, मसल मास, डायस्टोलिक बीपी, सिस्टोलिक बीपी, पल्स रेट, शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा व तापमान जैसी जांचों के अलावा ईसीजी, ल‍िप‍िड प्रोफाइल टेस्‍ट, मलेर‍िया, डेंगू, शुगर आद‍ि जैसी 50 से ज्‍यादा जांचें हो सकेंगी।

लखनऊ स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंकज सिंह ने बताया, "लखनऊ में अक्‍टूबर 2022 तक ही सभी हेल्‍थ एटीएम शुरू हो जाने थे। राज्‍य में सबसे पहले लखनऊ में ही हेल्‍थ एटीएम लगाने का ऐलान हुआ था। कुल 100 एटीएम लगने थे, ज‍िनमें से लगभग 75 स्वास्थ्य एटीएम चल रहे हैं। लेकिन अभी केवल बुनियादी जांचें ही हो पा रही हैं, बाकी की जांचें भी जल्‍द शुरू हो जाएंगी। 25 और हेल्‍थ एटीएम सेंटर के ल‍िए जगह च‍िन्‍ह‍ित कर ली गई है। अभी राज्य में न‍िकाय चुनाव के चलते आचार संह‍िता लग गई है। इसल‍िए काम रुका है। आचार संहिता हटते ही काम शुरू होगा और मई में सभी हेल्‍थ एटीएम शुरू हो जाएंगे।”

“बाकी के 25 हेल्‍थ एटीएम की स्थापना जगह के आवंटन में देरी, पैरामेडिकल स्टाफ की कमी और बिजली कनेक्शन के कारण देरी हुई। अब स्थानों को अंतिम रूप दे दिया गया है और जल्द ही पैरामेडिकल स्टाफ भी तैनात किये जाएंगे ज‍िसकी ज‍िम्‍मेदारी एसजीपीजीआईएमएस की है।” उन्‍होंने आगे बताया।

लखनऊ में लगे कुछ हेल्‍थ एटीएम सेंटर का ब‍िजली ब‍िल जमा ना होने की वजह से कनेक्‍शन काट द‍िया गया था। इस बारे में पंकज स‍िंह ने बताया “ऐसा इसल‍िए क्‍योंक‍ि सभी केंद्रों के ब‍िल एक साथ नहीं आए थे। हम इस पर काम कर रहे हैं क‍ि सभी केंद्रों के ब‍िल एक साथ आए ताकि सबका ब‍िल एक साथ जमा हो सके।”

लखनऊ के गोमती नगर व‍िस्‍तार में लगा हेल्‍थ एटीएम।

हालांक‍ि लखनऊ स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंद्रजीत स‍िंह दावा करते हैं क‍ि राजधानी लखनऊ में हेल्‍थ एटीएम लगाने को लेकर कोई समय सुन‍िश्‍च‍ित नहीं किया गया था। उन्होंने बताया, “देरी नहीं हुई है क्‍योंक‍ि ऐसा कुछ तय नहीं है क‍ि इन मशीनों को कब तक लगाना है। 75 लग चुके हैं, वे पूरी तरह से काम इसल‍िए नहीं कर रहे क्योंकि सभी का ट्रायल चल रहा। 25 और लगने हैं ज‍िस पर हम काम कर रहे हैं। एक बार सब लगने के बाद ही सारी जांचें होंगी।”

लखनऊ में 100 हेल्‍थ एटीएम के अलावा 20 एटीएम अलग से ज‍िला स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग की ओर से अलग-अलग सरकारी अस्‍पतालों में लगाये गये हैं। एसीएमओ डॉक्‍टर अनूप श्रीवास्‍तव बताते हैं क‍ि “प्राथ‍म‍िक स्‍वास्‍थ्य केंद्रों में लगे हेल्‍थ एटीएम को चलाने की ज‍िम्‍मेदारी हमारी है। जो एटीएम स्‍मार्ट स‍िटी योजना के तहत लगाए जा रहे हैं, उसकी देखरेख वही लोग करेंगे और वहां स्‍टाफ की तैनाती की ज‍िम्‍मेदारी एसजीपीजीआईएमएस को दी गई है।”

“कई जगह से ऐसी श‍िकायतें आ रही हैं क‍ि पूरी जांच नहीं हो पा रही है। कुछ तकनीकी समस्‍याएं भी आ रही हैं ज‍िन पर हम काम कर रहे हैं। हम जल्‍द ही इन समस्‍याओं को दूर कर लेंगे।” डॉक्‍टर अनूप कहते हैं।

