देश के सबसे समृद्ध राज्य में नोटबंदी का असर
प्रधानमंत्री द्वारा 86 फीसदी भारतीय मुद्राओं (500 और 1,000 रुपए के नोट) को अमान्य घोषित किए 13 दिन से ज्यादा का समय हो चुका है। सरकार के इस कदम से महाराष्ट्र के गांवों और कस्बों में रहने वाले लोगों पर व्यापक रुप से प्रभाव पड़ा है। हमारे विश्लेषक, अभिषेक वाघमारे, श्रेया शाह, स्वागत यदावार और मुक्ता पाटिल ने राज्य के पांच जिलों में जाकर लोगों का हाल जानने की कोशिश की है। हमारे विश्लेषकों ने अहमदनगर, ठाणे और पालघर, ग्रेटर मुंबई, पुणे जिले के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों का दौरा किया है।
ग्रेटर मुंबई के ज्यादातर लोग सरकार के इस कदम का स्वागत करते दिखे हैं। इलाके में लोगों ने भविष्य में अच्छे दिन आने की उम्मीद की है। जबकि अन्य चार जिले के लोगों ने बताया कि किस प्रकार इस फैसले से उन्हें दिन-प्रतिदिन के जीवन में अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हमारे विश्लेषकों ने प्रतिक्रियाओं और टिप्पणियों को सीधा फील्ड से ट्वीट भी किया है।
#नोटबंदी: हमारी जांच के लिए क्यों महाराष्ट्र
भारत की सामाजिक और आर्थिक सूक्ष्म दर्शन है महाराष्ट्र: विविध, शक्तिशाली और गरीब।
भारत से 1,000 से ज्यादा सबसे अमीर लोगो इस समृद्ध राज्य में रहते हैं। हम बताते चलें कि इन प्रत्येक अमीर व्यक्ति के पास 30 मिलियन डॉलर या 3 करोड़ डॉलर से अधिक की संपत्ति है। दूसरी तरफ राज्य में 80 मिलियन या 8 करोड़ आबादी ऐसी है जो 1,000 प्रति माह से भी कम में अपना जीवन यापन करती है।
महाराष्ट्र में देश का सबसे बड़ा थोक कृषि बाजार है। एक-तिहाई शहरी सहकारी बैंक के साथ-साथ बड़े बैंकों का प्रधान कार्यालय भी महाराष्ट्र में ही है। किसी भी अन्य राज्य की तुलना में राज्य में अधिक एटीएम, कंप्यूटर, मोबाइल फोन और इंटरनेट कनेक्शन है। उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में ही 12,000 बैंक शाखाएं हैं।
अवलोकन
पाटिल ने अपने दिन की शुरुआत पुणे जिले के चाकन और खेड़ दौरा से किया। पाटिल ने पाया कि नकदी की कमी का प्रभाव थोक और खुदरा बाजार पर पड़ा है।
Bhausaheb Kakde, milk supplier in Chakan still accepting 500/1000 notes until tomorrow. Business still down 10% since the #notebandi. pic.twitter.com/j3qn3W2LWe
— Mukta Patil (@muktavpatil) November 22, 2016
चकन में दूध देने वाले भाऊसाब कल तक 500 और 1,000 रुपए के नोट स्वीकार कर रहे थे। नोटबंदी की घोषणा के बाद से उनके कारोबाद में 10 फीसदी की गिरावट हुई है
Ranjana, a vegetable vendor in Maharashtra has lost half her customers after #NoteBandi of Rs 500 and Rs 1000 notes, @muktavpatil finds out https://t.co/kTS1tlhIcR
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
Ranjana Pawar travels to Chakan everyday for vegetables. "We have no change to give for 2000 rs and can't take 500/1000.Customers halved" pic.twitter.com/7QNSZNmx0w
— Mukta Patil (@muktavpatil) November 22, 2016
रंजना पवार हर दिन सब्जियां बेचने चकन जाती हैं। नोटबंदी की घोषणा के बाद उनके ग्राहर आधे हो गए हैं क्योंकि 2,000 के खुले मिलते नहीं और 500/1000 के नोट वे ले नहीं सकती।
Aziz Kazi, director, market committee, Khed claims potato & onion prices fell 4-5 rupees since #notebandi.Customers fell by 50% in 10 days. pic.twitter.com/OL7Ug5uPvZ
— Mukta Patil (@muktavpatil) November 22, 2016
मार्केट कमेटी, खेड़ के निदेशक अजीज काजी का दावा है कि नोटबंदी की घोषणा के बाद से आलू और प्याज की कीमतों में 4-5 रुपये की गिरावट हुई है। 10 दिनों में ग्राहकों की संख्या आधी हुई है।
1. Santosh, daily wage labourer says no delay in payment, got Rs.100 notes. No bank account yet, since most of Rs.500/week wage is spent. pic.twitter.com/Mwy2DU89wb
— Mukta Patil (@muktavpatil) November 22, 2016
दिहाड़ी मजदूर संतोष का कहना है कि भुगतान में कोई देरी नहीं हुई है। उन्हें 100 का नोट मिला है। लेकिन उनके पास अब भी बैंक अकाउंट नहीं है।
Magarajan, who sells idli, vada around Chakan in Pune distict, has trouble procuring materials. Since #notebandi, business has gone down 50% pic.twitter.com/FKXKlN4Gj9
