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हाल ही में पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए एक रैली में नवजोत सिंह सिद्धू एवं अन्य कांग्रेसी नेता। भारत के करीब आधे (2,410) सांसद और विधायकों ने 2 करोड़ रुपए से अधिक की घरेलू संपत्तियों की घोषणा की है। इसमें से 38 फीसदी ने बताया है कि उनकी पारिवारिक आय 10 लाख रुपए से कम है।

निर्वाचित होने से पहले साल में दायर टैक्स रिटर्न में 72 फीसदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के सांसदों ने दावा किया है कि उनकी आय 10 लाख रुपए से कम है। यह जानकारी 4,910 में से 4848 सांसदों और विधायकों द्वारा दायर हलफनामों पर इंडियास्पेंड द्वारा किए गए विश्लेषण में सामने आई है।

विश्लेषण में पाया गया है कि देश भर में कम से कम 75 फीसदी सांसद और विधायकों ने अपनी सालाना आय 10 लाख रुपए से कम घोषित की है। करीब 35 फीसदी विधि निर्माताओं ने अपनी सालाना आय 2.5 लाख से कम बताई है। 40 फीसदी ने सालाना आय 2.5 लाख और 10 लाख से बीच बताई है। कम से कम 1,141 या 24 फीसदी सांसदों और विधायकों ने आयकर से छूट का दावा किया है या कोई आय न होने की बात कही है।

1 फरवरी, 2017 पर अपने बजट भाषण के दौरान, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने व्यंग्य करते हुए कहा था, “हम निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि हमारा समाज काफी हद तक टैक्स के गैर-अनुरूप है।”आयकर डेटा साझा करते हुए अरुण जेटली ने कहा कि वर्ष 2015-16 में 3.7 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न दायर किया है। जिसमें 99 लाख यानी 27 फीसदी लोगों ने अपनी सालाना आय 2.5 लाख रुपए की छूट सीमा से कम बताया है। 195 लाख या 53 फीसदी लोगों ने अपनी सालाना आय 2.5 लाख रुपए और 5 लाख रुपए के बीच बताई है, जबकि 76 लाख लोगों या 20 फीसदी ने अपनी सालाना आय 5 लाख रुपए से ज्यादा बताई है।

यदि परिवार की वार्षिक आय यानी पति या पत्नी, आश्रित की उनके टैक्स रिटर्न में घोषित आय को सांसदों और विधायकों की आय में जोड़ा जाता है, तो 62 फीसदी विधायकों के घरों की आय 10 लाख रुपए से कम है।

भारत के करीब आधे(2,410) सांसदों और विधायकों ने 2 करोड़ रुपए से अधिक की घरेलू संपत्ती की घोषणा की है। जिनमें से 38 फीसदी यानी 912 सांसदों और विधायकों ने 10 लाख रुपए से कम की परिवार आय होने की बात कही है। यहां घरेलू सुपतिति का मतलब है. निर्वाचित सदस्य, पति या पत्नी और आश्रित की चल और अचल संपत्ति ।

10 लाख रुपए से अधिक की पारिवारिक आय के साथ वाले 1,843 सांसदों और विधायकों में से 106 ने 1 करोड़ से कम की घरेलू संपत्ति की घोषणा की है।

4848 सांसदों में से केवल एक चौथाई सांसदो / विधायकों ने 10 लाख रुपए से ज्यादा की आय की घोषणा की है

केवल 25 फीसदी सांसदों और विधायकों यानी 4848 में से 1,236 ने अपने टैक्स रिटर्न में अपनी वार्षिक आय 10 रुपए से ज्यादा होने की घोषणा की है। 35 फीसदी ने यानी 4848 में से 1,676 ने बताया है कि उनकी आय 2.5 लाख रुपए से कम है।

सासंदों/विधायकों की स्व-घोषित वार्षिक आय

क्षेत्रीय पार्टियों में समाजवादी पार्टी (सपा) के 83 फीसदी, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के 78 फीसदी, तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के 68 फीसदी और बीजू जनता दल (बीजद) के 80 फीसदी सांसद और विधायक ने 10 लाख रुपए से कम आय की घोषणा की है।

राजनीतिक पार्टी अनुसार सांसदों की स्व-घोषित वार्षिक आय

For details on income ranges upto Rs 10 lakh, click here.

