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आंध्र प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री चन्द्र बाबु नायडू (बायें )प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी (दायें) के साथ नयी दिल्ली १५ फरवरी सन २०१५

भारत के सकल घरेलु उत्पाद में आन्ध्र प्रदेश की कृषि आमदनी उत्तरोतर वृद्धि की ओर उसके केंद्रीय दिल्ली से बजट आवंटन में भारी कटौती के बावजूद जबकि भारत के सकल घरेलू उत्पाद में औसत गिरावट आ रही है | इसके साथ ही आन्ध्र प्रदेश सरकार ने तेज औद्योगिक विकास करने के लिए परियोजनाओं के प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है |

पिछले चार सालों के दौरान सन 2014-15 मे आंध्र प्रदेश वासियों की प्रति व्यक्ति आय लगभग दुगनी रूपये 90,517 हो जाने से आंध्रवासी भारत में सबसे धनी राज्य के निवासी हो गए हैं| वर्तमान में केंद्र द्वारा भारी बजटीय कटौती के बाद भी भारत के समस्त राज्यों की अनुमानित आय अगले 15 वर्षों (सन 2029 तक) के दौरान होने वाली संभावित आय सूची में आंध्र प्रदेश का नंबर दसवां है| उपरोक्त स्थान प्राप्त करने की इच्छा आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री श्री यनामला रामकृष्णनुड़ू ने आंध्र प्रदेश के पुनर्गठन के बाद राज्य का दूसरा बजट पेश करते हुए व्यक्त किया |

आंध्र प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद में हिस्सा सन 2014-15 के दौरान पिछले वर्ष की तुलना में 22.96% से 27.59% हो गया है | लेकिन उद्योगों से आने वाले हिस्से में कमी आई है, जोकि 24.33% से घटकर 20.62% हो गयी | वित्त मंत्री के अनुसार सेवाओं के हिस्सेदारी में बहुत मामूली कमी आई है| जोकि 52.72% से घटकर 51.79% पर आ गयी |

सकल घरेलू उत्पाद में आंध्र प्रदेश की हिस्सेदारी में उपरोक्त गिरावट के पीछे पूर्व आंध्र प्रदेश का दो राज्यों में बांटे जाने का परिणाम दिखता है | आंध्र प्रदेश के विभाजन से दूसरे बने राज्य तेलंगाना के पास अविभाजित आंध्र प्रदेश का आर्थिक रूप से अति सम्पन्न हैदराबाद का चले जाना प्रतीत होता है | अविभाजित आंध्र प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद कृषि क्षेत्र में 18% से 19%, उद्योग से 23% से 25% और सेवाओं के क्षेत्र से 55% से 57% तक था ऐसा प्लानिंग कमीशन के आंकड़े बोलते हैं |

आंध्र प्रदेश की प्रस्तावित भारी औद्योगिक परियोजनाओं में प्रमुख रूप से निम्नाकित हैं| जापानी निवेशकों के लिए एक विशेष औद्योगिक शहर योजना, विशेष आटोमोबाइल के क्षेत्र, एक मेगा प्लान प्रस्तावित 14 नए बन्दरगाहों के लिए और 3 नए अंतराष्ट्रीय एयरपोर्टस, उद्योगों के त्वरित विकास के लिए 2 लाख एकड़ का अलग से बैंक बनाने का निर्णय साथ ही कुछ नयी रेल लाइनों और बड़े हाइवेज़ को भी बनाने का निर्णय |

आंध्र प्रदेश के उपरोक्त सभी परियोजनाओ के बीच सबसे प्रमुख योजना- एक नयी राजधानी अमरावती का निर्माण है| अमरावती के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने अपने बजट 2015-16 में रुपये 3,168 करोड़ का आवंटन प्रस्तावित किया है |

आंध्र प्रदेश की नयी राजधानी अमरावती के निर्माण के लिए 33,252 एकड़ जमीन अधिग्रहण की प्राक्रिया में चल रही है| जिसमें उक्त भूमि मालिको से सहमति ली जा रही है | ऐसा राज्य वित्त मंत्री श्री रामकृष्णनुड़ू ने बताया |उपरोक्त प्रस्तावित अधिग्रहीत की जाने वाली जमीन का लगभग 50% हिस्सा सामान्य बुनियादी ढांचे जोकि अत्याधुनिक तकनीक से युक्त होंगे के निर्माण में लग जावेगी| उक्त ज़मीनों में से 25% हिस्सा जमीन मालिको को विकसित भूखंडों के रूप में आवंटित किया जाएगा | इस प्रकार राज्य के पास लगभग 7000 एकड़ जमीन बचेगी जोकि राजधानी के मुख्य केन्द्रों के निर्माण के लिये और ऐसे वित्तीय निवेशकों को आवंटित की जाएगी जो विस्थापित लोगों के लिए रोजगार का रास्ता खोलने/ बनाने और उनको एक बेहतर रोजी के साधन जुटाने में सक्षम हों |

