पिछले 7 वर्षों में अप्रैल 2017 छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के लिए सबसे घातक महीना
Twenty five Central Reserve Paramilitary Force jawans were killed in an ambush by Maoists in Chhattisgarh’s Sukma district on April 24, 2017. Representational image.
वर्ष 2017 में माओवादी या नक्सली हिंसा में 71 सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई है। दक्षिण एशियाई आतंकवाद पोर्टल (एसएटीपी) के आंकड़ों पर इंडियास्पेंड द्वारा किए गए विश्लेषण के अनुसार, पिछले सात वर्षों में सुरक्षा बलों के लिए यह साल सबसे अधिक घातक रहा है।
हाल ही में 24 अप्रैल 2017 को, छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के हमले में 25 केंद्रीय रिजर्व अर्द्धसैनिक बल (सीआरपीएफ) के जवानों की मौत हुई है। सुकमा में चिंतागुफा के निकट काला पत्थर के पास सीआरपीएफ की 74 बटालियन के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ हुई थी। हम बता दें कि राज्य के दक्षिण बस्तर क्षेत्र माओवादी हिंसा यानी नक्सली हिंसा से बुरी तरह प्रभावित हैं।
छत्तीसगढ़ में माओवादी हिंसा के कारण मौत, वर्ष 2011-17
Source: South Asia Terrorism Portal*The SATP portal has updated data only till April 16, 2017. We have added deaths of jawans on April 24, 2017, as well in our analysis.
We are proud of the valour of our @crpfindia personnel. The sacrifice of the martyrs will not go in vain. Condolences to their families.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 24, 2017
Extremely pained to know about the killing of CRPF personnel in Sukma. My tributes to the martyrs and condolences to their families. 1/2
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) April 24, 2017
भारत में सुरक्षाबलों की बड़ी तादात में हो रही मौतों में बार- बार माओवादी संगठनों का हाथ सामने आया है। इस संबंध में इंडियास्पेंड ने 19 नवंबर, 2015 को अपनी खास रिपोर्ट में विस्तार से बताया है।
माओवादी बल और हिंसा के माध्यम से भारत की सरकार को उखाड़ने के प्रयास में लगे हैं। माओवादी हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में खनिज संपदा की बहुतायत है, समृद्ध वन हैं, आदिवासियों की भूमि है और यह सब महाराष्ट्र से लेकर पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ है।
विकास परियोजनाओं में विस्थापित देश के 2.1 करोड़ लोगों में एक तिहाई आदिवासी हैं और इसी असंतोष का फायदा नक्सली उठाते हैं। इस बारे में 17 जून 2014 को विस्तार से बताया है।
पिछले सात वर्षों में सबसे घातक महीना- अप्रैल 2017
पिछले सात वर्षों में, 48 मौतों के साथ, अप्रैल 2017, छत्तीसगढ़ सुरक्षा बलों के लिए सबसे खतरनाक महीना रहा है। पिछले एक दशक में सबसे खतरनाक महीना अप्रैल 2010 था, जब दंतेवाड़ा में 76 सुरक्षाकर्मियों की मृत्यु हुई है। यह एक बड़ा माओवादी हमला था।
वर्ष 2011 से 2015 के बीच, किसी भी अन्य राज्य की तुलना में भारतीय जनता पार्टी-शासित छत्तीसगढ़ (235) में सबसे अधिक सुरक्षाकर्मियों की मृत्यु हुई है, जैसा कि इंडियास्पेंड ने 14 अप्रैल, 2015 को विस्तार से बताया है।
छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के लिए सबसे खतरनाक महीने, वर्ष 2011-17
Source: South Asia Terrorism Portal*The SATP portal has updated data only till April 16, 2017. We have added deaths of jawans on April 24, 2017, as well in our analysis.
(साहा एक स्वतंत्र पत्रकार हैं। वह ससेक्स विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज़ संकाय से वर्ष 2016-17 के लिए जेंडर एवं डिवलपमेंट के लिए एमए के अभ्यर्थी हैं।)
यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 24 अप्रैल 17 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
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