स्टाफ की कमी:

राजधानी लखनऊ से लगभग 60 क‍िलोमीटर दूर ज‍िला बाराबंकी के फतेहपुर ब्‍लॉक के सामुदा‍य‍िक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र में लगा हेल्‍थ एटीएम अक्‍सर बंद रहता है।

वजह पूछने पर सामुदाय‍िक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र के अधीक्षक डॉ. अवनीश चौधरी बताते हैं, “यहां के टेक्‍नि‍श‍ियन स्‍टाफ की ड्यूटी लगी है, उनके पास और भी काम होते हैं। ऐसे में इससे मरीजों को सहूलियत तो म‍िल सकती है। लेकिन सीएचसी में स्‍टाफ रहेंगे तभी तो जांच होगी क्‍योंक‍ि ये इतना आसान नहीं है क‍ि गांव का आदमी ब‍िना क‍िसी जानकार की मदद से जांच कर पायेगा।” ह‍िमांशु कहते हैं क‍ि हमारे यहां अभी बेस‍िक जांचें हो रही हैं, रोज 40 से 50 मरीज जांच कराने आते हैं।

ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी रिपोर्ट 2021-22 के अनुसार 31 मार्च 2022 तक देश के प्राथम‍िक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों में जरूरत के ह‍िसाब से मह‍िला स्‍वास्‍थ्यकर्मी (एएनएम) की 3.5% कमी है। उत्तर प्रदेश में 2,288 एएनएम की कमी है।

उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों में डॉक्‍टरों के 1,558 पद खाली हैं जो बि‍हार (2,057) के बाद सबसे ज्‍यादा है। वहीं प्रदेश के सामुदा‍यिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों में सर्जन, प्रसूति और स्त्री और बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों के 2,028 पद खाली हैं जो देश के दूसरे राज्‍यों से सबसे ज्‍यादा है। इसके अलावा राज्‍य के सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों में रेडियोग्राफर के 329 पद खाली हैं। राज्‍य के सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य और प्राथम‍िक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों में प्रयोगशाला तकनीशियन के 1,295 पद खाली हैं।

प्रदेश के प्राथम‍िक और सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों में स्‍वास्‍थकर्मियों काफी पद खाली हैं।

प‍िछले दो दशक से स्‍वास्‍थ्‍य अध‍िकार को लेकर काम करने वालीं डॉक्‍टर वंदना प्रसाद इस योजना को लेकर तो खुशी जाह‍िर करती हैं। लेकिन वे इसके कारगर होने को लेकर सवाल करती हैं।

“हेल्‍थ एटीएम का फायदा ग्रामीण क्षेत्रों में ज्‍यादा हो सकता है। लेकिन बड़ा सवाल तो यह है क‍ि सरकार इसके ल‍िए स्‍टाफ कहां से ले आएगी। प्राथम‍िक और सामुदाय‍िक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र पहले से ही डॉक्‍टर सह‍ित दूसरे स्‍टाफ की कमी से जूझ रहे हैं। हो सकता है क‍ि आगे चलकर शहरी आबादी हेल्‍थ एटीएम से खुद जांच कर ले। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जहां इसकी ज्‍यादा जरूरत है, वहां हर सेंटर पर जानकार स्‍टाफ की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में जरूरत है क‍ि पहले सरकार स्वास्थ्यकर्मियों की भर्ती करे।” वंदना प्रसाद कहती हैं।

लखनऊ से लगभग 300 किलोमीटर दूर ज‍िला म‍िर्जापुर के मड़िहान के सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र में जनवरी महीने में हेल्‍थ एटीएम लग गया था।

“जब मशीन लगी थी तब ट्रेनर आये थे। लेकिन हमारे यहां हेल्‍थ एटीएम चलाने के ल‍िए स्‍टाफ ही नहीं है। इसल‍िए मशीन ऐसी ही रखी है।” मड़‍िहान सामुदाय‍िक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र के अधीक्षक डॉ. महेंद्र चौधरी ने बताया।