हालांकि, 63 फीसदी लोकसभा सांसदों ने 10 लाख रुपए से कम वार्षिक आय की घोषणा की है, जबकि केवल 13 फीसदी राज्यसभा सांसदों ने 10 लाख रुपए से कम वार्षिक आय की घोषणा की है। राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के करीब 80 फीसदी विधायकों ने 10 लाख रुपए से कम वार्षिक आय की घोषणा की है।

विधानमंडल अनुसार विधायकों की स्व-घोषित वार्षिक आय

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24 फीसदी विधायकों ने किसी भी तरह की अपनी आय घोषित नहीं की

कम से कम 1,676 यानी 35 फीसदी निर्वाचित प्रतिनिधियों ने 2.5 लाख रुपए से कम वार्षिक आय की घोषणा की है। इनमें से 1,141 (24 फीसदी) ने चुनाव आयोग को सूचना दी है कि विभिन्न आधारों पर उन्हें आयकर से छूट दी गई है। जैसे कि किसान होने के नाते, या फिर संविधान की छठी अनुसूची में दर्ज इलाकों से होने की वजह से- जैसे कि अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा जैसे राज्यों से होने की वजह से उन्हें आयकर से छूट दी गई है। या फिर उन्होंने किसी प्रकार का आय, न होने की घोषणा की है।

सांसदों और विधायकों की कुल पारिवारिक आय

केवल 38 फीसदी विधायकों (4848 में से 1,843) ने कहा कि उनकी परिवार की वार्षिक आय 10 लाख रुपए से ज्यादा थी। जबकि 28 फीसदी (4848 में से 1,343) ने 2.5 लाख रुपए से कम पारिवारिक आय बताई है।

सांसदों के स्व-घोषित वार्षिक पारिवारिक आय

कुल सांसदों / विधायकों में से आधे के पास 2 करोड़ रुपए से ज्यादा की घरेलू संपत्ति

भारत के निर्वाचित प्रतिनिधियों में से आधे ने 2 करोड़ रुपए से ज्यादा की घरेलू संपत्ति की घोषणा की है, जबकि 28 फीसदी ने 5 करोड़ रुपए से ज्यादा घरेलू संपत्ति होने की घोषणा की है। कम से कम 70 फीसदी सांसद एवं विधायकों ने 1 करोड़ से ज्यादा संपत्ति की बात स्वीकार की है।

हालांकि निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा घोषित संपत्तियों का आकलन बाजार मूल्य पर किए जाने की अपेक्षा की जाती है, लेकिन अचल संपत्ति का मूल्यांकन अक्सर कम होता है, जैसा कि इंडियन एक्सप्रेस ने दिसंबर 2013 में अपनी रिपोर्ट में बताया है।

एक पूर्व चुनाव आयुक्त कहते हैं कि कानून निर्माताओं द्वारा संपत्ति के मूल्यांकन के लिए कानून का सही उपयोग नहीं हो रहा है। पूर्व चुनाव आयुक्त लोगों को अदालत का दरवाजा खटखटाने का आग्रह करते हैं, जिससे वैध मूल्यांकन हो पाए, जैसा कि इंडियन एक्सप्रेस ने दिसंबर 2013 की रिपोर्ट में बताया है।

सांसदों द्वारा स्व-घोषित घरेलू संपत्ति के मूल्य

संपत्ति और सांसदों और विधायकों की आय के बीच का संबंध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 दिसंबर 2016 को कहा, “हम तथ्यों की कब तक अनदेखी करते रहेंगे? मैं कुछ जानकारी आपके साथ साझा करना चाहता हूं, जिसे सुन कर या तो आपको हंसी आएगी या फिर बहुत गुस्सा। सरकार को मिली जानकारी के अनुसार, भारत में केवल 24 लाख लोग यह स्वीकार करते हैं कि उनकी वार्षिक आय 10 लाख रुपए ये ज्यादा है। ”

“अगर हम किसी बड़े शहर पर नजर डालें तो वहां लाखों लोग होंगे जिनकी वाषिक आय 10 लाख रुपए से ज्यादा है। क्या आपको यह महसूस नहीं होता है कि देश की भलाई के लिए ईमानदारी के लिए इस आंदोलन को और मजबूत करने की जरूरत है?”

