जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में 64फीसदी की वृद्धि
पिछले तीन वर्षों से 2017 तक, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में 64 फीसदी की वृद्धि हुई है, जिसकी वजह से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ अपने तीन साल के गठबंधन को खत्म करने का फैसला किया है।
सरकारी आंकड़ों पर इंडियास्पेंड द्वारा किए गए विश्लेषण के अनुसार, पिछले तीन वर्षों से 2017 तक, जम्मू-कश्मीर में 800 से ज्यादा आतंकवादी घटनाएं हुई हैं। यह आंकड़े 2015 में 208 थी, जो कि 2017 में बढ़ कर 342 हुई है।
इन तीन वर्षों में कम से कम 744 लोग मारे गए, जिसमें 471 आतंकवादी, 201 सुरक्षा बल और 72 नागरिक थे, जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है।
लगभग आठ महीने पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि संघर्षग्रस्त राज्य की स्थिति में ‘सुधार’ हो रहा है। सिंह ने 11 सितंबर, 2017 को कहा, "मैं यह दावा नहीं करना चाहता कि सब कुछ ठीक है, लेकिन चीजें सुधर रही हैं, यह मैं दृढ़ विश्वास के साथ कह सकता हूं।"
2010 के बाद से राज्य ने 2017 में सबसे ज्यादा आतंकवादी घटनाएं देखी हैं। 2017 में आतंकवादी घटनाओं की संख्या 488 रही हैं।
पिछले 28 वर्षों में 2013 में जम्मू-कश्मीर में सबसे कम आतंकवादी घटनाएं (170) हुई थी। तब से, पिछले चार वर्षों से 2017 तक, घटनाओं की संख्या दोगुनी हो गई हैं।
पीडीपी और बीजेपी ने मार्च 2015 में जम्मू-कश्मीर में गठबंधन सरकार बनाई थी। तब से, पिछले तीन वर्षों में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच सशस्त्र मुकाबले में 53 फीसदी की वृद्धि हुई है, जैसा कि इंडियास्पेंड ने 18 मई, 2018 की रिपोर्ट में बताया है। 2015 से 2017 तक 247 मुठभेड़ों में 439 आतंकवादियों (156 कश्मीरियों सहित) और 200 सरकारी बलों (109 सेना कर्मियों सहित) की मौत हो गई थी।
रमजान के बाद राज्य में आतंकवाद विरोधी अभियानों को फिर से शुरू करने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद दोनों पक्षों के बीच खाई बढ़ी, जैसा कि एनडीटीवी ने 19 जून, 2018 की रिपोर्ट में बताया है।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा, " बीजेपी जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन को जारी रखने के पक्ष में नहीं है, इसलिए हमने गठबंधन को खत्म करने का फैसला लिया है।"
We have taken a decision, it is untenable for BJP to continue in alliance with PDP in Jammu & Kashmir, hence we are withdrawing: Ram Madhav, BJP pic.twitter.com/NWsmr7Io9e
— ANI (@ANI) June 19, 2018
Terrorism, violence and radicalisation have risen and fundamental rights of the citizens are under danger in the Valley. #ShujaatBukhari's killing is an example: Ram Madhav, BJP pic.twitter.com/0T0HLurWVu
— ANI (@ANI) June 19, 2018
Keeping in mind larger interest of India's security and integrity, fact is that J&K is an integral part of India, in order to bring control over the situation prevailing in the state we have decided that the reigns of power in the state be handed over to the Governor: Ram Madhav pic.twitter.com/RauqGYtAQn
— ANI (@ANI) June 19, 2018
बीजेपी द्वारा समर्थन वापस लेने से मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को इस्तीफा देना पड़ा। मुफ्ती ने बीजेपी के द्वारा समर्थन वापस लेने पर कहा, "हमने सत्ता के लिए यह गठबंधन नहीं किया था। इस गठबंधन का एक बड़ा मकसद था- एकतरफा युद्धविराम, पीएम की पाकिस्तान यात्रा, 11,000 युवाओं के खिलाफ मामलों को वापस लेना। "
मुख्यमंत्री के इस्तीफे के साथ, राज्य गवर्नर के शासन के अधीन हो गया है। इस राज्य पर आंठवी बार राज्यपाल का शासन लगाया गया है।
पीडीपी ने 2014 के विधानसभा चुनावों में 87 सीटों में से 28 सीटें जीतीं, और बीजेपी 25 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। जम्मू-कश्मीर राज्य को छोड़ने के बाद 29 राज्यों में से 19 राज्यों में बीजेपी की सरकार है।
70,000 से ज्यादा आतंकवादी घटनाएं!