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
मागराजन पुणे जिले में सड़क के किनारे ठेला लगाते हैं। नोटबंदी का प्रभाव इनके काम पर भी पड़ा है। ग्राहकों की संख्या लगभग आधी हुई है।
इसी बीच वाघमारे ने अहमदनगर जिले के पथारदी इलाके का दौरा किया। यहां का लिंग अनुपात 927 है जबकि साक्षरता दर 64 फीसदी है।
Pathardi in Ahmednagar district in #Maharashtra has a sex ratio of 927 (India 933) and a literacy rate of 64% (India 74%).
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
पथारदी के 2.3 लाख लोगों में से 80,000 किसान हैं जबकि 24,000 मजदूर हैं।
Of 2.3 lakh people in Pathardi, 80,000 are farmers while 24,000 are labourers (Census 2011). In India, labourers (144 mn) > farmers (96 mn)
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
अहमदनगर में असलम शेख की मिठाईयों की दुकान है। शेख कहते हैं कि नोटबंदी के बाद उनके यहां आने वाले ग्राहकों की संख्या आधी हुई है।
Aslam Shaikh, shopkeeper and mithaiwala in Tisgaon, Ahmednagar sells sweets in weekly market at Pathardi. Laat week, his sale halved. pic.twitter.com/KypdNF59HC
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
शेख आगे कहते हैं कि खर्चों में कहीं कोई कमी आई है लेकिन आय आधी हो गई है।
@akwaghmare Aslam Shaikh (44) also said that payments to workers remains unchanged. Expenses constant but income halved. (2/2)
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
सतीश कराले एक डेयरी चलाते हैं। नोटबंदी का प्रभाव इनके कारोबार पर भी पड़ा है। सतीश अपने डेयरी किसानों को हर पंद्रह दिनों में 1,5 लाख का भुगतान करते हैं। लेकिन नोटबंदी के कारण इन्हें भुगतान करने में देरी हुई है।
Satish Karale owns a dairy, and pays dairy farmers a total Rs 1.5 lakh/fortnight. This week, payments delayed due to #NoteBandi pic.twitter.com/OJigJLjWY2
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
@akwaghmare Karale could pay Rs 25k this week, 1/3rd his regular outgo. But he is positive. "I will do cheque payments hereon" he says.
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
Bhadke works as a security guard, earns ~Rs 4k per month. Avg spending Rs 600 per week, down to Rs 400 this week. Had to borrow. @akwaghmare pic.twitter.com/sxgVuQbKv6
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
इस बीच शाह ने ठाणे जिले में हमरापुर इलाके का दौरा किया।
In an economy where nearly 90% of transactions are in cash, #NoteBandi of Rs 500 and Rs 1000 has reduced Naresh's earnings by half. https://t.co/i4E1KOOVkX
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
हमरापुर में किराने की दुकान चलाने वाले नरेश दत्तु पाटिल ने भी नोटबंदी का प्रभाव अपनी आय पर काफी ज्यादा होने की बात कही है।
Naresh Dattu Patil, 49, owner of a small kirana shop, hamrapur phata, thane district, says his earnings reduced to half after #notebandi. pic.twitter.com/F7iPT7sHjR
— Shreya Shah (@ShreyaShah26) November 22, 2016
.@FinMinIndia had announced yesterday that farmers can use old notes to procure seeds. Farmer in Thane reflects on the exemption. https://t.co/9X0T7tqrNK
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
सरकार के इस कदम से किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नारायण रिनजद कहते हैं कि मैं सरकारी दुकान से बीज नहीं खरीदता हूं। इसका एक कारण दुकान की दूरी ज्यादा होना है और दूसरा यह कि जरुरी नहीं कि हर समय दुकान में बीज उपलब्ध ही हो।
"I don't buy seeds at the gov shop. Its 15km and you don't always get the seeds," says Narayan Rinjad, farmer, on gov decision @IndiaSpend pic.twitter.com/cLGu6QhhHd
— Shreya Shah (@ShreyaShah26) November 22, 2016
@ShreyaShah26 1. He gave rs 2000 and bought rs 1800 worth of seeds from a private shop. Got 200 in change.