प्रधानमंत्री ने संपत्ति और आयकर विभाग को दिए गए घोषित आय के आंकड़ों के बीच बहुत हद तक समानता की बात कही। हमने घोषित परिसंपत्तियों और सांसदों और विधायकों की आय के बीच बड़ी दूरी पाई है।

सांसदों की आय-संपत्ति के बीच सहसंबंध

Household Asset ValueSelf-Declared Annual Family Income
> Rs 10 lakhRs 5-10 lakhRs 2.5-5 lakh< Rs 2.5 lakh
< Rs 1 crore106289297778
Rs 1-2 crore239313160256
Rs 2-5 crore474286127192
Rs 5-10 crore388873463
Rs 10-30 crore402431742
Rs 30-50 crore88605
Rs 50-100 crore76203
> Rs 100 crore70104

  1. 2 करोड़ रुपए से ज्यादा के संपत्ति वाले 38 फीसदी (2,410 में से 912) विधायकों ने 10 लाख से कम की परिवार की संपत्ति की घोषणा की है।
  2. 2 करोड़ से 5 करोड़ के बीच संपत्ति वाले 1,079 सांसदों में से सिर्फ 44 फीसदी (474) ने 10 लाख रुपए से ज्यादा आय की घोषणा की है।
  3. 2 से 10 करोड़ की संपत्ति के साथ 22 फीसदी (1,651 में से 255) ने 2.5 लाख से कम आय की घोषणा की है।
  4. 2 से 30 करोड़ की संपत्ति के साथ 41 फीसदी (2155 में से 891) ने 10 लाख रुपए से कम आय की घोषणा की है।
  5. 50 करोड़ से ज्यादा घरेलू संपत्ति के साथ 156 सांसदों में से 10 ने 10 लाख रुपए से कम आय की घोषणा की है।
  6. 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के साथ 75 विधायकों में से 4 ने 2.5 लाख से कम आय की घोषणा की है।
  7. 1 करोड़ से कम संपत्ति के साथ 7 फीसदी (1,470 में से 106) ने वार्षिक आय 10 लाख रुपए से ज्यादा की घोषणा की है।
  8. कम से कम 2,410 निर्वाचित प्रतिनिधियों (सांसद / विधायक) ने 2 करोड़ रुपए से अधिक घरेलू परिसंपत्ति की घोषणा की है, जिसमें से 912 (2410 में से या 38 फीसदी) ने 10 लाख रुपए से कम की पारिवारिक आय बताई है।

10 लाख से ज्यादा आय वाले सांसद और विधायक

1,843 निर्वाचित प्रतिनिधि, जिन्होंने 10 लाख रुपए से ज्यादा की वार्षिक आय की घोषणा की है, उनमें से 345 (1,843 का 19 फीसदी) ने 2 करोड़ से कम परिसंपत्ति की घोषणा की है। 903 सांसदों और विधायकों ने परिवार की आय 10 से 20 लाख रुपए के बीच होने की घोषणा की है। इनमें से 410 ने 50 लाख से ज्यादा पारिवारिक आय की घोषणा की है।

विधानमंडल अनुसार 10 लाख से ज्यादा वार्षिक आय के साथ सांसदों की घरेलू परिसंपत्ति मूल्य

Household Asset ValueSelf-Declared Annual Family Income
> Rs 10 croreRs 1-10 croreRs 50 lakh to Rs 1 croreRs 20-50 lakhRs 10-20 lakh
> Rs 100 crore16351252
Rs 50-100 crore24411910
Rs 30-50 crore131261713
Rs 10-30 crore36472159104
Rs 5-10 crore01640140192
Rs 2-5 crore0623138307
Rs 1-2 crore01746185
< Rs 1 crore0001690

नोट- साभी आंकड़े सांसदों और विधायकों द्वारा भारत निर्वाचन आयोग में दायर हलफनामें से लिए गए हैं और उनके चुने जाने के ठीक पहले वर्ष के सदृश हैं।

(मनोज के. दिल्ली, आईआईटी से स्नातक हैं एवं सेंटर फॉर गवरनेंस एंड डिवलपमेंट के संस्थापक हैं। मनोज शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रबल समर्थक हैं।)

यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 16 फरवरी 2017 को indiaspend.com पर प्रकशित हुआ है।

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