रखरखाव और मरम्मत में देरी

नगर निगम जोन 4 के पर‍िसर में लगे एटीएम सेंटर भी अभी पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाया है। 27 मार्च 2023 को दोपहर लगभग 12 बजे वहां कोई भी कर्मचारी नहीं म‍िला। नगर न‍िगम के एक अध‍िकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया, “मशीन में लगे किट एक्सपायर हो चुके हैं। मशीन लगे तीन महीने हो गये। लेकिन जांच शुरू हुई ही नहीं। जब चलता है तो ब्‍लड प्रेशर, ऊंचाई, वजन, बीएमआई जैसी सामान्‍य जांचें होती हैं। अक्‍सर इंटरनेट नेटवर्क नहीं रहता।”

ज‍िला सहारनपुर के ज‍िला अस्‍पताल के हृदय रोग विभाग में हेल्‍थ एटीएम इसी साल फरवरी महीने में लगा था। लेकिन तकनीकी समस्‍या की वजह से वह चल ही नहीं पा रहा। इस बारे में सहारनपुर के मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी संजीव मांगलिक ने इंड‍ियास्‍पेंड को बताया क‍ि मशीन में लगा कोई लेंस खराब है। जल्‍दी ही लखनऊ से इंजीन‍ियर आएंगे रिपेयरिंग के ल‍िए।

इसी तरह से ज‍िला अमेठी के 13 सामुदाय‍िक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों पर हेल्‍थ एटीएम लगाए हैं। लेकिन इनमें से ज्‍यादातर या तो चल नहीं रहे या जो चल रहे हैं, वहां कम जांचें हो रही हैं।

अमेठी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विमलेंद्र शेखर ने बताया, “हेल्थ एटीएम सीएसआर फंड के तहत लगाए गए हैं। जहां तक मुझे पता है, सभी हेल्‍थ एटीएम चल रहे हैं, हां कुछ में द‍िक्‍कत आ रही है ज‍िसकी र‍िपोर्ट मांगी गई है। जहां गड़बड़ी है, उसे जल्‍द ही ठीक कर ल‍िया जाएगा और सभी हेल्‍थ एटीएम मरीजों के ल‍िए शुरू हो जाएंगे।”

क‍ितना कारगार होगा हेल्‍थ एटीएम

हेल्‍थ एटीएम तो लग रहे हैं। लेकिन बड़ा सवाल यह है क‍ि ये क‍ितना कारगर साब‍ित होंगे। इस बारे में लखनऊ के पूर्व मुख्‍य च‍िक‍ित्‍सा अध‍िकारी डॉक्‍टर आरके चौधरी कहते हैं, “सबसे पहले तो हेल्‍थ एटीएम के बारे में लोगों को जागरूक करना होगा। लोगों को अभी इसके बारे में पता ही नहीं है। इसके अलावा लोगों की उस छव‍ि को तोड़ने की पहल करनी होगी क‍ि सरकारी अस्‍पताल है तो सही काम नहीं होगा। लोगों का व‍िश्‍वास में आना जरूरी है। इसके अलावा सरकार को इसे चलाने के ल‍िए कायदे से स्‍टाफ रखने होंगे ताकि वहां लोगों को क‍िसी तरह की द‍िक्‍कत ना हो।”

पूरे राज्‍य में अब तक क‍ितने हेल्‍थ एटीएम लगे हैं और क‍ितने चल रहे हैं, यह जानने के ल‍िए हमने महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश, डॉक्‍टर लिली सिंह से बात की। उन्‍होंने बताया, “प्रदेश में इस समय 525 हेल्थ एटीएम चालू अवस्था में हैं, इसके अलावा 816 और इंस्टॉल हो चुके हैं जो जल्द ही शुरू हो जाएंगे। जहां एटीएम काम कर रहे हैं वहां बेसिक जांचें हो रही हैं। धीरे-धीरे इसे अपग्रेड करने की योजना है।”

पूरे प्रदेश में तो अब तक 4,600 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो में हेल्‍थ एटीएम लग जाने चाह‍िए थे। इस सवाल के जवाब में डॉक्‍टर ल‍िली स‍ि‍ंह ने कहा, “मशीनों की खरीद हो रही। जैसे-जैसे मशीन आ रहे हैं, लगते जा रहे हैं। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो में हेल्‍थ एटीएम लगने में अभी और समय लगेगा, क‍ितना लगेगा, इस पर कुछ कह पाना मुश्‍क‍िल है।” देरी क्‍यों हो रही, अपग्रेड क्‍यों हो रहा, क्‍या यह पायलट प्रोजेक्‍ट है, आद‍ि जैसे कई सवालों के जवाब स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग से नहीं म‍िले।