— Shreya Shah (@ShreyaShah26) November 22, 2016
@ShreyaShah26 2. He went once to the bank to deposit rs 5000. Took back rs. 2000 in cash. Took 4 hours. "I can't go back and waste time."
— Shreya Shah (@ShreyaShah26) November 22, 2016
@ShreyaShah26 3. He said wasn't affected much because they eat what they grow. #NoteBandi good as "people will have to deposit black money".
— Shreya Shah (@ShreyaShah26) November 22, 2016
इलाके में कुछ लोग नोटबंदी का पूरा समर्थन करते हुए दिखे।
Jitendra, 30, daily wage earner, hasn't taken pay for last 2 wks. "We will take once the employer has change." He supports #NoteBandi pic.twitter.com/NF9Mggwl0L
— Shreya Shah (@ShreyaShah26) November 22, 2016
यदावार ने वाशी, नवी मुंबई के कृषि उपज बाजार (जिसे आम तौर पर एपीएमसी बाजार कहा जाता है) का दौरा किया।
Krishna Bihari Shukla,36 works as a hamal in the vegetable market, APMC, Vashi, "We hardly ever get 500 notes. So I don't see a change." pic.twitter.com/6MjMyvhoid
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
कृष्ण बिहारी शुक्ला 300 रुपए प्रतिदिन कमाते हैं। शुक्ला के पास बैंक खाता नहीं हैं। अपने घर पैसे भेजने के लिए दोस्त के खाते का इस्तेमाल करते हैं।
@swagata_thinks He earns 300/day, doesn't have a bank account and sends his money home thru his friend's account. He had no note to exchange pic.twitter.com/IV6v6Ec1rl
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
नोटबंदी के लेकर कुछ लोगों की राय स्पष्ट नहीं है। वे कहते हैं कि हमें पता नहीं यह सही है या नहीं लेकिन इससे हमारी आय आधी हो गई है।
Sunil Chavan,42 works at Maharashtra Mathadi Kamgar Union, "There are less goods in the market so there is less work." 1/2 pic.twitter.com/4A9aUTS1cb
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
@swagata_thinks "Our earnings have halved in the last ten days.""Mathadis earn less so nothing to exchange. Don't know if it is good or bad"
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
कई सब्जी बिक्रेता नगदी में लेन-देन करते हैं।
Laksmi Kadam, 50, vegetable seller "Our earnings have halved in the last ten days. Selling veggies at Rs 5 to 10 per 250 gm" pic.twitter.com/zqSCsWVMgX
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
@swagata_thinks "It is a good move but what are we, small traders, supposed to do. These earnings aren't enough" 2/3 pic.twitter.com/XgbfA7lz5p
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
वहं कई ऐसे बिक्रेता भी हैं जिन्हें लगाता है कि उनके कारोबार पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। उनका मानना है कि कारोबार माल की मांग और आपूर्ति पर निर्भर करता है न की नोट पर।
@swagata_thinks Lakshmi like other vegetable sellers deals in cash and deposits money in a self help group. Her son deposited 10,000 for her
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
Ramashankar Gupta, 40, Vegetable merchant, APMC, "There has been no change. Business depends on demand and supply of goods not notes" 1/2 pic.twitter.com/IrKcIGgTIs
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
@swagata_thinks "Whatever Modiji does will be good for the nation." 2/2 pic.twitter.com/7BusFCCsVo
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
पाटिल ने पुणे जिले के राजगुरुनगर का दौरा किया है।
1. Chemist in Rajgurunagar, accepting old notes till tomorrow, faces trouble with change. Business down 50% since #notebandi @muktavpatil pic.twitter.com/27Y6DuCyTu
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
@muktavpatil People queue up outside an ATM near the chemist in this town of 25,146 people in Khed district. pic.twitter.com/B9ZqEKQiUM
