पूर्वोत्तर में कांग्रेस वोट शेयर में 13.4% की गिरावट
मुंबई: 2014 के बाद से, सात पूर्वोत्तर राज्यों में से छह ( मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, असम और मणिपुर ) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वोटों में औसत 13.4 प्रतिशत अंक की गिरावट आई है। ये आंकड़े 38.1 फीसदी से गिरकर 24.7 फीसदी हुए हैं। सीटों की औसत संख्या करीब आधी, 34.8 से कम होकर 19.5 हुआ है, जैसा कि इंडियास्पेंड के विश्लेषण से पता चलता है।
2014 में लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) केंद्र में सत्ता में आई तो उत्तर पूर्व में इसके औसत वोट शेयर में 23.1 प्रतिशत अंक की वृद्धि हुई है और ये आंकड़े 3.9 फीसदी से बढ़कर 27 फीसदी हुए हैं। 2009 और 2014 के बीच छह राज्यों के चुनावों में 1.5 सीटों की औसत से जीत के साथ, 2014 से भाजपा ने यहां औसत 23.5 सीटें जीती हैं।
फरवरी 2018 के चुनाव में, हालांकि भाजपा का 27 फीसदी वोट शेयर कांग्रेस के 24.7 फीसदी वोट शेयर से थोड़ा ही ज्यादा है, लेकिन अधिक सीटों के साथ और क्षेत्रीय पार्टियों के साथ तेजी से गठबंधन बनाने के बाद भाजपा अब सभी छह राज्यों में सरकार में है।
चूंकि इन दो राष्ट्रीय पार्टियों का मिजोरम में अब भी चुनाव लड़ना बाकी हैष राज्य इस वर्ष के अंत में चुनाव में जाने के लिए तैयार है, क्योंकि 2013 की विधानसभा अवधि खत्म होने जा रही है । यही वजह है कि इस राज्य को हमारे विश्लेषण में शामिल नहीं किया गया है।
कांग्रेस और भाजपा का औसत वोट शेयर और सीटें, 2014 से पहले और बाद में
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Average Vote Share And Seats Of Congress And BJP, Before & After 2014 | |||||
---|---|---|---|---|---|
BJP | Congress | ||||
Average Vote Share (%) | Average Seats Won | Average Vote Share (%) | Average Seats Won | ||
Pre-2014 | 3.9 | 1.5 | Pre-2014 | 38.1 | 34.8 |
Post-2014 | 27 | 23.5 | Post-2014 | 24.7 | 19.5 |
Rise | 23.1 | 22 | Drop | 13.4 | 15.3 |
Source: Election Commission of India
2014 से एक साल पहले, कांग्रेस का वोट शेयर 24 और 36 फीसदी के बीच
2014 के राष्ट्रीय चुनावों में भाजपा की जीत से पहले एक साल तक, कांग्रेस ने 24 फीसदी से 36 फीसदी के बीच एक बड़े वोट शेयर का आनंद लिया है, जबकि भाजपा का वोट शेयर 2 फीसदी से कम था।
मेघालय में 2013 के चुनावों में, जहां 1976 के बाद से कांग्रेस एक गठबंधन या अन्य के माध्यम से सत्ता में थी, यहां वोटों का एक-तिहाई (34.8 फीसदी) से अधिक मतदान हुआ था। यह अब 6.3 प्रतिशत अंक नीचे, 28.5 फीसदी है।
हालांकि, फरवरी 2018 के चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, लेकिन दो सीटों के साथ ( 2013 में एक भी सीटें नहीं थी ) भाजपा ने मेघालय में सरकार बनाने के लिए नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी), यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी, हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के साथ गठबंधन किया है। इसका वोट शेयर 1.27 फीसदी से 9.6 फीसदी तक यानी 8.3 प्रतिशत अंक बढ़ा है।
त्रिपुरा में, जहां कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया-मार्क्सवादी (सीपीएम) 25 वर्षों तक सत्ता में थी, 2013 के चुनावों में 36.5 फीसदी का कांग्रेस का वोट शेयर दूसरा सबसे बड़ा था। पिछले हफ्ते के परिणाम में पार्टी का वोट शेयर 34.7 प्रतिशत अंक गिरकर 1.8 फीसदी हो गया है। 2013 में, पार्टी ने 10 सीटें जीती थीं; इस साल उसने कोई सीट नहीं जीती है।
2013 में त्रिपुरा में भाजपा का वोट शेयर और भी कम था, करीब 1.3 फीसदी, लेकिन अब 41.7 प्रतिशत अंक बढ़ कर 43 फीसदी हुआ है, जो सीपीएम के 42.6 फीसदी की तुलना में अधिक हो गए हैं, और त्रिपुरा के स्वदेशी पीपुल्स फ्रंट के साथ गठबंधन (जिसने आठ जीते हैं) पार्टी को 35 सीटों के साथ सरकार बनाने की इजाजत देता है (2013 में कोई भी नहीं था)।
नागालैंड में, भाजपा 2003 से नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के साथ गठबंधन के जरिए पहले से ही सत्ता में थी, लेकिन अब तक कांग्रेस ने राज्य के चुनावों में बड़ी संख्या में वोट शेयर का आनंद लिया है। 2013 के चुनावों में, कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी पार्टी रही है, जिसका वोट शेयर 24.9 फीसदी था। यह अब 22.8 प्रतिशत अंक गिरकर 2.1 फीसदी हुआ है।
