नीचे की अदालतों में एक तिहाई से भी कम महिला जज
इंदौर: भारत के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 17 में जिला अदालतों और नीचे की अदालतों में, एक-तिहाई से भी कम जज महिलाएं हैं। यह जानकारी नई दिल्ली स्थित कानूनी विचारक मंच, ‘विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी’ द्वारा फरवरी 2018 के विश्लेषण में सामने आई है।
सामान्य जनसंख्या में 48.5 फीसदी महिलाएं शामिल हैं, और निचली न्यायपालिका में पुरुषों का वर्चस्व, न्याय की उम्मीद में बैठी हजारों महिलाओं की स्थिति को प्रभावित कर सकती है।
न्यायपालिका में महिला जजों की संख्या अधिक होने फैसले के असर को समझने में मिलती है मदद और न्याय के लिए महिलाओं की पहुंच की बाधाएं होती हैं कम, जैसे कि हिंसा और दुर्व्यवहार जुड़े कलंक, जैसा कि रिपोर्ट में कहा गया है। यह “ कानूनी पेशे और नियुक्ति प्रक्रिया में अवसरों की समानता का भी संकेत देता है जो यह मेरिट-आधारित, निष्पक्ष और गैर-भेदभावपूर्ण है "।
‘विधि विश्लेषण’ में मार्च और जुलाई 2017 के बीच न्यायालयों की वेबसाइटों पर रिपोर्ट किए गए न्यायाधीशों के नामों का इस्तेमाल किया है।
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Gender Composition In Lower Judiciary | ||
---|---|---|
Gender of judges | Total Number | Percentage |
Male | 11,397 | 71.40% |
Female | 4,409 | 27.60% |
Unknown | 153 | 1% |
Total | 15,959 | 100% |
Source: Tilting the scale, gender imbalance in the lower judiciary, Vidhi center for legal policy
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और दादरा और नगर हवेली में एक भी महिला जज नहीं थी। विश्लेषण किए गए सभी राज्यों में नीचे की अदालतों में, 11.5 फीसदी महिला जजों के साथ बिहार की न्यायपालिका में महिला जजों का अनुपात सबसे कम था। इसके बाद झारखंड (13.9 फीसदी), गुजरात (15.1 फीसदी) और जम्मू और कश्मीर (18.6 फीसदी) का स्थान रहा है।
नीचे की न्यायपालिका में महिला जजों का उच्चतम अनुपात मेघालय (73.8 फीसदी) में था। इसके बाद गोवा (65.9 फीसदी) और सिक्किम (64.7 फीसदी) का स्थान रहा है।
नीचे की न्यायपालिका में मेघालय में महिला जजों का अनुपात सबसे उच्च है, अंडमान निकोबार में एक भी महिला जज नहीं
Source: Tilting the scale, gender imbalance in the lower judiciary, Vidhi center for legal policy
विश्लेषण से पता चलता है कि नीचे के स्तरों की तुलना में जिला न्यायाधीश के स्तर पर महिला जजों का अनुपात कम है। उदाहरण के लिए, मध्य प्रदेश में, जूनियर डिवीजन में महिला जज 42.1 फीसदी थीं, जबकि जिला जज महिलाएं 13.6 फीसदी थीं।
भारतीय न्यायपालिका में लिंग विविधता पर डेटा का अभाव
अगर अब की तुलना में, 1995 में जूनियर डिवीजन में कुछ महिला न्यायाधीश होतीं तो वर्तमान में नीचे की आदालतों में वे उच्च पदों पर होतीं, चूंकि उच्च पद ज्यादातर पदोन्नति के माध्यम से भरा जाता है, जैसा कि रिपोर्ट में समझाया गया है।
भारत में न्यायपालिका के नीचे के स्तर पर अधिक महिलाएं
More Women At Lower Levels of the Judiciary in India | |||
---|---|---|---|
State | Tier | Total Number of Judges | Percentage of Women Judges |
Andhra Pradesh | District Judge | 105 | 24.76% |
Civil Judge (Senior Division) | 120 | 34.16% | |
Civil Judge (Junior Division) | 290 | 44.13% | |
Others | 41 | 26.82% | |
Assam | Grade I32 | 73 | 27.39% |
Grade II | 69 | 33.33% | |
Grade III | 115 | 48.69% | |
Others | 28 | 25% | |
Madhya Pradesh | District Judge | 359 | 13.65% |
Civil Judge (Senior Division) | 438 | 18.95% | |
Civil Judge (Junior Division) | 422 | 42.18% | |
Others | 32 | 6.25% | |
Rajasthan | District Judge | 326 | 14.42% |
Civil Judge (Senior Division) | 276 | 32.97% | |
Civil Judge (Junior Division) | 289 | 36.68% | |
Others | 71 | 15.49% | |
West Bengal | District Judge | 246 | 16.26% |