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
इलाके में बैंकों और एटीएम मशीनों के सामने लंबी कतारे देखने मिली है। बैंक के शाखा प्रबंधक का कहना है कि लेन-देन सुचारू रूप से चल रहा है।
People wait outside an SBI branch at Rajgurunagar, Khed district. Branch manager says transactions going smoothly. (1/2) pic.twitter.com/qEFeZsyFWY
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
Since #notebandi, 7 out of 10 of his staff are occupied with cash transactions; other banking functions are taking a hit, the manager said. pic.twitter.com/nAk3ZfGiJB
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
इस बीच, वाघमारे एक सिविल ठेकेदार और अहमदनगर में एक होटल के मालिक से मुलाकात की।
Pravin Dahifale, civil contractor in Pathardi digs farm ponds in fields. His business of Rs 60,000/month has come down to NIL in last 10days pic.twitter.com/70rdi5Kdjn
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
पिछले 10 दिनों में इन्हें भी अपने काम में काफी नुकसान उठाना पड़ा है।
@akwaghmare Dahifale is hopeful that business will be normal in 2-3 months. But most of his business in cash; hit by #NoteBandi
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
.@akwaghmare finds out that #NoteBandi hasn't affected Baban Kharshe from Kaudgaon, Ahmednagar. pic.twitter.com/a3qvQw31hm
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
इस बीच शाह ठाणे के जिला केंद्रीय सहकारी बैंक पहुंची।
लोगों को हफ्ते में दो-तीन बार बैंकों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं ताकि वे श्रमिकों को भुगतान कर सकें।
Purushottam Patil, 73, visited co-op bank thrice since #NoteBandi. Trip takes 2-3 hrs but he has to pay laborers for harvesting farm (1/3) https://t.co/D6lYw7EmrW
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
@ShreyaShah26 1. He lives in Kurze, palghar district, pays rs 50 for travel to thane district central co-op bank. Total withdrawal 2000*3. pic.twitter.com/vZNGVUfuHc
— Shreya Shah (@ShreyaShah26) November 22, 2016
इलाके के कई लोग इन बैंकों पर निर्भर हैं। लेकिन इस समय लोगों को बैंको से पैसे निकालने में काफी परेशानी हो रही है।
@ShreyaShah26 2. People can withdraw new notes at Co-op banks but these don't take old notes.
— Shreya Shah (@ShreyaShah26) November 22, 2016
8 lakh citizens depend only on Maharashtra's 31 district cooperative banks https://t.co/aHraRrlYev
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
यदावार ने एक पपीता किसान और वाशी के एपीएमसी बाजार में भाजीपला महासंघ के अध्यक्ष से मुलाकात की जबकि वाघमारे ने पथारदी में एक सब्जी विक्रेता से मुलाकात की है।
1. Thane District Central Co-op bank serves 35 villages, mostly farmers. Doesn't have enough cash for everyone, say customers @IndiaSpend pic.twitter.com/vteTJr5HsX
— Shreya Shah (@ShreyaShah26) November 22, 2016
नोटबंदी का प्रभाव इनके कारोबार पर भी पड़ा है।
2. "If this goes on, people might not deposit money in the future," says Rajesh Chaudhry, farm owner. "Why can't I get my own money." pic.twitter.com/9tW9iGZ1Q1
— Shreya Shah (@ShreyaShah26) November 22, 2016
3. "Why are there new statements every day? People are unsure about tomorrow," Chaudhry. Will know effect on black money after 2-3 mths.
— Shreya Shah (@ShreyaShah26) November 22, 2016
1. I don't ask if people have money before they eat, but now have to,Vilas Gadekar, teastall owner. don't have change for 2000.#NoteBandi pic.twitter.com/0x6eu9vcRL
— Shreya Shah (@ShreyaShah26) November 22, 2016
2. Business has gone down by 50-60%: Gadekar, tea stall owner in Kanchad. #NoteBandi will be good, but I don't know why, he says.
