उत्तर प्रदेश, पंजाब और गोवा में आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों की संख्या हुई कम
नई राज्य सरकारें चुनने वाले पांच राज्यों में से उत्तर प्रदेश, पंजाब और गोवा में आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधानसभा सदस्यों (एमएलए) की संख्या में कमी हुई है। यह जानकारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से एकत्र किए गए डेटा के हमारे विश्लेषण से मिली है।
डेटा से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में चुने गए 690 विधायकों में से, 27.8% (192) का आपराधिक रिकॉर्ड है, जबकि 20% (140) हत्या, अपहरण और फिरौती जैसे गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं।
पांच राज्यों में से तीन में आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों की संख्या में कमी आई है, लेकिन मणिपुर को छोड़कर सभी राज्यों में गंभीर आपराधिक आरोपों वाले विधायकों की संख्या बढ़ी है।
इस बार यूपी,गोवा, और पंजाब में स्वच्छ छवि वाले विधायकों की संख्या ज्यादा
Source: Association for Democratic Reforms
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 403 सीटों में से रिकॉर्ड 312 जीतकर बड़ी कामयाबी हासिल की है और कांग्रेस पांच राज्यों में से तीन में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है।
इंडियास्पेंड की मार्च 2017 की रिपोर्ट के अनुसार, पांच राज्यों में चुनाव लड़ने वाले लगभग 1,000 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक आरोप थे । जबकि 850 उम्मीदवार गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे थे।
उत्तर प्रदेश में बेदाग विधायकों की संख्या में बढ़ोतरी
उत्तर प्रदेश में बिना आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों की संख्या में सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई है।
राज्य में 2012 की तुलना में 2017 में बिना आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों की संख्या में 19.2 पर्सेंट की वृद्धि दर्ज की गई है। यह पांच राज्यों में अपराध-मुक्त निचले सदन के विधायकों की संख्या में सबसे अधिक वृद्धि है।
उत्तर प्रदेश की नई विधानसभा में बिना आपराधिक रिकॉर्ड वाले 260 विधायक (403 में से) होंगे। राज्य में 2012 में आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों की संख्या 189 थी, जो 2017 में घटकर 143 पर आ गई।
हालांकि, उत्तर प्रदेश में गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों की संख्या 2012 में 98 से बढ़कर 2017 में 107 हो गई।
आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायक: यूपी में 143 में से 107 पर गंभीर आरोप
Source: Association for Democratic Reforms
पंजाब में वर्ष 2012 चुनाव के मुकाबले 2017 के चुनाव में बिना आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों की संख्या में 10% की वृद्धि हुई है। राज्य में 2017 में बिना आपराधिक रिकॉर्ड वाले 31 विधायक चुने गए, यह आंकड़ा वर्ष 2012 में 28 का था।
गोवा में बिना आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों की संख्या में 2012 की तुलना में 2017 में 3% की वृद्धि हुई है। राज्य में 2017 में बेदाग रिकॉर्ड वाले 19 विधायक चुने गए, यह आंकड़ा 2012 में 28 का था।
मणिपुर और उत्तराखंड में बिना आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों की संख्या में कमी आई है।
मणिपुर में 2012 में आपराधिक रिकॉर्ड वाले कोई विधायक नहीं थे। राज्य में गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड वाले दो विधायक चुने गए हैं। उत्तराखंड में यह संख्या तिगुनी से अधिक हुई है। वर्ष 2012 में 4 थे, 2017 में 14 हैं।
जिन 690 विधायकों के रिकॉर्ड का विश्लेषण किया गया है, उनमें से 540 करोड़पति
एडीआर ने जिन 690 विधायकों के रिकॉर्ड का विश्लेषण किया है, उनमें से 192 के खिलाफ आपराधिक मामले और 140 के खिलाफ गंभीर अपराध दर्ज थे।
पांच राज्यों में 140 उम्मीदवारों में से, 10 हत्या और 37 हत्या की कोशिश के आरोपों का सामना कर रहे हैं। इन राज्यों में आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे विधायकों का कुल अनुपात घटा है। यह वर्ष 2012 में 33.6% था, जो 2017 में घटकर 27.8% रहा।
उत्तर प्रदेश में 403 विधायकों में से, 36% का आपराधिक रिकॉर्ड है और 26% गंभीर आपराधि आरोपों का सामना कर रहे हैं; बीजेपी के पास आपराधिक रिकॉर्ड वाले 83 (312 में से) विधायक हैं, 2012 में पार्टी के 47 विधायकों में से यह संख्या 25 की थी। इसके बाद समाजवादी पार्टी 11 विधायकों के साथ है।
पांच राज्यों में गंभीर आपराधिक मामलों के आरोपी विधायकों की संख्या-2017
Source: Association for Democratic Reforms
उत्तर प्रदेश में, आठ विधायकों ने अपने खिलाफ हत्या से संबंधित मामलों की घोषणा की है और 34 विधायकों ने हत्या की कोशिश से जुड़े मामले घोषित किए हैं। ये घोषणाएं भारत के चुनाव आयोग की ओर से आवश्यक की गई हैं। आपराधिक मामलों से कोई व्यक्ति चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य नहीं होता।
पंजाब में गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों की संख्या 2012 और 2017 के बीच 5 से बढ़कर 11 हो गई। पंजाब में आपराधिक आरोपों वाले 11 विधायक हैं। इनमें मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (धोखाधड़ी और जालसाजी से संबंधित चार मामले) और नवजोत सिंह सिद्धू (हत्या का एक आरोप) शामिल हैं।
एडीआर के डेटा के अनुसार, गोवा में इसी अवधि (2012-17) में गंभीर आरोपों वाले विधायकों की संख्या दो से बढ़कर छह हो गई।
(सालवे विश्लेषक हैं। इंडियास्पेंड के साथ जुड़ी हैं।)
यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 16 मार्च 2017 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
हम फीडबैक का स्वागत करते हैं। हमसे respond@indiaspend.org पर संपर्क किया जा सकता है। हम भाषा और व्याकरण के लिए प्रतिक्रियाओं को संपादित करने का अधिकार रखते हैं।
__________________________________________________________________
"क्या आपको यह लेख पसंद आया ?" Indiaspend.com एक गैर लाभकारी संस्था है, और हम अपने इस जनहित पत्रकारिता प्रयासों की सफलता के लिए आप जैसे पाठकों पर निर्भर करते हैं। कृपया अपना अनुदान दें :