लेकिन राज्यों ने अपनी मूल प्राथमिकताओं को पहचान लिया है-तदस्वरूप समस्याओं को हल करने के लिए विशेष रूप से प्रायोजित ध्यानकर्षण की जरूरत है |

जम्मू कश्मीर राज्य में इस बार अलग ऊर्जा-बजट पेश किया उसी प्रकार आंध्र प्रदेश में अलग कृषि-बजट पेश किया लेकिन मुख्य मंत्री चंद्रबाबू नायडू जहां कंपनीज के सीईओ यानि कि मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को खुश करने में लगे है, उनको आंध्र के ग्रामीण असंतोष को नहीं भूलना चाहिए जिसके कारण सन 2004 मे उनको चुनाव में हारना पड़ा था|

आंध्र प्रदेश की 84.58 मिलियन जनसंख्या जो कि मिस्र, टर्की या यूनाइटेड किंगडम से ज्यादा है, आखिरी बार जनसंख्या गणना सन 2011 में हुई थी | आंध्र प्रदेश का मिला जुला विकास शिक्षा, स्वास्थ्य और लिंग अनुपात के क्षेत्रों में है|

  • आंध्र प्रदेश की साक्षरता 67% राष्ट्रीय साक्षरता का औसत 73% की तुलना में और लिंग अनुपात , स्त्रियाँ 993-1000 पुरषो की तुलना में राष्ट्रीय औसत 943 है

  • आंध्र प्रदेश का शिशु मृत्यु दर प्रत्येक जीवित शिशुओं की 1000 पर तुलना से 39 है, जबकि राष्ट्रीय औसत 40 है |

  • जच्चा मृत्यु दर 92 है (उम्र 15-49 के बीच) जो कि मेटरनल कारकों के कारण होती हैं ये आंकड़े प्रति 10,0000 जीवित बच्चों की तुलना में है | जबकि राष्ट्रीय औसत जच्चा मृत्यु दर का 167 है |

सरकार ने सामाजिक सेवाओं में बजटीय आवंटन को 40,900 करोड़ (2013-14) से घटाकर 38,169 करोड़ कर दिया है | यह कटौती सबसे ज्यादा आवासीय क्षेत्र में है जो की रुपये 2083 करोड़ से घटाकर रूपये 897 करोड़ कर दिया है|

वित्त मंत्री ने बताया की 2015-16 के बजट में 1.1% की वृद्धि हुई है पिछले 2014-15 की तुलना में जो कि रुपये 1,11,823 करोड़ है पिछले रुपये 1,13,048 करोड़ कि तुलना में |

29.02% कि वृद्धि प्लान बजट में प्रस्तावित है | जो कि रुपये 26,672 करोड़ से बढ़कर रुपये 34,412 करोड़ कर दी गयी और कैपिटल व्यय ने 38.88% कि वृद्धि जो कि रुपये 70,69 करोड़ से रुपये 9,818 करोड़ कि गयी – वित्त मंत्री रामकृष्णनुडू ने बताया कि उक्त सफलताएँ उल्लेखनीय हैं | इस बार हमारी सफलता नॉन प्लान व्यय को रुपये 85,151 करोड़ से घटाकर रुपये 38,636 करोड़ करने में निहित है और नॉन प्लान राजस्व व्यय को भी घटाकर रुपये 78,976 से रुपये 73,223 करोड़ होने का अनुमान है|

जबकि नॉन प्लान राजस्व खर्च सरकारी योजनाओं, मीटिंग्स, तनख्वाहों व अन्य गैर जरूरी मदों कि श्रेणी में से आते हैं और प्लान खर्चे स्थिर संपत्ति के निर्माण में आते हैं |

2015-16 के वित्तीय वर्ष में राज्य के कुल बकाया कर्जों की धनराशी रुपये 1.46 लाख करोड़ ($ 23 बिलियन) आँकी गयी है| आंध्र प्रदेश की तुलना में तमिलनाडु का कर्जा रुपये 2 लाख करोड़($32 बिलियन) से भी ज्यादा है और महाराष्ट्र का रुपये 3 लाख करोड़ ($48 बिलियन) अनुमानित है |

Source: AP Budget

आंध्र प्रदेश में रुपये 344 का राज्य का राजस्व सरप्लस बजट प्रस्तुत किया सन 2013-14 में लेकिन सन 2014-15 में यह 14,142 करोड़ का घाटा बजट हो गया | इसमे 50% की घटत का अनुमान है जो कि रुपये 7,300 करोड़ हो जाने का अनुमान है सन 2015-16 के वित्तीय वर्ष में |

इमेज क्रेडिट : प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो|

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