— Shreya Shah (@ShreyaShah26) November 22, 2016
यदावार ने एक पपीता किसान और वाशी के एपीएमसी बाजार में भाजीपला महासंघ के अध्यक्ष से मुलाकात की जबकि वाघमारे ने पथारदी में एक सब्जी विक्रेता से मुलाकात की है।
Ravindra Patil,30, papaya farmer travelled to Vashi APMC with his produce as no traders were coming to buy at home. Spent 9000 on tempo 1/2 pic.twitter.com/VPRESKXuPV
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
नोटबंदी का प्रभाव इनके कारोबार पर भी पड़ा है।
@swagata_thinks "season just started &this happened. I'v taken a loan of 2.5 lac" He supports #notebandi "it will be b good 4 the future"2/2
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
"We've kept APMC open for the farmers. They are the real losers. Rates have fallen 50%" Kailash Tajane, President Bhajipala mahasangh 1/3 pic.twitter.com/YC4Tl9aoDf
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
@swagata_thinks "We work on credit so business is still on. Farmers can't use 2000 note we give, they have to pay workers" 2/3 #notebandi
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
@swagata_thinks "50000 limit for traders not enough, transport cost itself is 70000" Tajane says 3/3 #notebandi pic.twitter.com/3I8PPYJC2z
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
Current account withdrawal set at Rs 50,000 a week. https://t.co/sSV1n4NQ8A
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
"I used to sell vegetables worth Rs 4000/week in 4 nearby markets, which came down to Rs 2000 last week, due to #NoteBandi " - Kayyum Bagwan pic.twitter.com/nKUz2hmcYJ
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
@akwaghmare Buyers came with Rs 500 notes, which Bagwan rejected. He had no assurance of getting them converted to valid currency.
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
वाघमारे ने ग्रामीण सहकारी बैंक के प्रबंधक और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के साथ एक बैंकिंग कारोबार संवाददाता के साथ भी मुलाकात की।
"Ambedkar had proposed to revise currency after every 10 years, so this move by govt is good" a coop bank manager in Pathardi said.
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
@akwaghmare Bank business will be stalled for a month, Balance sheet will be affected, he added.
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
@akwaghmare "We are getting loans and interest on investment,but in cashless form. Our customers cannot withdraw. Temporary loss inevitable"
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
"Rise in business transacted by banking business correspondents (BBC)," Dadasaheb Yedhe, BBC with @TheOfficialSBI told me. pic.twitter.com/ilowVaN2fv
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
People are exchanging old Rs 500 notes with Rs 100 notes from us, at doorstep, he said.
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
"Big benefit to villages without bank branch. But one BBC gets Rs 50k daily, thus can serve only 20 people which is too less.
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
...most villagers are thus out of cash. But as withdraw limits rise, situation will improve" Yedhe added.
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
इसी बीच पाटिल ने एक दूध पार्लर के प्रबंधक से मुलाकात की, और फिर खेड़, पुणे जिले में एक शादी हॉल के मैनेजर से बात की।
Usually, weekend business was Rs 1 lakh/day, weekday Rs 60k. Since #notebandi, business down 30-40%: Manager SM Thorat tells @muktavpatil pic.twitter.com/Q5PFxPdjWd
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
नोटबंदी का खासा असर इन कारोबार पर भी पड़ा है।
No wedding bookings for Dec, business down, says owner of marriage hall in Manchar. "If people don't have notes, how will they give me?" pic.twitter.com/WLBeKN2VAH
— Mukta Patil (@muktavpatil) November 22, 2016
इसके बाद यादवार ने एक फल व्यापारी और वाशी एपीएमसी बाजार में एक फुटकर बिक्रेता से मुलाकात की।
Baban Amle,67,Fruit trader, Business down from 25000 to 5000/ day "Farmers are the ones losing out, they can't stop fruits from ripening"1/2 pic.twitter.com/C4hzJ7cQEb
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
फल बिक्रेताओं को खासा नुकसान का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि फलों के पकने पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।
@swagata_thinks "if smaller denomination notes were available. Things would be better" Supports #notebandi "Good for common man" 2/2
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
लेकिन फिर भी मोदी के इस कदम का समर्थन करने वाले लोग कम नहीं हैं। सुनिल जैसवाल की प्रतिदिन आय 1,000 रुपए से कम हो कर 6,00 रुपए हुई है लेकिन फिर भी वे कहते हैं कि अगर मोदी जी ने ये कदम उठाया है तो यह हमारी बेहतरी के लिए ही होगा।
Sunil Jaiswal,25, Fruit retailer, daily income dropped from 1000 to 600. Supports #NoteBandi "if Modi has done it, it will be good for us" pic.twitter.com/wFr1dloGMC
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
@swagata_thinks "Rich people will suffer, why should poor worry?" "Do you think they will deposit money in our accounts?" #Notebandi
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
पथारदी में वाघमारे ने एपीएमसी बाजार जाने से पहले भारतीय स्टेट बैंक की शाखा का भी दौरा किया।
In this complex, SBI is operating bank branch, ATM, bank correspondents. Line pace too slow, PoS machine connectivity lost. People stranded. pic.twitter.com/TM3sB93j6C
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
बैंकों में लंबी कतारें देखने मिली है।
@akwaghmare average time/ person 10 min. Queue about 50 people long. Queue at Bank correspondent 5 persons, but no network, cant withdraw.