Civil Judge (Senior Division) | 147 | 21.76% | |
Civil Judge (Junior Division) | 287 | 43.20% | |
Others | 35 | 17.14% | |
Gujarat | District Judge | 218 | 10.60% |
Civil Judge (Senior Division) | 272 | 18.40% | |
Civil Judge (Junior Division) | 442 | 15.60% | |
Others | 47 | 4.25% | |
Tamil Nadu | District Judge | 182 | 35.16% |
Civil Judge (Senior Division) | 280 | 35.71% | |
Civil Judge (Junior Division) | 414 | 37.68% | |
Others | 77 | 40.25% | |
Uttarakhand | District Judge | 40 | 20% |
Civil Judge (Senior) Division | 44 | 27.27% | |
Civil Judge (Junior) Division | 73 | 53.42% | |
Others | 27 | 14.81% | |
Himachal Pradesh | District Judge | 29 | 6.89% |
Civil Judge (Senior) Division | 31 | 22.58% | |
Civil Judge (Junior) Division | 49 | 42.86% | |
Others | - | - | |
Telangana | District Judge | 80 | 28.75% |
Civil Judge (Senior Division) | 70 | 45.71% | |
Civil Judge (Junior Division) | 177 | 51.98% | |
Others | 25 | 32% |
Source: Tilting the scale, gender imbalance in the lower judiciary, Vidhi center for legal policy
रिपोर्ट कहती है कि, "इन स्तरों के बीच लिंग संतुलन में अंतर पूर्वाग्रह का संकेत दे सकता है। यह देखते हुए कि पुरुषों और महिलाओं के समान गुण हैं, भेदभाव की अनुपस्थिति में, भी कोई भी ये मान लेगा कि न्यायिक अधिकारियों के किसी भी बैच के लिए, महिला न्यायाधीशों का अनुपात निम्न स्तर से उच्च स्तर तक समान रहेगा। "
हालांकि, कानून स्कूल से स्नातक महिलाओं की संख्या, न्यायिक पदों के लिए आवेदन भरने, और वर्षों में पदोन्नति के बारे में जानकारी के बिना, नीचे की न्यायपालिका में लिंग असंतुलन के पीछे के कारण या समय के साथ लिंग संरचना में बदलाव को समझना मुश्किल है।
रिपोर्ट के लिए, नीचे की न्यायपालिका में जजों पर आंकड़े राज्यों में विभिन्न अदालतों की वेबसाइटों से एकत्र किया गए हैं और न्यायाधीशों का लिंग उनके उपसर्ग के आधार पर और दुनिया भर के नामों का एक डेटाबेस, Gender-API.com का उपयोग कर निर्धारित किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "भारतीय न्यायालयों के विभिन्न स्तरों में महिला न्यायाधीशों के अनुपात पर नियमित आंकड़ों को नियमित रूप से संकलित और प्रकाशित करने के लिए कोई व्यवस्थित प्रयास नहीं हैं।" रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बड़ी संख्या में जिलों और न्यायाधीशों और राष्ट्रव्यापी आँकड़ों की अनुपलब्धता को देखते हुए, नीचे की न्यायपालिका की संरचना को समझना विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण है।
‘विधि सेंटर फॉर लिगल पॉलिसी’ में न्यायिक सुधार की पहल पर शोधकर्ता, नीतिका खेतान कहती हैं, "न्यायपालिका डेटा की कमी के लिए जानी जाती है ... हमें विभिन्न राज्यों में न्यायपालिका में महिलाओं के लिए आरक्षण नीतियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए कई बार कॉल करना पड़ा।"
उच्च न्यायपालिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम
सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय 'उच्च न्यायपालिका' हैं, जबकि जिला न्यायालय और इससे नीचे के न्यायालय 'अधीनस्थ' न्यायपालिका हैं।
यहां तक कि न्यायपालिका में उच्च स्तर में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है। चूंकि 1950 में भारतीय सुप्रीम कोर्ट की स्थापना हुई थी, उसके पास केवल छह महिला न्यायाधीश थे, और वर्तमान में 25 में से एक महिला न्यायाधीश हैं। आठ उच्च न्यायालयों में एक भी महिला न्यायाधीश न होने के साथ, भारत के 24 उच्च न्यायालयों में, महिला न्यायाधीशों की संख्या 10 फीसदी से थोड़ा अधिक है, जैसा कि रिपोर्ट में बताया गया है।
(खेतान लेखक / संपादक हैं। और इंडियास्पेंड के साथ जुड़ी हैं।)
यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 28 मार्च 2018 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
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