1995 में जम्मू-कश्मीर ने सबसे आतंकवादी घटनाएं (संख्या-5,938) देखी, जिसमें 1,332 आतंकवादी मारे गए और 1,031 नागरिक और 237 सुरक्षा बलों ने अपनी जान गंवा दी।
2001 में, राज्य ने सबसे अधिक (2,020) आतंकवादी मौतें देखी और अधिकतम सुरक्षा बलों (536) ने भी अपनी जान गंवाई।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं, 1990-2017
आतंकवाद से संबंधित मौत, 1990-2017
Note: The data in Parliamentary Standing Committee report on terror incidents in J&K from 1990 to March 12, 2017 do not tally with the total given in the table. We have sent an email to the ministry of home affairs on June 18, 2018, requesting clarification on the data. We will update the copy as soon as we receive any response. We have used data from 1990 to 2016 from the parliamentary report, and data for 2017 from a Lok Sabha reply dated March 13, 2018.
पिछले 28 वर्षों से 2017 तक, जम्मू-कश्मीर में 70,000 से ज्यादा आतंकवादी घटनाएं हुई हैं, जिसमें 22,143 आतंकवादी मारे गए और 13,976 नागरिक और 5,123 सैनिकों ने अपनी जान गंवाई है।
पिछले हफ्ते हो रही हत्याओं से जम्मू-कश्मीर सकते में आ गया था। पत्रकार शुजात बुखारी को 13 जून को गोली मार दी गई थी, और 14 जून को भारतीय सेना के राइफलमैन औरंगजेब खान का अपहरण कर लिया गया था।
संयुक्त राष्ट्र ने 14 जून, 2018 को एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें जम्मू-कश्मीर में भारत द्वारा मानवाधिकारों और दुर्व्यवहारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया।
केंद्र सरकार ने 16 मई, 2018 को रमजान युद्धविराम की मांग की थी। सुरक्षा बलों को राज्य में हिंसा और तनाव को कम करने के लिए इस अवधि के दौरान आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू नहीं करने के लिए कहा। हालांकि, युद्धविराम के दौरान जम्मू-कश्मीर में 60 आतंकवादी घटनाएं और 39 मौतें हुई, जिनमें छह नागरिक, नौ सुरक्षाकर्मी और 24 आतंकवादी शामिल थे, जैसा कि डेक्कन हेराल्ड ने 17 जून, 2018 की रिपोर्ट में बताया है।
पथराव से कोई राहत नहीं
मई 2018 में रमजान के पहले 16 दिनों के दौरान 39 घटनाएं हुई हैं, जबकि पिछले साल 195 घटनाएं हुई थी, जैसा कि हिंदुस्तान टाइम्स ने 6 जून, 2018 की रिपोर्ट में बताया है।
इस साल जनवरी और अप्रैल के बीच, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल पर पत्थराव करने की 245 घटनाओं की सूचना मिली, जिसमें 71 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
2015 और 2017 के बीच जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी की 4,799 घटनाओं की सूचना मिली थी, जैसा कि इंडियास्पेंड ने 18 मई, 2018 की रिपोर्ट में बताया है।
राज्य में पिछले तीन वर्षों के दौरान 14,315 पत्थर मारने वालों के खिलाफ 4,000 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई है, जैसा कि 7 फरवरी, 2018 को जम्मू-कश्मीर विधायी परिषद के एक जवाब में कहा गया है।
गठबंधन सरकार से बीजेपी की अचानक वापसी पर राजनीतिक नेताओं से टिप्पणियां आ रही हैं।
I have told Governor that since no party has the mandate to form government, he will have to impose Governor rule in the state: Omar Abdullah, National Conference on BJP called off alliance with PDP in #JammuAndKashmir pic.twitter.com/Tln9psdQC1
— ANI (@ANI) June 19, 2018
Whatever has happened is good. People of J&K will get some relief. They (BJP) ruined Kashmir & have now pulled out, maximum number of civilian & army men died during these 3 years. That question does not arise (on forming alliance with PDP): GN Azad, Congress pic.twitter.com/rcfVelHdnT
— ANI (@ANI) June 19, 2018
We tried our best to run the govt with BJP. This had to happen. This is a surprise for us because we did not have any indication about their decision: Rafi Ahmad Mir, PDP Spokesperson on BJP pulling out of an alliance with PDP in #JammuAndKashmir pic.twitter.com/6laodyNY97
— ANI (@ANI) June 19, 2018
(मल्लापुर विश्लेषक हैं और इंडियास्पेंड के साथ जुड़े हैं। )
यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 19 जून 2018 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
हम फीडबैक का स्वागत करते हैं। हमसे respond@indiaspend.org पर संपर्क किया जा सकता है। हम भाषा और व्याकरण के लिए प्रतिक्रियाओं को संपादित करने का अधिकार रखते हैं।
__________________________________________________________________
"क्या आपको यह लेख पसंद आया ?" Indiaspend.com एक गैर लाभकारी संस्था है, और हम अपने इस जनहित पत्रकारिता प्रयासों की सफलता के लिए आप जैसे पाठकों पर निर्भर करते हैं। कृपया अपना अनुदान दें :