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
Cotton and cereals trader in Pathardi APMC Rajendra Danapure's business of Rs 50k/day reduced to Rs 30k per day after #NoteBandi
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
@akwaghmare farmers do not accept old notes now. After RBI allowed us to draw Rs 50k from current a/c, at least business is possible. (2/n)
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
80 vehicles/day used to arrive at weighing centre in APMC Pathardi till 8nov, reduced to 20 after 8nov: Shivaji Wakhure, weighing officer. pic.twitter.com/zI0cCwl2OO
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
नोटबंदी का प्रभाव हर तरह के कारोबार पर पड़ा है।
"Farmers do not accept cheques as most have bank a/cs in coop banks which dont accept them. Most cannot fill deposit slip" Dilip Kate..(1/n) pic.twitter.com/l2DNzaQJvC
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
@akwaghmare ... secretary, Pathardi APMC. "On 9 nov, poblem was old notes, 16 nov market day, the issue was Rs 2000 notes. Business stalled"
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
@akwaghmare cattle market down in APMC. Arrival of animals down from 1803/day to 870/day befor n after #notebandi (3/n) pic.twitter.com/by26Kosu4x
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
@akwaghmare sale of animals dropped too.. from Rs 40 lakh/day to Rs 17 lakh/day: official APMC data by Secy. Dilip Kate. (4/n) pic.twitter.com/Qq8dE2ixIo
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
@akwaghmare vehicles incoming in APMC Also reduced from 449/day on 26 oct, 463 on 2nov, dropped to 125 on 16nov. (6/n)
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
@akwaghmare Cotton arrival in Pathardi APMC comes down And resumes in two weeks after #NoteBandi (7/n) pic.twitter.com/J8OiuudXzo
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
शाह ने कुछ सड़क के किनारे दुकान के मालिकों से भी बात की। उनका कहना है कि उनके पास इतने पैसे ही नहीं हैं इसलिए उन पर इस कदम का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
"We don't have money so it doesn't affect us," Rasika Lohale, corner shop owner, Wade Pali. Earns rs 300-400/day, pre #notebandi 500-600 pic.twitter.com/6XPkJIoOwf
— Shreya Shah (@ShreyaShah26) November 22, 2016
इस बीच यदवार ने मरीजों और उनके रिश्तेदारों से बात करने के लिए किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल और टाटा मेमोरियल अस्पताल का दौरा किया।
.@swagata_thinks reports from KEM hospital, to where Kopkar brought her daughter-in-law, who has a diabetes-related problem, from 21km away https://t.co/kSSaFUVuyF
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
Anandi Koparkar, 49, Bhandup resident, sold garlands,son had a chinese food stall. Both businesses shut since 11 Nov "No one had change"1/2 pic.twitter.com/verNWbNbe9
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
नोटबंदी का असर के कारण अब लोग निजी अस्पताल में इलाज नहीं करा पा रहे हैं।
@swagata_thinks Income dropped from 1000/day to zero now. She has come to KEM hosp, as pvt care is now unaffordable. Says no to #notebandi
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
@swagata_thinks "Notebandi has caused us lot of distress. We r struggling to fill our stomachs now" #notebandi pic.twitter.com/OPqGxLTLmU
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
बाहर से आने वाले मरीजों पर इसका असर अधिक हो रहा है।
Saifullah,49 years, from Bihar, suffers from Liver cancer. He came to Tata memorial hospital, Parel with 40 k cash no Atm card#notebandi 1/3 pic.twitter.com/RTRSlL9faV
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
@swagata_thinks He deposited 26k in TMH, rest 14k were in old currency. He asked a guy from his native to exchange his notes#notebandi 2/3
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
@swagata_thinks "I would have starved without that guy" "Had govt planned better so much suffering could have been avoided." #NoteBandi 3/3 pic.twitter.com/InpFjigndU
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
Mahavir Malhar,52, from Jharkhand brought his wife with ear cancer to Tata Memorial. They currently have no money for food or even tea 1/3 pic.twitter.com/TEgETsGIXo
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