भाजपा ने 12 सीटों पर जीत हासिल करते हुए 15.3 फीसदी वोट हासिल किए, यानी 2013 की तुलना में 13.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जब उसका वोट शेयर 1.8 फीसदी था।नागालैंड में सत्तारूढ़ गठबंधन बनाने के लिए, फरवरी 2018 के चुनाव के पहले एक सीट साझा के विवाद को समाप्त करने के बाद पार्टी अब एनपीएफ में फिर से शामिल हो गई है।
2014 से पहले एक साल: वोट शेयर और सीटें, कांग्रेस बनाम भाजपा
A Year Before 2014: Vote Share And Seats, Congress Vs BJP | ||||||
---|---|---|---|---|---|---|
Vote Share (In %) | ||||||
State | Post 2014 | Pre-2014 | ||||
Year | Congress | BJP | Year | Congress | BJP | |
Tripura | 2018 | 1.8 | 43% | 2013 | 36.5 | 1.50% |
Meghalaya | 2018 | 28.5 | 9.60% | 2013 | 34.8 | 1.30% |
Nagaland | 2018 | 2.1 | 15.30% | 2013 | 24.9 | 1.80% |
Seats Won | ||||||
State | Post 2014 | Pre-2014 | ||||
Year | Congress | BJP | Year | Congress | BJP | |
Tripura | 2018 | 0 | 35 | 2013 | 10 | 0 |
Meghalaya | 2018 | 21 | 2 | 2013 | 29 | 0 |
Nagaland | 2018 | 0 | 12 | 2013 | 8 | 1 |
Source: Election Commission of India
2014 के बाद, भाजपा वोट शेयर 18-34 प्रतिशत अंक ऊपर
अप्रैल 2014 में, जब अरुणाचल प्रदेश के आखिरी राज्य चुनाव हुए थे ( लोकसभा चुनाव से एक महीने पहले ) पहली बार इस क्षेत्र में सत्ता में बदलाव स्पष्ट हो गया था। कांग्रेस ने 42 सीटें जीती थीं और 49.5 फीसदी वोट शेयर हासिल किया था लेकिन सरकार बनाने में असफल रहा था, क्योंकि 11 सीटों के साथ भाजपा और 31 फीसदी वोट शेयर के साथ पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल और अन्य ने गठजोड़ किया था ।
हालांकि, कांग्रेस के वोट शेयर में केवल 0.9 प्रतिशत अंक की कमी हुई है, यानी 2009 में 50.4 फीसदी से 2014 में 49.5 फीसदी हुआ है जबकि भाजपा का प्रतिशत 5.2 फीसदी से बढ़कर 25.8 फीसदी हो गया है।
दो साल बाद, 2016 में, पड़ोसी असम में हुए अगले चुनाव में, कांग्रेस पार्टी के वोट शेयर में 8.4 प्रतिशत अंक की गिरावट हुई है। यह आंकड़े 2011 में 39.4 फीसदी से गिरकर 2016 में यह 31 फीसदी हुआ है। जीते गए सीटों की संख्या 2011 में 78 थी, जो कम हो कर 52 और 2016 में 26 हुआ है।
इस बीच भाजपा का वोट शेयर 18 प्रतिशत अंक बढ़ा है, यानी 2011 में 11.5 फीसदी से बढ़कर 2016 में 29.5 फीसदी हुआ है। पिछली चुनाव में मुट्ठी भर सीटें (पांच) जीतने से, राष्ट्रीय सत्तारूढ़ पार्टी ने अब 60 सीटें हासिल की थीं, जिससे लगता है कि पार्टी भारत के सबसे बड़े पूर्वोत्तर राज्य में दृढ़ता से स्थापित हो रही है।
2017 के मणिपुर चुनाव में, 28 सीटें जीतते हुए कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी ( भाजपा के 21 के मुकाबले सात अधिक ) लेकिन इसका वोट शेयर में वास्तव में 7.3 प्रतिशत अंक की गिरावट हुई है, 2012 में 42.4 फीसदी से गिरकर 2017 में 35.1 फीसदी हुआ है। भाजपा का वोट शेयर इस समय के दौरान 34.2 प्रतिशत अंक बढ़कर 2.1 फीसदी से 36.3 फीसदी हो गया है।
कांग्रेस 2012 से 14 सीटें गंवा चुकी थीं; भाजपा को लाभ हुआ है क्योंकि पिछले विधानसभा में इसमें पास कोई सीट नहीं थी।
कांग्रेस के अधिक सीटें जीतने के बावजूद, सरकार बनाने के लिए भाजपा ने तेजी से नेशनल पीपुल्स पार्टी, नागा पीपुल्स फ्रंट, लोक जनशक्ति पार्टी, तृणमूल कांग्रेस के साथ एक गठबंधन किया था।
2014 से आगे: कांग्रेस और भाजपा का वोट शेयर और सीट
2014 Onwards: Vote Share And Seats Of Congress And BJP | ||||||
---|---|---|---|---|---|---|
Vote Share (In %) | ||||||
State | Post 2014 | Pre-2014 | ||||
Year | Congress | BJP | Year | Congress | BJP | |
Arunachal Pradesh | 2014 | 49.5 | 31 | 2009 | 50.4 | 5.2 |
Assam | 2016 | 31 | 29.5 | 2011 | 39.4 | 11.5 |
Manipur | 2017 | 35.1 | 36.3 | 2012 | 42.4 | 2.1 |
Seats Won | ||||||
State | Post 2014 | Pre-2014 | ||||
Year | Congress | BJP | Year | Congress | BJP | |
Arunachal Pradesh | 2014 | 42 | 11 | 2009 | 42 | 3 |
Assam | 2016 | 26 | 60 | 2011 | 78 | 5 |
Manipur | 2017 | 28 | 21 | 2012 | 42 | 0 |
Source: Election Commission of India
(सलदानहा सहायक संपादक हैं और इंडियास्पेंड के साथ जुड़ी हं।)
यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 10 मार्च 2018 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।
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