@swagata_thinks they stay on the footpath & eat free meals at TMH. Their sons back home can't send money because of long lines at bank 2/3
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
@swagata_thinks "If there were no free meals here, we would have abandoned treatment and gone home" he says. Undecided abt #notebandi 3/3 pic.twitter.com/olQij6Qqqr
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
Ranidevi, 34, from Bihar has Rectal cancer, her husband has gone back home to exchange money they had #notebandi 1/2 pic.twitter.com/Slggihfqep
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
@swagata_thinks Her husband is a farm labourer, she is a housewife. He earns 100-200/day. Nothing is left to save in a bank. #NoteBandi 2/2
— swagata yadavar (@swagata_thinks) November 22, 2016
इस बीच पाटिल ने पुणे के नायाराणगांव में किराना दुकानदार, बीज, उर्वरक बिक्रेता, जिला सहकारी बैंक के प्रबंधक से बात की।
"Even with swipe machines our footfall is 70% lower this season," Tushar Dawkhar, Jai Anand Store selling seeds, fertilisers etc (1/2) pic.twitter.com/2cghSrPBa0
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
"Despite having bank A/Cs, farmers can't withdraw from District Cooperative Banks & they don't have cards": Warulwadi, Junnar district (2/2)
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
बैंक खाते होने के बावजूद किसान जिला सहकारी बैंकों से पासे नहीं निकाल सकते क्योंकि उनके पास कार्ड नहीं है।
Bappu Daiphale's small kirana store, Narayangaon. Sales halved (10000 to 5000/day) in past 12 days. No bank account, stocking now on credit. pic.twitter.com/E4BWRNIDf2
— Mukta Patil (@muktavpatil) November 22, 2016
दुकानदारों में आने वले ग्राहकों की संख्या भी आधी हुई है।
"Farmers, dairy, teachers etc unable to access funds properly." Jaimala Kale, District Cooperative Bank manager(1/3) @muktavpatil #notebandi pic.twitter.com/Ohsfnr6MG2
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
"Withdrawals are dependent on how much the bank branch gets from head zonal branch" (2/3) @muktavpatil
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
"There is also a fear among farmers about their previous deposits and FDs since they are unable to access those funds." (3/3) @muktavpatil
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
Customer service rep(Narayangaon) says all 5 SBI counters relegated to #notebandi related cash-work.Still queues stretch till closing time. pic.twitter.com/ObxntWtyjj
— Mukta Patil (@muktavpatil) November 22, 2016
"I owe farmers as much as Rs 14-15 lakh. They don't want old notes & because of withdrawal limit I can't repay them yet." (1/2) @muktavpatil pic.twitter.com/0pKfm1UGNK
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
(2/2) "Before #NoteBandi tomatoes sold at Rs 8-9/kilo, now Rs 5/kilo," Satish Bhor, trader at a Narayangaon vegetable mkt, Pune @muktavpatil
— IndiaSpend (@IndiaSpend) November 22, 2016
वाघमारे फिर बताया कि अहमदनगर जिले के पथारदी में एपीएमसी बाजार को 100 रुपए के नोटों की कमी के कारण व्यापारियों द्वारा बंद कर दिया गया है।
APMC shuts down! "we hv stopped cotton purchase closed until Rs 100 notes come in good qty. "- Goraksh Dhakne,trader in Pathardi apmc (1/n)
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
@akwaghmare "we will not open shops until Rs 100 notes come in circulation in higher amounts" traders said.(2/n)
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
@akwaghmare on the other hand, farmers could not sell cotton to registered traders, since they did not want to be paid in Rs 500 notes (3/n)
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
@akwaghmare one farmer Madhav Ghuge got Rs 4200/qtl instead of market price Rs 5k/qtl, because he wanted paid in Rs 100 notes. (4/n)
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
@akwaghmare Ghuge bears a loss of Rs 800 per qtl because of #NoteBandi
— Abhishek Waghmare (@akwaghmare) November 22, 2016
NOTE: An earlier version of this post incorrectly stated that Maharashtra has 30 million of the 80 million people who live on less than Rs 1,000 a month. The correct datum is that 80 million live in Maharashtra on less than Rs 1,000 a month.
यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 23 नवम्बर 2016 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
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